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गुरुवार, 7 जून 2018

श्री हनुमानजी के अलग-अलग स्वरूप

*जानिए श्री हनुमानजी के किस स्वरूप की पूजा से क्या लाभ होता है*
*कलियुग में हनुमानजी सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवताओं में से एक हैं। हनुमानजी के अलग-अलग स्वरूपों की कई प्रतिमाएं और चित्र आसानी से देखे जा सकते हैं। शास्त्रों में अनुसार इनके अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने पर अलग-अलग फलों की प्राप्ति होती है। जानिए हनुमानजी के विभिन्न स्वरूप और उनकी पूजा से मिलने वाले शुभ फल*

भक्त हनुमान

*1. भक्त हनुमान*
*इस स्वरूप में हनुमानजी श्रीराम की भक्ति में लीन दिखाई देते हैं। जो लोग इस स्वरूप की पूजा करते हैं, उन्हें कार्यों में सफलता पाने के लिए एकाग्रता और शक्ति प्राप्त होती है। लक्ष्यों को प्राप्त करने में आ रही परेशानियां दूर हो जाती हैं।*

सेवक हनुमान

*2. सेवक हनुमान*
*बजरंग बली के इस स्वरूप में हनुमानजी श्रीराम की सेवा में लीन दिखाई देते हैं। इस स्वरूप की पूजा करने पर भक्त के मन में कार्य और रिश्तों के प्रति सेवा और समर्पण की भावना जागृत होती है। व्यक्ति को परिवार और कार्य स्थल पर सभी बड़े लोगों का विशेष स्नेह प्राप्त होता है।*

वीर हनुमान

*3. वीर हनुमान*
*वीर हनुमान स्वरूप में साहस, बल, पराक्रम व आत्मविश्वास दिखाई देता है। हनुमानजी अपने साहस और पराक्रम से कई राक्षसों को नष्ट किया और श्रीराम के काज संवारें। वीर हनुमान की पूजा से भक्त को भी साहस की प्राप्ति होती है।*


*4. सूर्यमुखी हनुमान*
*सूर्य देव हनुमानजी के गुरु हैं। सूर्य पूर्व दिशा से उदय होता है। सूर्य और सूर्य का प्रकाश, गति और ज्ञान के भी प्रतीक हैं। जिस तस्वीर में हनुमानजी सूर्य की उपासना कर रहे हैं या सूर्य की ओर देख रहे हैं, उस स्वरूप की पूजा करने पर भक्त को भी ज्ञान और कार्यों में गति प्राप्त होती है। सूर्यमुखी हनुमान की पूजा से विद्या, प्रसिद्धि, उन्नति और मान-सम्मान प्राप्त होता है।*
दक्षिणामुखी हनुमान

*5. दक्षिणामुखी हनुमान*
*हनुमानजी की वह प्रतिमा जिसका मुख दक्षिण दिशा की ओर होता है, वह हनुमानजी का दक्षिणमुखी स्वरूप है। दक्षिण दिशा काल यानी यमराज (मृत्यु के देवता) की दिशा मानी जाती है। हनुमानजी रुद्र (शिवजी) अवतार माने जाते हैं, जो काल के नियंत्रक हैं। इसलिए दक्षिणामुखी हनुमान की पूजा करने पर मृत्यु भय और चिंताएं समाप्त होती हैं।*


*6. उत्तरामुखी हनुमान*
*देवी-देवताओं की दिशा उत्तर मानी गई है। इसी दिशा में सभी देवी-देवताओं का वास है। हनुमानजी की जिस प्रतिमा का मुख उत्तर दिशा की ओर है, वह हनुमानजी का उत्तरामुखी स्वरूप है। इस स्वरूप की पूजा करने पर सभी देवी-देवताओं की कृपा भी प्राप्त होती है। घर-परिवार में शुभ और मंगल वातावरण रहता है।* 

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