ब्लैक फंगस Black Fungus क्या है?
ब्लैक फंगस (Black Fungus), जिसे म्यूकोरमायकोसिस (Mucormycosis) के नाम से भी जाना जाता है, एक दुर्लभ लेकिन गंभीर फंगल संक्रमण है। यह संक्रमण म्यूकोरमाइसेट्स नामक कवक के कारण होता है, जो मिट्टी, पत्तियों, सड़ी हुई लकड़ी, और गीले वातावरण में पाया जाता है।
ब्लैक फंगस के लक्षण
ब्लैक फंगस आमतौर पर नाक, आंखों, मस्तिष्क, और फेफड़ों को प्रभावित करता है। इसके प्रमुख लक्षण हैं:
- नाक और साइनस में समस्या:
- नाक बंद होना या सड़ने जैसा काला निशान।
- नाक से खून आना।
- आंखों में समस्या:
- धुंधला दिखना या दृष्टि कम होना।
- आंखों के आसपास दर्द और सूजन।
- त्वचा में संक्रमण:
- त्वचा पर लाल, काले, या सूजे हुए क्षेत्र।
- सामान्य लक्षण:
- बुखार।
- सिरदर्द।
- सांस लेने में कठिनाई।
ब्लैक फंगस कैसे फैलता है?
यह फंगस शरीर में मुख्य रूप से निम्नलिखित तरीकों से प्रवेश करता है:
- सांस के जरिए: हवा में मौजूद फंगस के स्पोर्स (बीजाणु) सांस के जरिए अंदर जाते हैं।
- कट या घाव के जरिए: त्वचा पर चोट या घाव होने पर यह संक्रमण फैल सकता है।
ब्लैक फंगस से प्रभावित व्यक्ति
यह संक्रमण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को अधिक प्रभावित करता है, जैसे:
- डायबिटीज के मरीज।
- कोविड-19 से संक्रमित या ठीक हुए मरीज।
- स्टेरॉइड का अत्यधिक उपयोग करने वाले।
- कैंसर या अन्य गंभीर बीमारियों का इलाज करा रहे लोग।
ब्लैक फंगस का इलाज
- एंटी-फंगल दवाइयां:
- एम्फोटेरिसिन-बी (Amphotericin B) नामक दवा का उपयोग किया जाता है।
- सर्जरी:
- संक्रमित क्षेत्र को हटाने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
- मरीज की प्रतिरक्षा मजबूत करना:
- डायबिटीज को नियंत्रित करना।
- स्टेरॉइड का सीमित उपयोग।
ब्लैक फंगस से बचाव के उपाय
- साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- डायबिटीज को नियंत्रित रखें।
- कोविड-19 के दौरान स्टेरॉइड का सावधानीपूर्वक उपयोग करें।
- नमी वाली जगहों पर जाने से बचें।
ब्लैक फंगस एक नार्मल फंगस है जोकि हमारे आसपास हमेशा से रहता है| अरे ये वही है जिसको हम फफूंदी भी कहते हैं, जो कभी रोटी में लग जाता है, कभी ब्रेड में और भी बहुत सी खाने वाली चीजों में लग जाता है| अगर हम अपना कपड़ा एक महीने के लिए रख दें और उसमे भी नमी रहेगी, तो उसमें भी ब्लैक फंगस लग जायेगा|
किसको कर रहा है ये ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) इन्फेक्टेड
ब्लैक
फंगस उन्ही को ज्यादा हो रहा है जिनका इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली)
बहुत कमजोर है | जैसे कि कोरोना के मरीज क्योंकि जब कोरोना हुआ होता है तो
डॉक्टर्स मरीजों को स्टेरॉयड लगाते हैं| स्टेरॉयड हमारे शरीर को इतना
कमजोर कर देता है कि हमारा शरीर इस मामूली से फंगस से नहीं लड़ पाता, जैसे
एच.आई.वी. के मरीज इनका भी इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) कमजोर रहता
है| और जिनको बहुत हाई शुगर रहता है उनका भी इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा
प्रणाली) कमजोर हो चुका रहता है| ऐसे लोगों में इसका खतरा ज्यादा रहता है|
इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) क्या है
इम्यून
सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) हमारे शरीर के अन्दर एक डिफेन्स सिस्टम होता
है जोकि हमारे शरीर में अगर किसी वायरस, बैक्टीरिया या किसी भी रोग का अटैक
होता है तो ये डिफेन्स सिस्टम अपने आप ही सक्रिय हो जाता है और बचाव करना
शुरू कर देता है| सिंपल लफ्जों में कहें तो ये हमारे शरीर के अन्दर के वो
सैनिक हैं जो किसी भी बाहरी नुकसानदेह रोगों से हमारे शरीर की रक्षा करते
हैं|
ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) शरीर में कहाँ से प्रवेश करता है
जब
कोई कोरोना मरीज ज्यादा सीरियस हो जाता है तब उसको हैवी स्टेरॉयड देना
मजबूरी है, जिससे कि उसका इम्यून कमजोर हो जाता है| जब उस मरीज को ऑक्सीजन
दिया जाता है, तब ऑक्सीजन मास्क के जरिये नमीं आती है, क्योंकि ऑक्सीजन
सिलिंडर के फ्यूल मीटर में पानी भी डाला जाता है| ये जो ब्लैक फंगस है ये
हमेशा नमीं वाले जगह पे रहता है| इसके शरीर में प्रवेश करने का जरिया नाक
होता है| तो ब्लैक फंगस नाक के जरिये शरीर में प्रवेश करता है|
ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) के लक्षण
- ब्लैक फंगस हमेशा शरीर में नाक के रास्ते से एंट्री मारता है, हमारे नाक से पानी आने लगेगा, वो पानी हल्का भूरा रंग का होगा|
- नाक के अन्दर देखेंगे तो हल्का-हल्का धब्बा धब्बा बनने लगेगा|
- और मुंह से खांसी आने लगेगी|
- बुखार और सिरदर्द होने लगेगा|
- दांत और जबड़ों में दर्द होने लगेगा|
- दिखने में दिक्कत होने लगेगा|
- उल्टी में ब्लड आने लगेगा|
- गाल की हड्डियों में दर्द और नाक के पास सुजन आ जाती है|
- आँख लाल होने लगता है, और धीरे-धीरे ये आँख के रास्ते ब्रेन में जाने लगता है|
ध्यान
रखिये आँख लाल होने पर हॉस्पिटल मत भागने लगिए, क्योंकि आँख लाल होना पहला
लक्षण नहीं है| बारिश के मौसम में आँख लाल हो जाना आम बात है|
ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) की रोकथाम कैसें करें?
किसी
भी बीमारी से बचने के और ठीक होने के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण दो तरीके
हैं| पहला ये कि दवा टाइम पर खाते रहिये और दूसरा ये कि वो काम बिलकुल भी
ना करिए जिससे उस बीमारी के बढ़ने का जरा सा भी खतरा हो यानि कि जिसे हम
कहते हैं परहेज|
जैसे बहुत से लोगों को डायबिटीज होती है तो उनको मीठी चीजें, चावल, आलू
ऐसी चीजें चीजें खाने का मन करता है जिससे उनकी समस्या और बढ़ जाती है, तो
ऐसा बिलकुल भी मत करिए| ऐसी चीजों से कुछ दिन दूरी बनाये रखें| अगर आपको
ब्लैक फंगस से बचना है तो इन बातों को हमेशा ध्यान में रखें|
- ब्लैक फंगस से बचने के लिए डायबिटीज को कण्ट्रोल में रखे|
- प्रदुषण वाली जगहों पर नाक और मुंह ढक कर जाये|
- अगर बागबानी का शौक है तो मिट्टी और खाद छूते टाइम ग्लव्स और जूतों का इस्तेमाल करें|
- बाहर निकलने से बचें, लोगों के संपर्क में आने से बचें, क्योंकि ध्यान रहे ब्लैक फंगस ज्यादातर कोरोना मरीजों पर अटैक कर रहा है|
ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) का उपचार
ब्लैक
फंगस में डॉक्टर्स अमूमन एंटी फंगल दवाइयां देते हैं लेकिन कई मामलों में
सर्जरी की नौबत भी आ जाती है| इलाज के टाइम सबसे बड़ी ज़रुरत होती है
डायबिटीज पर नियंत्रण, इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) को कमजोर करने
वाली दवाइयों पर रोक, इलाज के दौरान शरीर में पानी की कमी ना हो इसके लिए
एंटी फंगल दवाइयां देने से पहले नार्मल सेलाइन भी दिया जाता है| इलाज 4 से 6
हफ्ते तक चलता है|
ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) का इलाज कौन करता है
कोरोना
के साथ ब्लैक फंगस की चपेट में आये मरीजों के इलाज में डॉक्टर्स की पूरी
टीम लगती है, जिसमें माइक्रोबायोलॉजिस्ट, इंटर्नल मेडिसिन स्पेशलिस्ट,
न्यूरोलॉजिस्ट, ई.एन.टी. स्पेशलिस्ट, डेंटिस्ट और सर्जन शामिल होते हैं|
ब्लैक फंगस, जिसे म्यूकोर्मिकोसिस भी कहा जाता है, एक गंभीर और जानलेवा फंगल संक्रमण है जो म्यूकोर्मिकोसिस नामक फंगस के कारण होता है। यह संक्रमण आमतौर पर नाक, आंखों और मस्तिष्क में होता है, लेकिन यह अन्य अंगों में भी फैल सकता है।
ब्लैक फंगस के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- नाक से खून बहना
- आंखों में दर्द और सूजन
- दृष्टि में कमी
- सिरदर्द
- बुखार
- सांस लेने में कठिनाई
ब्लैक फंगस के कारणों में शामिल हो सकते हैं:
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली
- मधुमेह
- कैंसर
- स्टेरॉयड का उपयोग
- कोविड-19 संक्रमण
ब्लैक फंगस का इलाज आमतौर पर एंटिफंगल दवाओं के साथ किया जाता है, लेकिन यह संक्रमण बहुत गंभीर हो सकता है और इसके लिए तुरंत चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
निष्कर्ष
ब्लैक फंगस एक गंभीर समस्या है, लेकिन इसे समय पर पहचानकर और सही इलाज से ठीक किया जा सकता है। जो लोग पहले से ही गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, उन्हें विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।