#बुद्ध ग्रह (#Mercury) का #ज्योतिष में विशेष महत्व
यह बुद्धि, वाणी, तर्क शक्ति, व्यापार, संचार और लेखन से जुड़ा ग्रह है। इसका प्रभाव व्यक्ति के सोचने-समझने की क्षमता, बोलने की शैली, और तर्क क्षमता पर पड़ता है। नीचे बुद्ध ग्रह से जुड़े मंत्र, यंत्र, तंत्र, टोटके और कुंडली में इसके विभिन्न भावों और राशियों में स्थित होने पर प्रभाव का विस्तृत विवरण दिया गया है:
1. बुद्ध ग्रह के मंत्र
बुद्ध ग्रह के प्रभाव को सुदृढ़ करने और इसके शुभ फलों को प्राप्त करने के लिए निम्न मंत्रों का जाप किया जा सकता है:
- बीज मंत्र:
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।
- वेद मंत्र:
उद्बुध्यस्वाग्ने प्रतिजागृहि त्वमिष्टापूर्ते संसृजेथामयं च। सृष्टं येन लोकं इमं परं च ब्रह्माणं त्वं यः परमस्य विधाने।
- तांत्रिक मंत्र:
ॐ ऐं स्त्रीम श्रीं बुधाय नमः।
- जाप संख्या: प्रतिदिन 9000 बार (कनिष्ठा उंगली में कुश की माला से जाप करें)।
2. बुद्ध ग्रह यंत्र
बुद्ध यंत्र का निर्माण और उसकी पूजा बुद्ध ग्रह के दोष निवारण और उसके शुभ प्रभावों को बढ़ाने के लिए की जाती है।
- यंत्र निर्माण का समय: बुधवार के दिन, शुभ मुहूर्त में।
- यंत्र स्थापना:
- यंत्र को चांदी या तांबे पर बनवाएं।
- इसे हरे रंग के कपड़े पर स्थापित करें।
- सामने दीपक जलाएं और
ॐ बुधाय नमः
मंत्र का जाप करें।
- यंत्र का स्वरूप:
अंक 1 से 9 का ऐसा संयोजन हो जिसमें सभी पंक्तियों का योग समान हो। हे महाबली देवी - देवता मेरी व मेरी पत्नी एवं पुत्रियों हमारी सहित रक्षा एवं सुरक्षा करते हुये हमारे धन-सम्पत्ति, सौभाग्य में वृद्धि करें हम लोगों के माध्यम से पुण्य कर्म, देव कर्म करायें और हमारे माध्यम से सुख शान्ती का भोग करें, इसके लिए हम लोगो को बुद्धि विद्या बल एवं धन-सम्पत्ति से सम्पन्न करें।
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3. तांत्रिक उपाय (तंत्र)
- बुध ग्रह की शांति के लिए:
- किसी योग्य ब्राह्मण द्वारा बुध ग्रह की शांति का हवन करवाएं।
- हवन सामग्री में हरी मूंग, इलायची, तथा तुलसी के पत्ते का उपयोग करें।
- तांत्रिक उपाय:
- बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनकर तुलसी के पौधे की पूजा करें।
- हरे वस्त्रों, चने की दाल, तथा धन का दान करें।
4. बुध ग्रह से जुड़े सामान्य टोटके
- सकारात्मक ऊर्जा के लिए:
- घर में तोते का पिंजरा रखें और उनकी देखभाल करें।
- व्यापार में सफलता के लिए:
- बुधवार को गणेश जी की पूजा करके हरे मूंग दान करें।
- बुद्धि और तर्कशक्ति के लिए:
- हरे रंग की चूड़ियां या वस्त्र बुधवार के दिन दान करें।
5. कुंडली में बुध ग्रह का भावों में प्रभाव
प्रत्येक भाव में बुध का प्रभाव
- प्रथम भाव (लग्न):
- व्यक्ति बुद्धिमान, चतुर, और वाक्पटु होता है।
- द्वितीय भाव:
- धन संचय की क्षमता और वाणी में मधुरता आती है।
- तृतीय भाव:
- साहस, तर्कशक्ति, और लेखन में निपुणता देता है।
- चतुर्थ भाव:
- घर, वाहन, और माता से सुख प्रदान करता है।
- पंचम भाव:
- शिक्षा, प्रेम संबंध, और सृजनशीलता में सफलता।
- षष्ठम भाव:
- ऋण और शत्रुओं पर विजय।
- सप्तम भाव:
- व्यापार और वैवाहिक जीवन में समझदारी।
- अष्टम भाव:
- शोध, गुप्त ज्ञान और मानसिक तीव्रता।
- नवम भाव:
- भाग्य, धर्म और उच्च शिक्षा में लाभ।
- दशम भाव:
- करियर में सफलता और नेतृत्व क्षमता।
- एकादश भाव:
- आय के नए स्रोत और मित्रों से सहयोग।
- द्वादश भाव:
- विदेश यात्रा और आध्यात्मिक विकास।
6. बुध ग्रह की अन्य ग्रहों के साथ युति और प्रभाव
- सूर्य के साथ:
- बुद्धादित्य योग बनता है; व्यक्ति कुशाग्र बुद्धि का होता है।
- चंद्रमा के साथ:
- भावनात्मक बुद्धि में वृद्धि।
- मंगल के साथ:
- वाणी में उग्रता; गणित और विज्ञान में निपुणता।
- गुरु के साथ:
- व्यावसायिक और बौद्धिक क्षमता में वृद्धि।
- शुक्र के साथ:
- कलात्मक और रचनात्मक सोच में प्रखरता।
- शनि के साथ:
- योजनाबद्ध कार्यशैली और गंभीर सोच।
- राहु/केतु के साथ:
- मानसिक भ्रम और तर्कशक्ति में अनिश्चितता।
7. बुध ग्रह के कमजोर होने के लक्षण
- वाणी में दोष, झूठ बोलने की प्रवृत्ति।
- व्यापार में नुकसान।
- शिक्षा और तर्कशक्ति में बाधा।
- चिड़चिड़ापन और गुस्सा।
8. बुध ग्रह को मजबूत करने के उपाय
- हर बुधवार उपवास रखें।
- तोते को हरी मिर्च और अनाज खिलाएं।
- स्फटिक माला से बुध मंत्र का जाप करें।
- पन्ना (Emerald) रत्न पहनें:
- विधि: स्वर्ण या चांदी की अंगूठी में पंचधातु के साथ हरी अंगुली में पहनें।
- मंत्र:
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।
बुध ग्रह का मानव जीवन पर प्रभाव
शारीरिक रूप रेखा एवं स्वभाव - जिस जातक की जन्म कुंडली में बुध ग्रह लग्न भाव में स्थित हो, वह व्यक्ति शारीरिक रूप से सुंदर होता है। देखने में व्यक्ति अपनी वास्तविक उम्र से कम आयु का दिखता है तथा उसकी आँखें चमकदार होंगी। लग्न का बुध व्यक्ति को स्वभाव से चालाक, तर्कसंगत, बौद्धिक रूप से धनी और कुशल वक्ता बनाता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति का स्वभाव भी सौम्य होता है और वह कई भाषाओं का ज्ञाता होता है। व्यवसाय क्षेत्र में भी ऐसे जातक सफल होते हैं। प्रथम भाव में बैठा बुध ग्रह जातक व्यक्ति को दीर्घायु प्रदान करता है।
बली बुध के प्रभाव - यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है तो जातक की संवाद शैली कुशल होती है। वह हाज़िर जवाबी होता है। व्यक्ति अपनी बातों से सबको मोह लेता है। बली बुध व्यक्ति को कुशाग्र बुद्धि का बनाता है। वह गणित विषय में अच्छा होता है। व्यक्ति की गणना करने की शक्ति तीव्र होती है। ऐसे जातक सभी विषयों को तार्किक दृष्टि से देखते हैं। वाणिज्य और क़ारोबार में भी व्यक्ति सफल होता है। बुध की कृपा जिस व्यक्ति पर होती है, वह एक अच्छा वक्ता होता है। संवाद और संचार के क्षेत्र में व्यक्ति अग्रणी भूमिका निभाता है।
पीड़ित बुध के प्रभाव - यदि जन्म कुंडली में बुध ग्रह किसी क्रूर अथवा पापी ग्रहों से पीड़ित हो तो यह जातक के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से समस्या कारक होता है। इस स्थिति में जातक अपने विचारों को सही रूप में बोलकर पेश नहीं कर पाता है तथा वह गणित विषय में कमज़ोर होता है और उसे गणना करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। पीड़ित बुध जातक को दिमागी रूप से कमज़ोर बनाता है। उसे चीज़ों को समझने में दिक्कत होती है। पीड़ित बुध के प्रभाव से व्यक्ति को क़ारोबार में हानि होती है। व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता आती है। ऐसे में जातकों को बुध ग्रह से संबंधित उपाय करना चाहिए।
रोग - पीड़ित बुध के कारण जातक को स्वास्थ्य हानि का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति को बोलने में समस्या, नसों में पीड़ा, बहरापन, जीव, मुख, गले तथा नाक से संबंधित रोग, चर्म रोग, अत्यधिक पसीना आना, तंत्रिका तंत्र में परेशानी आदि का सामना करना पड़ता है।
कार्यक्षेत्र - वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का संबंध वाणिज्य, लेखन, एंकरिंग, वकील, पत्रकारिता, कथा वाचक, प्रवक्ता आदि से है।
उत्पाद - ज्योतिष में बुध ग्रह के द्वारा अखरोट, पालक, पौधे, घी, तेल, हरी दालें, हरे रंग के वस्त्र आदि वस्तुएँ दर्शायी जाती हैं ।
स्थान - कॉलेज, विद्यालय, विश्वविद्यालय, सभी प्रकार के वाणिज्यिक स्थान, खेल का मैदान आदि।
पशु पक्षी - कुत्ता, बकरी, तोता, लोमड़ी, सरीसृप आदि।
जड़ - विधारा मूल।
रत्न - पन्ना।
रुद्राक्ष - चार मुखी रुद्राक्ष।
यंत्र - बुध यंत्र।
रंग - हरा
बुध से संबंधित मंत्र
बुध का वैदिक मंत्र
ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेथामयं च।
अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।
बुध का तांत्रिक मंत्र
ॐ बुं बुधाय नमः
बुध का बीज मंत्र
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
खगोल विज्ञान के अनुसार बुध ग्रह
खगोल विज्ञान के अनुसार सौर मंडल में बुध सबसे छोटा ग्रह है और यह सूर्य से सबसे नज़दीक है। लेकिन बुध की घूर्णन गति सबसे तेज़ है। बुध के अक्ष का झुकाव अन्य ग्रहों की तुलना में सबसे कम है। यह सूर्य की परिक्रमा 87 दिन 23 घंटे में पूरी करता है। बुध का एक दिन पृथ्वी के 90 दिनों के बराबर होता है। बुध ग्रह पर वायुमंडल का अभाव है। इस ग्रह को सूर्यास्त के बाद अथवा ठीक सूर्योदय के ठीक पहले नग्न आँखों से देखा जा सकता है।
बुध ग्रह शांति, मंत्र एवं उपाय
बुध ग्रह को बुद्धि, संचार और त्वचा का कारक कहा जाता है। बुध एक शुभ ग्रह है लेकिन क्रूर ग्रह के संगम से यह अशुभ फल देता है। बुध ग्रह शांति के लिए कई उपाय हैं। इनमें बुध यंत्र की स्थापना, बुधवार का व्रत, बुधवार को भगवान विष्णु का पूजन और विधारा की जड़ धारण करना आदि प्रमुख उपाय हैं। कुंडली में बुध की खराब स्थिति से त्वचा संबंधी विकार, शिक्षा में एकाग्रता की कमी, गणित विषय में कमजोरी और लेखन कार्य में परेशानी आती है। वहीं बुध के शुभ प्रभाव से बुद्धि, व्यापार, संचार और शिक्षा में उन्नति मिलती है। यदि आप बुध के अशुभ प्रभाव से पीड़ित हैं तो तुरंत बुध ग्रह शांति के लिए ये उपाय करें। इन कार्यों को करने से बुध ग्रह से शुभ फल की प्राप्ति होती है और अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।
वेश-भूषा एवं जीवन शैली से जुड़े बुध ग्रह शांति के उपाय
हरा रंग अथवा ग्रीन कलर के सभी शेड्स के कपड़े पहन सकते हैं।
बहन, बेटी अथवा छोटी कन्या का सम्मान करें।
बहन को उपहार भेंट करें।
व्यापार में ईमानदार रहें।
विशेषतः सुबह किये जाने वाले बुध ग्रह के उपाय
भगवान विष्णु की पूजा करें।
भगवान बुध की आराधना करें।
श्री विष्णुसहस्रनाम स्तोत्र का जाप करें।
बुध के लिये व्रत
व्यापार में धन लाभ अथवा गृह क्लेश निवारण के लिए बुधवार के दिन व्रत धारण करें।
बुध ग्रह शांति के लिये दान करें
बुध ग्रह से संबंधित वस्तुओं को बुधवार के दिन बुध की होरा एवं इसके नक्षत्रों (अश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती) में सुबह अथवा शाम को करना चाहिए।
दान करने वाली वस्तुएँ- हरी घास, साबुत मूंग, पालक, कांस्य के बर्तन, नीले रंग के पुष्प, हरे व नीले रंग के कपड़े, हाथी के दांतों से बनी वस्तुएँ इत्यादि।
बुध के लिए रत्न
ज्योतिष में बुध ग्रह शांति के लिए पन्ना रत्न धारण किया जाता है। पन्ना को पहनने से जातक को अच्छे फल प्राप्त होते हैं। बुध प्रधान राशि मिथुन और कन्या राशि के जातकों के लिए पन्ना रत्न शुभ होता है।
श्री बुध यंत्र
जिनकी बुध की महादशा चल रही हो उनको अभिमंत्रित बुध यंत्र को बुध की होरा और बुध के नक्षत्र के समय धारण करना चाहिए।
बुध के लिये जड़ी
बुध ग्रह के कुप्रभाव को कम करने के लिए विधारा की जड़ पहनें। इस जड़ को बुधवार के दिन बुध की होरा के समय अथवा बुध के नक्षत्र में धारण करें।
बुध ग्रह के लिये रुद्राक्ष
बुध ग्रह की शुभता के लिए 4 मुखी रुद्राक्ष / 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक होता है।
दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र:
ॐ ह्रीं नमः।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्रीं।।
बुध मंत्र
बुध ग्रह से शुभ फल पाने के लिए बुध बीज मंत्र का जाप करें। मंत्र - ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः!
सामान्य रूप से बुध मंत्र को 9000 बार जपना चाहिए। हालाँकि देश-काल-पात्र सिद्धांत के अनुसार कलयुग में इस मंत्र को 36000 बार जपने के लिए कहा गया है।
बुध ग्रह को प्रसन्न करने के लिए आप इस मंत्र का भी जाप कर सकते हैं - ॐ बुं बुधाय नमः अथवा ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः!
बुध ग्रह शांति के उपाय करने से निश्चित ही आपको बुध ग्रह के शुभ फल प्राप्त होंगे और आपकी बौद्धिक, तार्किक एवं गणना शक्ति में वृद्धि होगी। इसके साथ ही आपकी संवाद शैली में निखार आएगा। इस लेख में दिए गए मजबूत बुध के टोटके पूर्ण रूप से वैदिक ज्योतिष पर आधारित हैं। जैसा कि आपने देखा है कि इस लेख में बुध दोष के उपाय के साथ उनको करने की भी विधि बतायी गई है और इसी विधि और नियम के साथ आपको बुध ग्रह शांति मंत्र का जाप, संबंधित रुद्राक्ष, रत्न तथा जड़ी को धारण करना चाहिए।
ज्योतिष में बुध ग्रह को एक तटस्थ ग्रह माना गया है, यह दूसरे ग्रहों की संगति के अनुसार ही फल देता है। वैदिक शास्त्रों में बुध ग्रह का संबंध भगवान विष्णु जी से है। अतः बुध शांति के उपाय करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बुध ग्रह का वर्ण हरा है इसलिए बुध ग्रह शांति के लिए हरे रंग के कपड़ों को धारण अथवा दान किया जाता है। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का अधिपति है। इसलिए इन राशि के जातकों को बुध ग्रह शांति के उपाय को अवश्य ही करना चाहिए।
उम्मीद है कि बुध ग्रह शांति से संबंधित यह लेख आपके लिए लाभकारी एवं ज्ञानवर्धक सिद्ध होगा।
धार्मिक दृष्टि से बुध ग्रह का महत्व
सनातन धर्म में बुध ग्रह को देवता के रूप में पूजा जाता है। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि बुध, हमारी प्रज्ञा के देवता हैं। बुद्धि और क़ारोबार में सफलता पाने के लिए बुधवार के दिन बुध ग्रह की उपासना की जाती है। धार्मिक दृष्टि से बुध देव वृद्धि और समृद्धि देने वाले देव माने गए हैं। बुध ग्रह भगवान विष्णु जी का प्रतिनिधित्व करता है। कहते हैं यदि जिस व्यक्ति के ऊपर बुद्ध देव की कृपा बरस जाये तो उसका जीवन कल्याणमय हो जाता है। बुध उत्तर दिशा का स्वामी होता है जो कुबेर देव का स्थान है।
आप देख सकते हैं ज्योतिष में बुध ग्रह का कितना बड़ा महत्व होता है। यदि आप अपनी जन्म कुंडली में बुध ग्रह की कृपा पाना चाहते हैं तो आप बुध से संबंधित उपाय कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको विविध क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे।
अगर आप किसी विशेष स्थिति या समस्या के लिए विस्तृत ज्योतिषीय सलाह चाहते हैं, तो अपनी कुंडली के आधार पर चर्चा कर सकते हैं।
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