(1). सूर्य ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद नित्य या रविवार को तांबे की गड़वी में लाल सिंदूर, लाल फूल, अक्षत व गुड़/चीनी डालकर सूर्य को जल दें फिर सूर्य मंत्र ।। ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: ।। का एक माला का जप करें और आदित्य हृदय स्त्रोत पाठ करें। कहीं शुभ कार्य से जाना हे तो गुड़ खाकर जल पीकर जायें इससे कार्य सिद्ध होने की संभावना होगी। रविवार को गुड़, गेहूँ व तांबा दान दें।
सूर्य ग्रह के अन्य उपाय :-
(क). पिता का सम्मान करें। भगवान विष्णु की पूजा करें।
(ख). गेहूँ, गुड़ और तांबे का दान करें।
(ग). अपना चरित्र उत्तम रखें।
(घ). एक मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(ड.). सूर्य यंत्र स्थापित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(च). रिश्वत खोरी न करें।
(छ). ।। ऊॅं ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: ।। मंत्र का जाप करें।
(ख). गेहूँ, गुड़ और तांबे का दान करें।
(ग). अपना चरित्र उत्तम रखें।
(घ). एक मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(ड.). सूर्य यंत्र स्थापित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(च). रिश्वत खोरी न करें।
(छ). ।। ऊॅं ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: ।। मंत्र का जाप करें।
नमक *(पिसा हुआ) सूर्य*
सूर्य: यदि कुंडली में सूर्य नीच का हो या खराब प्रभाव दे रहा हो तो बेल की जड़ रविवार की प्रातः लाकर उसे गंगाजल से धोकर लाल कपड़े या ताबीज में धारण करने से सूर्य की पीड़ा समाप्त हो जाती है। ध्यान रहे, बेल के पेड़ का शनिवार को विधिवत पूजन अवश्य करें।
(2). चन्द्र ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद चन्द्र मंत्र ।। ऊँ श्रां श्रीं श्रीं स: चन्द्र्मसे नम:।। नित्य या हर सोमवार को एक माला जप करें। सोमवार को स्नान करने के बाद जप करें उसके बाद सोमवार को दूध, चावल, चीनी एवं सफेद कपड़ा का दान करें।
चन्द्र ग्रह के अन्य उपाय :-
(क). माता का सम्मान करें। भगवान शिव की पूजा करें।
(ख). चांदी, चावल व दूध का दान करें।
(ग). गंगा स्नान करें।
(घ). दो मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(ड.). चन्द्र यंत्र स्थांपित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(च). ।। ऊॅं श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम: ।। मंत्र का जाप करें।
(ख). चांदी, चावल व दूध का दान करें।
(ग). गंगा स्नान करें।
(घ). दो मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(ड.). चन्द्र यंत्र स्थांपित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(च). ।। ऊॅं श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम: ।। मंत्र का जाप करें।
चंद्र: यदि चंद्र अनिष्ट फल दे रहा हो तो सोमवार को खिरनी की जड़ सफेद डोरे में बांध कर धारण करें। रविवार को इस वृक्ष का विधिवत पूजन करें।
(3). मंगल ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद मंगल मंत्र ।। ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: ।। का नित्य या हर मंगलवार को एक माला जप करें। हनुमान जी की मूर्ति के सामने हनुमान चालीसा, हनुमान अष्ट क एवं बजरंग बाण का नित्य पाठ करें। मंगलवार को सिंदूरी बजरंगबली के ऊपर चमेली का तेल, लाल सिंदूर, लाल चोला, एवं लाल लड्डू चढ़ायें। लाल रंग की गाय को मीठी रोटी दें।
मंगल ग्रह के अन्य उपाय :-
(क). भाई की सेवा करें। भगवान हनुमान जी की पूजा करें।
(ख). मसूर की दाल बहते हुए पानी में बहायें।
(ग). तीन मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(ड.). मंगल यंत्र स्थापित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(च). ।। ऊॅं क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: ।। मंत्र का जाप करें।
(ख). मसूर की दाल बहते हुए पानी में बहायें।
(ग). तीन मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(ड.). मंगल यंत्र स्थापित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(च). ।। ऊॅं क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: ।। मंत्र का जाप करें।
मेथी,,,,,,,,,,,. *मंगल....*
मंगल: यदि मंगल अनिष्ट फल दे रहा हो तो अनंत मूल या नागफनी की जड़ लाकर मंगलवार को धारण करें।
लाल मिर्च / गुड *(पिसी हुई) मंगल*
(4). बुध ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद बुध मंत्र ।। ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: ।। का नित्य या हर बुधवार को एक माला जप करें। बुधवार को हरा साबुत मूंग दान दें। गाय को हरा चारा दें। गौशाला में हरा चारा दान दें। गरीब कन्याओं को हरा वस्त्र दान दें।
बुध ग्रह के अन्य उपाय :-
(क). बहन, बुआ, मौसी से आशिर्वाद प्राप्त करें।
(ख). सुराख वाला तांबे का पैसा बहते पानी में बहायें।
(ग). मां दुर्गा की पूजा करें।
(घ). चार मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(ड.). बुध यंत्र स्थापित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(च). ।। ऊॅं ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: ।। मंत्र का जाप करें।
(ख). सुराख वाला तांबे का पैसा बहते पानी में बहायें।
(ग). मां दुर्गा की पूजा करें।
(घ). चार मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(ड.). बुध यंत्र स्थापित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(च). ।। ऊॅं ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: ।। मंत्र का जाप करें।
धनिया,,,,,, *(पिसा हुआ) बुध*
हरी इलायची......... इस के प्रयोग से बुध ग्रह मजबूत होता है
हींग.......................बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है
बुध: यदि बुध अनिष्ट फल दे रहा हो तो विधारा की जड़ बुधवार को हरे डोरे में धारण करें।
(5). गुरू ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद गुरू मंत्र ।। ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरूवे नम: ।। का नित्य या हर गुरूवार को एक माला जप करें। गुरूवार को चने की दाल दान दें। केसर का नित्य तिलक करें। गाय को चने की दाल गुड़ खिलायें।
गुरू ग्रह के अन्य उपाय :-
(क). गुरू व ब्राह्मणों की पूजा करें।
(ख). धार्मिक पुस्तरकें दान दें।
(ग). बड़ों को सम्मान दें।
(घ). पांच मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(ड.). गुरू यंत्र स्थाापित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(च). ।। ऊॅं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरूवे नम: ।। मंत्र का जाप करें।
(ख). धार्मिक पुस्तरकें दान दें।
(ग). बड़ों को सम्मान दें।
(घ). पांच मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(ड.). गुरू यंत्र स्थाापित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(च). ।। ऊॅं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरूवे नम: ।। मंत्र का जाप करें।
हल्दी
,,,,,,, *(पिसी हुई ) गुरु*
हल्दी की गांठ को पीले धागे में बांधकर गुरुवार को गले में धारण करने से बृहस्पति के अच्छे फल मिलते है
गुरु: यदि गुरु अनिष्ट फल दे रहा हो तो हल्दी या मारग्रीव केले (बीजों वाला केला) की जड़ बृहस्पतिवार को धारण करें।
(6). शुक्र ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद शुक्र मंत्र ।। ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: ।। का नित्य। या हर शुक्रवार को एक माला जप करें। शुक्रवार को दूध, चावल, चीनी एवं सफेद कपड़ा दान दें। माता वैभव लक्ष्मी का 21 शुक्रवार विधि विधान से व्रत करें।
शुक्र ग्रह के अन्य उपाय :-
(क). स्त्री् का सम्मान करें। मां लक्ष्मी की उपासना करें।
(ख). गोदान करें।
(ग). छ: मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(घ). शुक्र यंत्र स्थापित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(ड.). ।। ऊॅं द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: ।। मंत्र का जाप करें।
(ख). गोदान करें।
(ग). छ: मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(घ). शुक्र यंत्र स्थापित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(ड.). ।। ऊॅं द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: ।। मंत्र का जाप करें।
काली मिर्च के सेवन से हमारा शुक्र और चंद्रमा अच्छा होता है
तांबे के किसी बर्तन में काली मिर्च डालकर Dining Table पर रखने से घर को नज़र नहीं लगती है....
सौंफ................. शुक्र और चंद्र अच्छा होता है*
शुक्र: यदि शुक्र अनिष्ट फल दे रहा हो तो अरंड की जड़ या सरफोके की जड़ शुक्रवार को सफेद डोरे में धारण करें।
सौंफ को गुड के साथ सेवन करें जब आप घर से किसी काम के लिए निकाल रहे हो , इस से आप का मंगल ग्रह आप का पूरा काम करने में साथ देता है ...
(7). शनि ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद शनि मंत्र ।। ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:।। का नित्य या हर शनिवार को एक माला जप करें। शनि मंत्र जपते हुए पीपल में नित्य जल दें, रविवार को पीपल में जल नहीं दें। शनि स्त्रोत का नित्य पाठ करें। शनिवार को काला उड़द (साबूत माह), काला तिल, काला वस्त्र, काला छाता, काला कंबल आदि दान दें। सरसों तेल का छाया पात्र दान दें।
शनि ग्रह के अन्य उपाय :-
(क). बुजुर्गों का सम्मान करें। भगवान शिव, हनुमान जी एवं श्री भैरव जी की पूजा करें।
(ख). मीट और शराब का सेवन न करें।
(ग). भैरो की उपासना करें।
(घ). सात मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(ड.). नौकरों को प्रसन्नष रखें।
(च). शनि यंत्र स्थापित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(छ). ।। ऊॅं प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम: ।। मंत्र का जाप करें।
(ख). मीट और शराब का सेवन न करें।
(ग). भैरो की उपासना करें।
(घ). सात मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(ड.). नौकरों को प्रसन्नष रखें।
(च). शनि यंत्र स्थापित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(छ). ।। ऊॅं प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम: ।। मंत्र का जाप करें।
काली मिर्च *(साबुत या पाउडर) शनि*
(8). राहु ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद राहु मंत्र ।। ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:।। का नित्य या हर शनिवार को एक माला जप करें। शनिवार को काला उड़द (साबूत माह), काला तिल, काला वस्त्र , काला छाता, काला कंबल आदि दान दें। शनिवार को मूली दान दें।
राहु ग्रह के अन्यं उपाय :-
(क). मां सरस्वती की पूजन करें।
(ख). बिजली का सामान घर में ठीक से रखें।
(ग). आठ मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(घ). राहु यंत्र स्थापित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(ड.). ।। ऊॅं भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: ।। मंत्र का जाप करें।
(ख). बिजली का सामान घर में ठीक से रखें।
(ग). आठ मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(घ). राहु यंत्र स्थापित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(ड.). ।। ऊॅं भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम: ।। मंत्र का जाप करें।
जीरा *(साबुत या पिसा हुआ) राहु केतु*
जीरा का सेवन खाने में करने से आप के दैनिक जीवन में सौहार्द व शांति बने रहते हैं.
गर्म मसाला,. *(पिसा हुआ) राहु*
(9). केतु ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद केतु मंत्र ।। ऊँ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केवते नम:।। का नित्य या हर बुधवार को एक माला जप करें। बुधवार को सतअनाजा दान दें। प्रात: खाने की थाली में से रोटी निकालकर नीचे किसी साफ बर्तन या पत्ता या कागज पर रख दें खाना खाने के बाद उस रोटी को कुत्ते को नित्य दें।
केतु ग्रह के अन्यं उपाय :-
(क). श्री गणेश भगवान जी की पूजा करें।
(ख). काला-सफेद कुत्ता घर में पालें।
(ग). नौ मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(घ). नौकरों को प्रसन्न रखें।
(ड.). केतु यंत्र स्थापित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(च). ।। ऊॅं स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम: ।। मंत्र का जाप करें।
(ख). काला-सफेद कुत्ता घर में पालें।
(ग). नौ मुखी रूद्राक्ष धारण करें।
(घ). नौकरों को प्रसन्न रखें।
(ड.). केतु यंत्र स्थापित कर इनकी नियमित पूजा करें।
(च). ।। ऊॅं स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम: ।। मंत्र का जाप करें।
अमचूर ,,,, *(पिसा हुआ) केतु*
(10). आपके लिए कालसर्प योग का विशेष उपाय :-
।। ऊँ नम: शिवाय ।। बोलते हुए शिवलिंग पर नित्य जल दें। प्रत्येक वर्ष नाग पंचमी को एक जोड़ा नाग नागिन पंचामृत से धोकर शिवलिंग पर चढ़ायें और एक जोड़ा जल पवाह करें। सर्प गायत्री मंत्र ।। ऊँ नवकुल नागाय विदमहे विषदन्ताय धीमही, तन्नो सर्प: प्रचोदयात।। को कालसर्प योग यंत्र के सामने श्रद्धावश पाठ एक माला अवश्य पाठ करें। कोई जरूरी नहीं है कि आप त्रयम्बकेश्वर में ही पाठ करायें। आप स्वयं पाठ कर सकते हैं। सबसे अच्छा है आप एक माला शुक्र आधारित सम्पुट युक्त महामृत्युन्जय मंत्र की एक माला पारद शिवलिंग एवं महामृत्युंजय यंत्र के सामने अवश्य करें।
महामृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है:-
।। ऊँ हौं जूं स: ऊँ भूभुर्व: स्व :।
ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिम पुष्टिवर्धनम।
ऊर्वारूकमिव बन्धनात मृर्त्योमुक्षीय मामृतात।
स्व: भुव: भू: ऊँ स: जूं हौं ऊँ ।।
।। ऊँ हौं जूं स: ऊँ भूभुर्व: स्व :।
ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिम पुष्टिवर्धनम।
ऊर्वारूकमिव बन्धनात मृर्त्योमुक्षीय मामृतात।
स्व: भुव: भू: ऊँ स: जूं हौं ऊँ ।।
(11). पित्तृ ऋण दोष का उपाय :-
हर अमावस्या को कुल खानदान के एक-एक व्यंक्ति से या परिवार में जो भी सदस्य उपस्थित हो उससे बराबर मात्रा में धन लेकर धर्म स्थान की गोलक में दान दें। हर अमावस्या को पीपल का ।। ऊँ नम: भगवते वासुदेवाय।। या ।। ऊँ विष्णवे नम: ।। मंत्र जपते हुए 108 बार परिक्रमा करें।
(12). श्रीयंत्र सामने जपने योग्य अलौकिक मंत्र :-
।। श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्म्ये नम: ।।
(13). सर्वसिद्धिदात्री माँ बगलामुखी का अचूक तांत्रिक प्रभाव वाला मंत्र :-
।। ऊँ ह्लीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं, स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ऊँ स्वाहा।।
(14). विद्या की देवी माता सरस्वती का बीज मंत्र :-
।। ऊँ ऐं सरस्वत्यै नम : ।।
11. दालचीनी............. मंगल ओर शुक्र ग्रह को ठीक करती है
अगर किसी का मंगल और शुक्र कुपित है ,तो थोड़ी सी दालचीनी को शहद में मिलाकर ताज़े पानी के साथ ले , इस से आप की शरीर में शक्ति बढ़ेगी और सर्दियों में कफ की समस्या कम परेशान करती है
27 नक्षत्रो के लिए निर्धारित पेड़-पौधे
अश्विनी – कोचिला,
भरनी – आंवला
कृतका – गुल्लड़
रोहिणी – जामुन
मृगशिरा – खैर
आद्रा – शीशम
पुनर्वसु – बांस
पुष्य – पीपल
अश्लेषा – नागकेसर
मघा – बट
पूर्वा फाल्गुन – पलास
उत्तरा फाल्गुन – पाकड़
हस्त – रीठा
चित्रा – बेल
स्वाती- अजरुन
विशाखा – कटैया
अनुराधा – भालसरी
ज्योष्ठा – चीर
मूला – शाल
पूर्वाषाढ़ – अशोक
उत्तराषाढ़ – कटहल
श्रवण – अकौन
धनिष्ठा – शमी
शतभिषा – कदम्ब
पूर्व भाद्र – आम
उत्तरभाद्र – नीम
रेवती – महुआ
भरनी – आंवला
कृतका – गुल्लड़
रोहिणी – जामुन
मृगशिरा – खैर
आद्रा – शीशम
पुनर्वसु – बांस
पुष्य – पीपल
अश्लेषा – नागकेसर
मघा – बट
पूर्वा फाल्गुन – पलास
उत्तरा फाल्गुन – पाकड़
हस्त – रीठा
चित्रा – बेल
स्वाती- अजरुन
विशाखा – कटैया
अनुराधा – भालसरी
ज्योष्ठा – चीर
मूला – शाल
पूर्वाषाढ़ – अशोक
उत्तराषाढ़ – कटहल
श्रवण – अकौन
धनिष्ठा – शमी
शतभिषा – कदम्ब
पूर्व भाद्र – आम
उत्तरभाद्र – नीम
रेवती – महुआ
बारह राशि के लिए निर्धारित पेड़-पौधे
राशि – पेड़-पौधे
मेष – आंवला
वृष – जामुन,
मिथुन – शीशम,
कर्क – नागकेश्वर,
सिंह – पलास,
कन्या – रिट्ठा,
तुला – अजरुन,
वृश्चिक – भालसरी,
धनु – जलवेतस,
मकर – अकोन,
कुंभ – कदम्ब
मीन – नीम
मेष – आंवला
वृष – जामुन,
मिथुन – शीशम,
कर्क – नागकेश्वर,
सिंह – पलास,
कन्या – रिट्ठा,
तुला – अजरुन,
वृश्चिक – भालसरी,
धनु – जलवेतस,
मकर – अकोन,
कुंभ – कदम्ब
मीन – नीम
प्रत्येक ग्रह के लिए निर्धारित पेड़ -पौधे
सूर्य – अकोन ( एकवन)
चन्द्रमा – पलास,
मंगल – खैर,
बुद्ध – चिरचिरी,
गुरु – पीपल,
शुक्र – गुलड़,
शनि – शमी,
राहु – दुर्वा
चन्द्रमा – पलास,
मंगल – खैर,
बुद्ध – चिरचिरी,
गुरु – पीपल,
शुक्र – गुलड़,
शनि – शमी,
राहु – दुर्वा
केतु – कुश
ग्रह, राशि, नक्षत्र के लिए निर्धारित पेड़ पौधे का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है तत्पश्चात हमारी मनोकामनाये शनै शनै पूरी होने लगती है। वृक्ष लगाओ जीवन पाओ
क्र सं0
|
नक्षत्र
|
स्वामी
|
1.
|
अशिवनी
|
केतु
|
2.
|
भारिणी
|
शुक्र
|
3.
|
कृतिका
|
सूर्य
|
4.
|
रोहिणी
|
चन्द्रमा
|
5.
|
मृगशिरा
|
मंगल
|
6.
|
आर्द्रा
|
राहु
|
7.
|
पुनर्वसु
|
गुरु
|
8.
|
पुष्य
|
शनि
|
9.
|
आश्लेषा
|
बुध
|
10.
|
मघा
|
केतु
|
11.
|
पुर्वफाल्गुनी
|
शुक्र
|
12.
|
उतरा फाल्गुनी
|
सूर्य
|
13.
|
हस्त
|
चन्द्रमा
|
14.
|
चित्रा
|
मंगल
|
15.
|
स्वाति
|
राहु
|
16.
|
विशाखा
|
गुरु
|
17.
|
अनुराधा
|
शनि
|
18.
|
ज्येष्ठा
|
बुध
|
19.
|
मूल
|
केतु
|
20.
|
पूर्वाषाढ़ा
|
शुक्र
|
21.
|
उतराषाढ़ा
|
सूर्य
|
22.
|
श्रवण
|
चन्द्रमा
|
23.
|
धनिष्ठा
|
मंगल
|
24.
|
शतभिषा
|
राहु
|
25.
|
पूर्वाभाद्रपद
|
गुरु
|
26.
|
उतरा भाद्रपद
|
शनि
|
27.
|
रेवती
|
बुध
|
सरलीकरण के लिए इसे निम्न प्रकार समझ सकते हैं।
क्रम सं०
|
ग्रह
|
नक्षत्र
|
नक्षत्र का क्रम
|
1.
|
केतु
|
अशिवनी, मघा, मूल
|
१/१०/१९
|
2.
|
शुक्र
|
भरिणी, पू० फा०, पू० षाढ़ा
|
२/११/२०
|
3.
|
सूर्य
|
कृतिका, उ० फा०, उ० षाढ़ा
|
३/१२/२१
|
4.
|
चन्द्रमा
|
रोहिणी, हस्त, श्रवण
|
४७/१३/२२
|
5.
|
मंगल
|
मृगशिरा, चित्रा, श्रवण
|
५/१४/२३
|
6.
|
राहु
|
आर्द्रा, स्वाति, शतभिषा
|
६/१५/२४
|
7.
|
गुरु
|
पु० व०, विशाखा, पू० भाद्र०
|
७/१६/२५
|
8.
|
शनि
|
पुष्य, अनुराधा, उ० भाद्र०
|
८/१७/२६
|
9.
|
बुध
|
आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती
|
९/१८/२७
|
राशि के क्रम में नक्षत्र
क्रम सं०
|
राशि
|
नक्षत्र
|
1.
|
मेष
|
अशिवनी-भरणी-कृतिका का १ चरण
|
2.
|
वृष
|
कृतिका ३ चरण, रोहिणी, मृगशिरा २ चरण
|
3.
|
मिथुन
|
मृगशिरा २ चरण, आर्द्रा, पु० वसु ३ चरण
|
4.
|
कर्क
|
पु० वसु १ चरण, पुष्य, आश्लेषा
|
5.
|
सिंह
|
मघा, पू० फाल्गुनी, उ० फाल्गुनी १ चरण
|
6.
|
कन्या
|
उ० फा० ३ चरण, हस्त, चित्रा १ चरण
|
7.
|
तुला
|
चित्रा २ चरण, स्वाती, विशाखा ३ चरण
|
8.
|
वृशिचक
|
विशाखा १ चरण, अनुराधा, ज्येष्ठा
|
9.
|
धनु
|
मूल, पू० षाढ़ा उ० षाढा़ १ चरण
|
10.
|
मकर
|
उ० षाढ़ा ३ चरण, श्रवण, धनिष्ठा २ चरण
|
11.
|
कुंभ
|
धनिष्ठा २ चरण, शतभिषा, पू० भाद्र ३ चरण
|
12.
|
मीन
|
पू० भाद्र १ चरण, उ० भाद्रपद, रेवती
|