ढलती उम्र में सेरोटोनिन बढ़ाने के लिए सही खान-पान, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक उपचार के साथ स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना जरूरी है। नीचे इसके विभिन्न उपाय दिए गए हैं:
सेरोटोनिन
खाद्य पदार्थ
सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करने वाले खाद्य पदार्थ:
ट्रिप्टोफैन युक्त खाद्य पदार्थ:
- केला
- दूध और डेयरी उत्पाद
- मूंगफली और बादाम
- अंडा (विशेष रूप से इसका सफेद भाग)
- मछली (सैल्मन, टूना)
- कद्दू के बीज और सूरजमुखी के बीज
कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ:
- ओट्स
- ब्राउन राइस
- क्विनोआ
फ्रूट्स और सब्जियां:
- अनानास
- ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी
- पालक, ब्रोकली और हरी पत्तेदार सब्जियां
फर्मेंटेड फूड्स:
- दही
- अचार (प्राकृतिक रूप से फर्मेंटेड)
डार्क चॉकलेट:
इसमें एंटीऑक्सीडेंट और सेरोटोनिन बढ़ाने वाले तत्व होते हैं।
आयुर्वेदिक उपाय
आयुर्वेदिक औषधियां:
- ब्राह्मी: मानसिक शांति और सेरोटोनिन स्तर बढ़ाने के लिए।
- अश्वगंधा: तनाव कम कर मूड को बेहतर बनाने में सहायक।
- जटामांसी: मानसिक संतुलन और खुशी के लिए।
- शंखपुष्पी: दिमाग को ठंडक और संतुलन देने के लिए।
- सतावरी: हार्मोनल बैलेंस और मूड सुधारने में सहायक।
गर्म दूध में हल्दी: नियमित सेवन तनाव को कम करता है।
त्रिफला चूर्ण: आंतों की सफाई और शरीर के डिटॉक्स के लिए।
होम्योपैथिक औषधियां
- Natrum Muriaticum 30C: मूड और तनाव के लिए।
- Ignatia Amara 30C: अवसाद और चिंता के लक्षण कम करने के लिए।
- Arsenicum Album 30C: थकान और मानसिक तनाव में सहायक।
- Sepia 30C: हार्मोनल असंतुलन और मूड सुधारने के लिए।
- Calcarea Phosphorica 6X: मानसिक और शारीरिक थकावट को कम करने के लिए।
अन्य सुझाव
योग और ध्यान:
- योगासन जैसे कि शशांकासन, बालासन और शवासना।
- रोजाना 10-15 मिनट ध्यान करें।
धूप का सेवन: सुबह की धूप में 15-20 मिनट बिताएं। इससे शरीर में विटामिन डी के स्तर बढ़ते हैं, जो सेरोटोनिन उत्पादन में सहायक होता है।
पर्याप्त नींद: हर दिन 7-8 घंटे की नींद लें।
एक्टिविटी और वॉक: रोजाना कम से कम 30 मिनट पैदल चलना या व्यायाम करना।
इन उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप धीरे-धीरे शरीर में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ा सकते हैं और मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। यदि समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
सेरोटोनिन का काम क्या है
पहले यह जानते हैं कि सेरोटोनिन का काम है. डॉ. कशिका जैन बताती हैं कि सेरोटोनिन चार प्रमुख हैप्पी हार्मोन में से एक हैं लेकिन यह न्यूरोट्रांसमीटर का भी काम करता है. इसलिए सेरोटोनिन का महत्व बहुत ज्यादा है. सेरोटोनिन आपके मूड को रेगुलेट करता है. इसलिए इसे फील गुड केमिकल कहा जाता है. जब सेरोटोनिन शरीर में ज्यादा रहता है तब आप किसी चीज पर बढ़िया से फोकस कर पाते हैं, ज्यादा खुश रहते हैं और ज्यादा शांत भी रहते हैं. चिंता, बेचैनी, अवसाद का लेस मात्र भी नहीं रहता.
पेट के लिए अमृत-चूंकि सेरोटिनिन का ज्यादा भाग पेट में ही बनता है. इसलिए यह पेट को जबर्दस्त फायदा पहुंचाता है. यह आंत की लाइनिंग को बहुत रिलेक्स फील कराता है. इससे डाइजेशन तेजी से होता है. सेरोटोनिन ही भूख लगाता है. अगर सेरोटोनिन की कमी हो जाए तो भूख कम लगेगी.
नींद का रसायन-सेरोटोनिन और डोपामाइन मिलकर नींद को लाता है. अगर ये दोनों हार्मोन रिलीज होंगे तो अच्छी नींद आएगी. सेरोटोनिन ही नींद को नियंत्रित करने वाले हार्मोन मेलोटोनिन को बनाता है. इसलिए सेरोटोनिन का होना कितना जरूरी है, यह समझ सकते हैं.
हड्डियों के लिए वरदान-सेरोटोनिन हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत जरूरी है. सेरोटोनिन के कारण ही बोन डेंसिटी मजबूत होती है. अगर हड्डियां मजबूत न हो तो हमारा कोई काम सही से नहीं होगा.
सेक्शुअल बूटी-सेरोटोनिन की कमी से यौन संबंध बनाने का मूड नहीं होता है. सेरोटोनिन और डोपामाइन मिलकर किसी व्यक्ति में यौन संबंध बनाने की इच्छा पैदा करता है. इसकी कमी से इरेक्टेलाइल डिसफंक्शन और प्रीमेच्योर इजेकुलेशन हो सकता है.
ब्रेन फंक्शन-सेरोटोनिन ब्रेन फंक्शन को मजबूत करता है.इससे किसी व्यक्ति में जल्दी से सीखने में मदद करता है. इससे याददाश्त भी तेज होती है.
नहीं होने से सब गड़बड़-अगर किसी में सेरोटोनिन की कमी हो जाए तो वह खुश नहीं रहता, हमेशा निराश, चिंता, बेचैनी और अवसाद में डूबा रहता है. ऐसा व्यक्ति हमेशा चिड़चिड़ा हो जाता है. यह लोगों के साथ सही तरीके से घुल मिल नहीं पाते और दूसरों पर शिकवे-शिकायतें ज्यादा करते हैं.
कैसे सेरोटोनिन बढ़ा सकते है
डॉ. कशिका जैन कहती हैं कि शरीर में सेरोटोनिन बढ़ाने के कई तरीके हैं. इसके लिए पहला काम यह कीजिए कि आप रोजाना 15-20 मिनट धूप जरूर सकें. कितनी भी बिजी हो सनलाइट जरूर लें. यह हमारे दिमाग के लिए बहुत जरूरी है. इसक बाद आप रोजाना एक्सरसाइज करें. 25-30 मिनट हर रोज एक्सरसाइज करें. एक्सरसाइज ऐसी करे जिसमें पसीना आए. इसके लिए जरूरी नहीं कि जिम ही जाए. बिना जिम जाए ही थोड़ा तेज चलें, रनिंग करें, जॉगिंग करें, स्विमिंग करें, भारी चीजों को उठाएं, साइकिल चलाएं. कुछ भी करे भारी काम होना चाहिए जिसमें आपको थकान हो, इसके लिए आप डांस भी कर सकते हैं. सेरोटोनिन बढ़ाने के लिए योग बहुत बढ़िया तरीका है. अगर आप रेगुलर योग करेंगे तो सेरोटोनिन लेवल ज्यादा होगा. आप योग के अलावा ध्यान करें. इसमें हंसने की प्रैक्टिस करें. लंबी-गहरी सांसें लें. मनपसंद म्यूजिक सुनने से भी सेरोटोनिन रिलीज होगा. आप लोगों के साथ घुले-मिलें, अपनों के साथ गले मिले. गार्डनिंग करें, पालतू जानवरों को घुमाएं. मसाज करवाने से भी सेरोटोनिन हार्मोन रिलीज होता. अपने घरों में खुशबूदार एरोमा का इस्तेमाल करें. प्रकृति के साथ यानी जंगल, पहाड़, नदी, झड़ना, समंदर आदि के पास घूमने से भी बहुत फायदा होता है. खाने-पीने में आप हरी पत्तीदार सब्जियां, साइट्रस फ्रूट्स, ब्लूबेरी, स्ट्रॉबंरी, डार्क चॉकलेट फायदेमंद होगा.
नट्स और सीड्स में ट्रिप्टोफेन नामक एमिनो एसिड पाया जाता है। यह सेरोटोनिन उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। कद्दू के बीज, तिल और सूरजमुखी के बीज, बादाम, काजू, मूंगफली, और अखरोट जैसे नट्स एमिनो एसिड के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। कोरोना के समय में इनका सेवन मूड को ठीक रखने में सहायक हो सकता है।
सेरोटोनिन बढ़ाने का एक प्राकृतिक तरीका व्यायाम करना है। जब आप साइकिल चलाते हैं या वजन उठाते हैं, तो आपका शरीर ट्रिप्टोफैन नामक एमिनो एसिड को अधिक मात्रा में छोड़ता है, जिसका उपयोग आपका मस्तिष्क सेरोटोनिन बनाने के लिए करता है।
अंडे से प्राप्त प्रोटीन बेहतर होते हैं क्योंकि उनमें कोलीन होता है, जो मस्तिष्क के कार्य को बढ़ाता है। यह अंडे को नाश्ते के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है क्योंकि वे पौष्टिक (अंडे की जर्दी) और जल्दी तैयार होने वाले दोनों होते हैं। अंडे में कोलीन भी होता है जो मस्तिष्क के कार्य को बेहतर बनाता है।
अनानास दशकों से यह साबित हो चुका है कि अनानास में सेरोटोनिन पाया जाता है।
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