शनिवार, 15 अगस्त 2020

☀ *सूर्य के उपाय एवं शान्ति* ☀

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☀ *सूर्य के उपाय एवं शान्ति* ☀
सूर्य -  सूर्य ग्रह सभी ग्रहों का राजा माना गया है। वैदिक ज्योतिष में इसे आत्मा, मान-सम्मान, राजा, उच्च पद, सरकारी सेवा, लीडरशिप आदि का कारक माना जाता है। सूर्य सिंह राशि का स्वामी है। यह तुला राशि में नीच का होता है। जबकि मेष राशि में यह उच्च का होता है।शनि और शुक्र इसके शत्रु ग्रह हैं।
❄अशुभ सूर्य का प्रभाव❄
 सूर्य के अशुभ होने पर शरीर में अकड़न आ जाती है। मुँह में थूक बना रहता है। यदि घर पर या घर के आसपास लाल गाय या भूरी भैंस है तो वह खो जाती है या मर जाती है। यदि सूर्य और शनि एक ही भाव में हों तो घर की स्त्री को कष्ट होता है। यदि सूर्य और मंगल साथ हों और चंद्र और केतु भी साथ हों तो पुत्र, मामा और पिता को कष्ट। सूर्य के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति अपना पद भी खो बैठता है।

🌻क्या ना करें🌻
सूर्य कमजोर अथवा नीच का होकर आपको परेशान कर रहा है अथवा किसी कारण सूर्य की दशा सही नहीं चल रही है तो आपको गेहूं और गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा आपको इस समय तांबा धारण नहीं करना चाहिए अन्यथा इससे सम्बन्धित क्षेत्र में आपको और भी परेशानी महसूस हो सकती है। पिता और पिता तुल्य व्यक्ति का अपमान नही करना चाहिए। 

✍उपाय ✍
सूर्य के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपाय करके सूर्य ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। जो निम्नलिखित हैं -
∆ "ओम् ह्रां ह्रीं ह्रूं स: सूर्याय नमः" या "ओम् घृणि सूर्यायः नमः"। इन दोनों में से कोई एक मंत्र का 108 बार जाप किसी भी शुक्ल पक्ष के रविवार से शुरू कर प्रतिदिन करे।  
∆ प्रतिदिन सूर्येदेव को प्रणाम करके ताम्र पात्र में जल सामने रखकर लाल वस्त्र धारण करके पूर्व दिशा की तरफ मुख करके 1 माला सूर्यमंत्र जाप करने के पश्चात ताम्र पात्र से अर्ध्य दे। 
∆ पिता की सेवा करने से भी सूर्येदोष शान्त होता है। 
∆ भगवान विष्णु की पुजा कर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करते हुए रविवार का व्रत करना चाहिए। 
∆ दान के विषय में शास्त्र कहता है कि दान का फल उत्तम तभी होता है जब यह शुभ समय में सुपात्र को दिया जाए। सूर्य से सम्बन्धित वस्तुओं का दान रविवार के दिन दोपहर में ४० से ५० वर्ष के व्यक्ति को देना चाहिए।
∆ गाय को गेहुं और गुड़ मिलाकर खिलाना चाहिए।
∆ किसी ब्राह्मण अथवा गरीब व्यक्ति को गुड़ का खीर खिलाने से भी सूर्य ग्रह के विपरीत प्रभाव में कमी आती है। अगर आपकी कुण्डली में सूर्य कमजोर है तो आपको अपने पिता एवं अन्य बुजुर्गों की सेवा करनी चाहिए इससे सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
∆ प्रात: उठकर सूर्य नमस्कार करने से भी सूर्य की विपरीत दशा से आपको राहत मिल सकती है।
∆ सूर्य को बली बनाने के लिए व्यक्ति को प्रातःकाल सूर्योदय के समय उठकर लाल पुष्प वाले पौधों एवं वृक्षों को जल से सींचना चाहिए।
∆ रात्रि में ताँबे के पात्र में जल भरकर सिरहाने रख दें तथा दूसरे दिन प्रातःकाल उसे पीना चाहिए।
∆ ताँबे का कड़ा दाहिने हाथ में धारण किया जा सकता है।
∆ लाल गाय को रविवार के दिन दोपहर के समय दोनों हाथों में गेहूँ भरकर खिलाने चाहिए। गेहूँ को जमीन पर नहीं डालना चाहिए।
∆ किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य पर जाते समय घर से मीठी वस्तु खाकर निकलना चाहिए।
∆ हाथ में मोली (कलावा) छः बार लपेटकर बाँधना चाहिए।
∆ लाल चन्दन को स्नान के जल में डालकर स्नान करना चाहिए।
∆ सूर्य के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु रविवार का दिन, सूर्य के नक्षत्र (कृत्तिका, उत्तरा-फाल्गुनी तथा उत्तराषाढ़ा) तथा सूर्य की होरा में अधिक शुभ होते हैं।  
∆ गायत्री माता का ध्यान कर गायत्री मंत्र का जाप करने से भी सूर्य का अशुभ प्रभाव कम होता है।

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