धन सम्पत्ति प्राप्त करने का तंत्र मंत्र यंत्र यंत्र
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तंत्र मंत्र यंत्र |
यह “श्री वित्तेश्वर यंत्र” है, जो धन–सम्पत्ति, ऐश्वर्य और लक्ष्मी कृपा का अत्यंत प्रभावी साधन माना जाता है। नीचे मैं इसकी पूजा विधि, मंत्र जप, उपाय, लाभ और कुछ सरल टोटकों सहित संपूर्ण लेख दे रहा हूँ:
✨ श्री वित्तेश्वर यंत्र – पूजा विधि एवं प्रयोग
1. स्थापना की विधि
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समय: शुक्रवार या बुधवार का दिन शुभ रहता है।
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स्थान: पूजा कक्ष, तिजोरी, अलमारी या धन रखने के स्थान पर रखें।
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शुद्धिकरण:
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सबसे पहले स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
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पूजा स्थान पर गंगाजल या शुद्ध जल से छिड़काव करें।
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पीले/लाल वस्त्र पर यह यंत्र स्थापित करें।
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2. पूजन प्रक्रिया
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घी या तिल के तेल का दीपक जलाएँ।
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अगरबत्ती व धूप करें।
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चंदन, अक्षत (चावल), फूल और पीले/लाल पुष्प चढ़ाएँ।
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यंत्र के सामने बैठकर निम्न मंत्र का जप करें:
मंत्र:
ॐ हुं श्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः। मम प्रचुर धन-सम्पत्तिं देहि देहि कुरु कुरु स्वाहा।
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108 बार (1 माला) जप अवश्य करें।
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यदि संभव हो तो 21 दिन तक लगातार करें।
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🌟 श्री वित्तेश्वर यंत्र से जुड़े उपाय व टोटके
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व्यापार वृद्धि के लिए
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यंत्र को दुकान/ऑफिस की गल्ले में रखें।
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रोज सुबह दीपक और अगरबत्ती दिखाएँ।
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इससे ग्राहकों का आकर्षण और बिक्री बढ़ती है।
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ऋण मुक्ति हेतु
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हर शुक्रवार को यंत्र के सामने 11 लौंग व 11 बताशे चढ़ाएँ।
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पूजा के बाद लौंग व बताशे घर के सदस्यों में बाँट दें।
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धीरे-धीरे कर्ज का बोझ कम होने लगेगा।
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तिजोरी की रक्षा के लिए
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तिजोरी या लॉकर में यंत्र रखकर उस पर लाल कपड़ा ढक दें।
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मान्यता है कि धन की चोरी या अपव्यय रुक जाता है।
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घर में सुख-समृद्धि हेतु
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शुक्रवार को लक्ष्मी पूजन के साथ इस यंत्र की भी आराधना करें।
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घर के मुख्य द्वार पर गंगाजल छिड़ककर दीपक जलाएँ।
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इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं टिकती।
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✅ लाभ
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घर और जीवन में धन-संपत्ति की वृद्धि होती है।
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व्यापार में अचानक लाभ और नए अवसर मिलते हैं।
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कर्ज और आर्थिक संकट से छुटकारा मिलता है।
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परिवार में सुख-शांति और सौभाग्य की वृद्धि होती है।
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घर-ऑफिस में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है।
👉 कुल मिलाकर यह यंत्र लक्ष्मी-कृपा, धन-आकर्षण और आर्थिक स्थिरता का प्रतीक है। यदि श्रद्धा, विश्वास और नियमितता से पूजा की जाए तो बहुत शीघ्र शुभ परिणाम मिलने लगते हैं।
तंत्र
महालक्ष्मी और श्री विष्णु की पूजा करें।
- शाम को किसी भी नजदीकी मंदिर में दीपक लगाएं।
- क्रोध, अधर्म कर्म करने से बचे ।
मंत्र
ऊँ ऐं हृीं श्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे नमः मम प्रचूर धन-सम्पत्ति देहि-देहि कुरु-कुरु स्वाहा
लगभग एक वर्ष तक उक्त मंत्र का जाप 108 बार जाप करने, बने हुये यंत्र में से किसी एक को 05 बार बनाने एवं प्रर्थना करने से ईश्वरी कृपा आप पर बरसने लगती है, एक वर्ष पश्चात दिन में सिर्फ दो बार सुबह-शाम 11 बार जाप करने से उक्त मंत्र की ऊर्जा आप में बनी रहती है।
प्रार्थना
हे महाबली देवी - देवता मेरी व मेरी पत्नी एवं पुत्रियों हमारी सहित रक्षा एवं सुरक्षा करते हुये हमारे धन-सम्पत्ति, सौभाग्य में वृद्धि करें हम लोगों के माध्यम से पुण्य कर्म, देव कर्म करायें और हमारे माध्यम से सुख शान्ती का भोग करें, इसके लिए हम लोगो को बुद्धि विद्या बल एवं धन-सम्पत्ति से सम्पन्न करें।
स्नेहकाँक्षी परिवार :- मधुकर, किरन, शिवाँशी, लक्षिता
उक्त जगह पर तथा यंत्र के नीचे अपने परिवार का नाम लिखें