. ।।।।
*।।ॐ जगतगुरु कृष्णय नम:।।*
*।।ॐ जगतगुरु कृष्णय नम:।।*
*अमृत वचन-आत्मविश्वास*
_कहां खो गया है ? आपका आत्म विश्वास मैंने ढूंढ लिया है और आप को सौंपता हूं आत्म विश्वास। निराशावादी दृष्टिकोण हटाइए, सकारात्मक विचार लाइये यह जीवन जीने के लिए मिला है, अपना सम्मान खुद करिए।_
*आत्म विश्वास* है क्या ? आत्म विश्वास का सीधा साधा अर्थ है कि *आत्म+विश्वास* अर्थात *स्वयं पर विश्वास*। यही जीवन का , सफलता का आधार है। आपके पास सब सुख सुविधाएं हैं अथवा कोई सुविधा नहीं है यह महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि आपके भीतर आत्मविश्वास कितना है?
यह आत्मविश्वास एक ऐसा तत्व है जो कहीं बाहर से नहीं आ सकता है। इसे तो अपने भीतर ही जागृत करना पड़ता है। मैं आपको कोई बड़े-बड़े उदाहरण नहीं देना चाहता हूं किस महान् व्यक्ति ने किस प्रकार बाधाओं पर विजय प्राप्त की, मैं तो सामान्य जन की बात करता हूं। हमारे आत्म विश्वास पर ऐसी कौन सी काली छाया पड़ी हुई है जिससे हमारा आत्मविश्वास जाग्रत नहीं हो रहा है ?
क्योंकि हमें स्वयं के बारे में संदेह है, हर समय किसी न किसी की ओर हम आशा भरी निगाहों से देखते रहते हैं हम हवाई किले बनाते रहते हैं कि एक रात सोएंगे और सूर्य उदय होते-होते एकदम परिवर्तन आ जायेगा।... इसीलिये हम कभी अपनी तकदीर को गाली देते हैं, कभी अपने परिवार को गाली देते हैं, कभी अपने मित्रों को गाली गाली देते हैं या फिर अपने शत्रुओं को गाली देते हैं।अनावश्यक गुस्सा करते रहते हैं हर समय क्रोध से भरे रहते हैं, चिड़चिड़े रहते हैं और अपने आत्मविश्वास पर निराशा की राख डालते रहते हैं।
आत्मविश्वास की शक्ति को जाग्रत करने का मार्ग कोई लम्बा-चौड़ा नहीं है।अपने भीतर के विश्वास को तीव्र करने के उपाय बहुत ही सरल है-
*1.लक्ष्य का निर्धारण* - जब तक हमारे कार्य में लक्ष्य का निर्धारण नहीं हो पाता, तब तक हम पूरी शक्ति से कार्य नहीं कर पाते।लक्ष्य हमारे मन से आलस्य हटाता है।
*2.बाधाओं पर विचार*- आत्मविश्वास जाग्रत करने और अपने जीवन में लक्ष्य प्राप्ति के लिए यह आवश्यक है कि मार्ग में आने वाली बाधाओं के बारे में विचार अवश्य करें।
*3.सत्यता और शुद्धता*- अपने भीतर आत्म विश्वास जगाने के लिए यह आवश्यक है कि आप का कार्य करने का तरीका कितना सत्य है और कितने विशुद्ध भाव से आप कार्य कर रहे हैं।यदि आपको स्वयं ही अपने कार्य की सत्यता पर विश्वास नहीं है, अपने स्वयं की मानसिक शुद्धता पर विश्वास नहीं है तो आपका आत्म विश्वास कैसे जाग्रत होगा ?
*4.कार्य के प्रति आपका विश्वास-निष्ठा*- आत्मविश्वास चाहता है कि आप अपने मन में निष्ठा रुपी भूमि बनाएं और अपना पूरा कार्य निष्ठा के साथ करें।
*5. आत्म विश्वास जगाइये- डर को भगाइये-* आत्म विश्वास को जाग्रत करते हुए कई व्यक्ति उसके साथ-साथ इस डर को भी अपने जीवन में स्थान बना लेते हैं कि यदि मैं असफल रहा तो लोग क्या कहेंगे ? परन्तु यह याद रखें कि सही रुप से, शुद्ध मन से और श्रेष्ठ भावना से किया गया कार्य में सफलता निश्चित रुप से प्राप्त होती है।
*6. किस-किस को दोष देंगें ?*-आत्मविश्वास आपको अपने जीवन का लीडर बनाता है, आप दूसरों को दोष देना बंद कीजिए, दूसरों को दोष देने से आपका आत्मविश्वास समाप्त हो जाता है।
*7. गुरु आपके साथ हैं*- गलती किससे नहीं होती ? हर व्यक्ति कभी न कभी गलती करता ही है। ऐसे मौको पर गुरु ही होते हैं, जो अपने शिष्यों को लगातार सिखाते हैं कि गलतियों से कैसे सीखें और मैदान छोड़ने से कैसे बचें।
जिस व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी होती है, वह किसी भी कार्य को लेकर कभी कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाता है, क्योंकि उसका मन संदेह से भरा रहता है।उसे यह विश्वास ही नहीं होता कि वह जो कार्य करेगा, उसमें उसे सफलता मिलेगी भी या नहीं ।इसी उधेड़बुन में वह कोई काम ही शुरू नहीं कर पाता।इसका नतीजा यही निकलता है कि वह जहां का तहां खड़ा रह जाता है। उसकी प्रगति और विकास के मार्ग अवरुद्ध हो जाते हैं और उसका जीवन इसी प्रकार बीत जाता है, न वह स्वयं कुछ प्राप्त कर पाता है और न ही इस संसार को कुछ दे पाता है।
लेकिन यदि एक बार आपके मन में यह दृढ़ विश्वास पैदा हो जाए कि आप जिस वस्तु को पाना चाहते हैं, उसे बड़ी आसानी से हासिल कर सकते हैं तो यकीन मानिये कि आपके पास इतनी शक्ति और सामर्थ्य पैदा हो जाएगी कि आप उसे प्राप्त कर ही लेंगे।
अंत में मैं एक बात कहना चाहूंगा कि- *आत्म विश्वास एक छोटा सा शब्द है, जिसके मायने समझो तो बहुत हैं पर मुश्किल यह है कि लोगों का अपने आत्मविश्वास पर शक है और अपने शक पर पूरा विश्वास है।*
_मैं तो यही कहता हूं कि गुरु आपके साथ हैं, देवता आपके साथ हैं , सत्य आपके साथ है फिर किस बात का डर किस बात का संदेह ? गुरु, देवता आपके आत्मविश्वास को जाग्रत करने और आपको सत्य और साधना के मार्ग की ओर ले जाने के लिए तत्पर हैं। *"मेरा हाथ पकड़िये"*, हम और आप आत्मविश्वास की राह पर चलते- चलते जीवन के हर लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।_