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सोमवार, 6 अगस्त 2018

राहु एक छाया ग्रह है.

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राहु एक छाया ग्रह है. अगर आपकी कुंडली मैं राहु शुभ स्थिति मैं है तो आपको दौलत, शोहरत, मान सम्मान और सभी कामो मैं सफलता देता है. अगर राहु प्रतिकूल है तो ये बहुत ही नकारात्मक फल देता है. राहु की दशा/अन्तर्दशा में व्यक्ति की बुद्धि भ्रमित हो जाती हैं और व्यक्ति कई ऐसे गलत निर्णय ले लेता है जिसके लिए उसे भविष्य में पछताना पड़ता है.

राहु ग्रह भगवान भोलेनाथ के परम आराधक है अत: जब राहु ग्रह अशुभ फल दे रहा हो तो जातक को शिवजी की आराधना करनी चाहिए।

राहु मंत्र का प्रतिदिन एक माला जप करे।

सोमवार को व्रत करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और राहु के अशुभ फल काम होते हैं

चिड़िया को प्रतिदिन बाजरा खिलाएं।

सात प्रकार के अनाज का दान समय-समय पर करते रहें।

शनिवार की शाम को काले कपडे मैं एक नारियल और ग्यारह साबुत बादाम बांधकर बहते जल में प्रवाहित करें।

शिवलिंग पर जलाभिषेक करें।

घर के नैऋत्य कोण में पीले रंग के फूल लगाएं।

नॉन वेज व शराब का सेवन बिल्कुल न करें।

शनिवार की शाम को काले-नीले फूल, गोमेद, नारियल, मूली, सरसों, नीलम, कोयले, खोटे सिक्के, नीला वस्त्र किसी कोढ़ी को दान में देना चाहिए।

अपने सिरहाने जौ रखकर सोयें और सुबह उनका दान कर दें

अपने पास सफेद चन्दन अवश्य रखना चाहिए।

अष्टधातु का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए।

 *शनिवार विशेष : भाग्य चमकाते हैं यह 4 सरलतम उपाय*

शनिवार के दिन शनिदेव और हनुमान जी की आराधना तो सभी करते हैं। यहां वर्णित है 4 ऐसे उपाय जो विशेष रूप से शनिवार को ही किए जाते हैं। इन प्रयोगों से किस्मत के सितारे दमकने लगते हैं।

1- शनिवार की रात में रक्त चन्दन से अनार की कलम से *'ॐ ह्वीं'* को भोजपत्र पर लिख कर नित्य पूजा करने से अपार विद्या, बुद्धि की प्राप्ति होती है।  

2- शनिवार को काले कुत्ते, काली गाय को रोटी और काली चिडिया को दाने डालने से जीवन की रुकावटें दूर होती है।

3- शनिवार को तेल से बने पदार्थ भिखारी को खिलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। 

4- किसी शनिवार को, किसी भी शुभ योग/शुभ चौघडिया में शाम के वक्त अपनी लंबाई के बराबर लाल रेशमी सूत नाप लें। फिर एक पत्ता बरगद का तोड़ें। उसे स्वच्छ जल से धोकर पोंछ लें। तब पत्ते पर अपनी कामना रूपी नापा हुआ लाल रेशमी सूत लपेट दें और पत्ते को बहले हुए जल में प्रवाहित कर दें। इस प्रयोग से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती है और भाग्य चमकने लगता है।

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शास्त्रों के अनुसार मित्रता वाले नक्षत्र, शत्रुता वाले नक्षत्र एवं ग्रहों से सम्बन्ध

शास्त्रों के अनुसार किस नक्षत्र की किस नक्षत्र से मित्रता तथा किस नक्षत्र से शत्रुता एवं किस से सम भाव रहता है?   शास्त्रों में नक्षत्रों के...