यह यंत्र एक पंचकोणीय (स्टार आकार का) महायंत्र है, जिसमें श्रीराम, हनुमान, बाबा मैल, माँ दुर्गा, माँ काली आदि शक्तियों का आह्वान है। यह यंत्र मुख्य रूप से रक्षा, शत्रु-विनाश, धन-सम्पत्ति वृद्धि तथा परिवार की सुख-शांति के लिए प्रयोग किया जाता है। नीचे इसकी पूजा विधि, उपाय, लाभ एवं टोटकों का विस्तार दिया गया है—
🔱 पूजा विधि
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शुभ मुहूर्त
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मंगलवार, शनिवार या अमावस्या/पूर्णिमा के दिन इस यंत्र की स्थापना शुभ मानी जाती है।
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प्रातः सूर्योदय के बाद स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें।
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स्थान चयन
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यंत्र को लाल या पीले कपड़े पर स्थापित करें।
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घर के पूजा स्थान, तिजोरी, व्यवसायिक स्थान, अथवा उत्तर-पूर्व दिशा में रखना उत्तम है।
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सामग्री
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धूप, दीपक, लाल पुष्प, गुड़, सिंदूर, अक्षत (चावल), पान के पत्ते, अगरबत्ती।
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यंत्र को शुद्ध जल/गंगाजल से छिड़क कर शुद्ध करें।
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पूजन विधि
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दीपक जलाकर यंत्र के सामने बैठें।
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पहले ॐ का उच्चारण कर तीन बार ध्यान करें।
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यंत्र पर हल्दी, कुमकुम, पुष्प अर्पित करें।
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निम्न मंत्र का 108 बार जप करें—
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मंत्र जाप के बाद यंत्र पर गुड़, पान या मिठाई चढ़ाकर प्रसाद स्वरूप परिवार में बांटें।
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🌟 लाभ
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रक्षा कवच – यह यंत्र साधक और उसके परिवार को नकारात्मक ऊर्जा, भूत-प्रेत, तंत्र-दोष, बुरी नजर और शत्रु बाधाओं से बचाता है।
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धन-समृद्धि – घर या दुकान में रखने से आर्थिक उन्नति, व्यापार में लाभ, अचानक धन प्राप्ति होती है।
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साहस और आत्मविश्वास – व्यक्ति का आत्मबल, कार्यक्षमता और निर्णय शक्ति बढ़ती है।
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शत्रु नाश – छिपे या प्रकट शत्रु स्वयं नष्ट हो जाते हैं या दूर चले जाते हैं।
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सुख-शांति – परिवार में आपसी प्रेम, तालमेल और सुख-समृद्धि आती है।
🪔 विशेष टोटके
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व्यापार वृद्धि हेतु – दुकान या ऑफिस की तिजोरी में यह यंत्र रखकर प्रतिदिन धूप-दीप करें।
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शत्रु निवारण हेतु – मंगलवार को 11 नींबू पर यह मंत्र जपकर नींबू किसी चौराहे पर फेंक दें।
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घर की शांति हेतु – अमावस्या को यंत्र के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर परिवार के नाम से प्रार्थना करें।
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सुरक्षा हेतु – यदि यात्रा पर जा रहे हों तो एक छोटा यंत्र लाल कपड़े में बांधकर अपने साथ रखें।
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स्वास्थ्य लाभ हेतु – शनिवार की रात इस यंत्र के पास सरसों के तेल का दीप जलाकर प्रार्थना करें – इससे रोग-पीड़ा कम होती है।
🧘 निष्कर्ष
यह पंचमुखी यंत्र वास्तव में रक्षा एवं धन-संपत्ति वृद्धि का शक्तिशाली साधन है। इसे श्रद्धा और नियमपूर्वक स्थापित करने से साधक को आध्यात्मिक बल, आर्थिक समृद्धि और शत्रु-निवारण की शक्ति प्राप्त होती है। यदि प्रतिदिन सिर्फ एक दीपक जलाकर मंत्र का 11 बार जप भी किया जाए तो भी अद्भुत परिणाम प्राप्त होते हैं।
हे महाबली देवी - देवता मेरी व मेरी पत्नी एवं पुत्रियों हमारी सहित रक्षा एवं सुरक्षा करते हुये हमारे धन-सम्पत्ति, सौभाग्य में वृद्धि करें हम लोगों के माध्यम से पुण्य कर्म, देव कर्म करायें और हमारे माध्यम से सुख शान्ती का भोग करें, इसके लिए हम लोगो को बुद्धि विद्या बल एवं धन-सम्पत्ति से सम्पन्न करें।
स्नेहकाँक्षी परिवार:-मधुकर, किरन, शिवाँशी, लक्षिता
उक्त जगह पर तथा यंत्र के बीच में अपने परिवार का नाम लिखें
उक्त यंत्र को 11 बार बनाने 05 बार बंजरंग बाण पढ़ने से ईश्वरी ऊर्जा आपकी रक्षा करती है।