मंगलवार, 10 दिसंबर 2024

100 सुविचार देने का कष्ट करें एवं मृत्यु के बाद भी पुण्य कमाने के उपाय बतायें

 100 सुविचार देने का कष्ट करें  एवं  मृत्यु के बाद भी पुण्य कमाने के उपाय बतायें

सुविचार सदविचार अच्छे विचार
सुविचार सदविचार अच्छे विचार

 

 1:- जीवन में वो ही व्यक्ति असफल होते है, जो सोचते है पर करते नहीं ।

2 :- भगवान के भरोसे मत बैठिये क्या पता भगवान आपके भरोसे बैठा हो…

3 :- सफलता का आधार है सकारात्मक सोच और निरंतर प्रयास !!!

4 :- अतीत के ग़ुलाम नहीं बल्कि भविष्य के निर्माता बनो…

5 :- मेहनत इतनी खामोशी से करो की सफलता शोर मचा दे…

6 :- कामयाब होने के लिए अकेले ही आगे बढ़ना पड़ता है, लोग तो पीछे तब आते है जब हम कामयाब होने लगते है.

7 :- छोड़ दो किस्मत की लकीरों पे यकीन करना, जब लोग बदल सकते हैं तो किस्मत क्या चीज़ है…

8 :- यदि हार की कोई संभावना ना हो तो जीत का कोई अर्थ नहीं है…

9 :- समस्या का नहीं समाधान का हिस्सा बने…

10 :- जिनको सपने देखना अच्छा लगता है उन्हें रात छोटी लगती है और जिनको सपने पूरा करना अच्छा लगता है उनको दिन छोटा लगता है…

11 :- आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर आप अपनी आदतें बदल सकते है और निशचित रूप से आपकी आदतें आपका भविष्य बदल देगी !

12 :- एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जानें के बाद दूसरा सपना देखने के हौसले को ज़िंदगी कहते है !!!

13 :- वो सपने सच नहीं होते जो सोते वक्त देखें जाते है, सपने वो सच होते है जिनके लिए आप सोना छोड़ देते है…

14 :- सफलता का चिराग परिश्रम से जलता है !!!

15 :- जिनके इरादे बुलंद हो वो सड़कों की नहीं आसमानो की बातें करते है…

16 :- सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं…

17 :- मैं तुरंत नहीं लेकिन निश्चित रूप से जीतूंगा…

18 :- सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगें लोग…

19 :- आशावादी हर आपत्तियों में भी अवसर देखता है और निराशावादी बहाने !!!

20 :- आप में शुरू करने की हिम्मत है तो, आप में सफल होने के लिए भी हिम्मत है…

21 :- सच्चाई वो दिया है जिसे अगर पहाड़ की चोटी पर भी रख दो तो बेशक रोशनी कम करे पर दिखाई बहुत दूर से भी देता है.

22 :- संघर्ष में आदमी अकेला होता है, सफलता में दुनिया उसके साथ होती है ! जिस जिस पर ये जग हँसा है उसी उसी ने इतिहास रचा है.

23 :- खोये हुये हम खुद है और ढूढ़ते ख़ुदा को है !!!

24 :- कामयाब लोग अपने फैसले से दुनिया बदल देते है और नाकामयाब लोग दुनिया के डर से अपने फैसले बदल लेते है…

25 :- भाग्य को और दूसरों को दोष क्यों देना जब सपने हमारे है तो कोशिशें भी हमारी होनी चाहियें !!!

26 :- यदि मनुष्य सीखना चाहे तो उसकी प्रत्येक भूल उसे कुछ न कुछ सिखा देती है !!!

27 :- झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते है तरक्की के बाज़ की उड़ान में कभी आवाज़ नहीं होती…

28 :- समस्या का सामना करें, भागे नहीं, तभी उसे सुलझा सकते हैं…

29 :- परिवर्तन से डरना और संघर्ष से कतराना मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता है.

30 :- सुंदरता और सरलता की तलाश चाहे हम सारी दुनिया घूम के कर लें लेकिन अगर वो हमारे अंदर नहीं तो फिर सारी दुनिया में कहीं नहीं है.

31 :- ना किसी से ईर्ष्या ना किसी से कोई होड़, मेरी अपनी मंज़िलें मेरी अपनी दौड़…

32 :- ये सोच है हम इंसानों की कि एक अकेला क्या कर सकता है, पर देख ज़रा उस सूरज को वो अकेला ही तो चमकता है !!!

33 :- लगातार हो रही असफलताओं से निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि कभी कभी गुच्छे की आखिरी चाबी भी ताला खोल देती है…

34 :- जल्द मिलने वाली चीजें ज्यादा दिन तक नहीं चलती और जो चीजें ज्यादा दिन तक चलती है वो जल्दी नहीं मिलती है.

35 :- इंसान तब समझदार नहीं होता जब वो बड़ी बड़ी बातें करने लगे, बल्कि समझदार तब होता है जब वो छोटी छोटी बातें समझने लगे…

36 :- सेवा सभी की करना मगर आशा किसी से भी ना रखना क्योंकि सेवा का वास्तविक मूल्य नही दे सकते है,

37 :- मुश्किल वक्त का सबसे बड़ा सहारा है “उम्मीद” !! जो एक प्यारी सी मुस्कान दे कर कानों में धीरे से कहती है “सब अच्छा होगा” !!

38 :- दुनिया में कोई काम असंभव नहीं, बस हौसला और मेहनत की जरुरत है !!!

39 :- वक्त आपका है चाहे तो सोना बना लो और चाहे तो सोने में गुजार दो, दुनिया आपके उदाहरण से बदलेगी आपकी राय से नहीं…

40 :- बदलाव लाने के लिए स्वयं को बदले…

41 :- सफल व्यक्ति लोगों को सफल होते देखना चाहते है, जबकि असफल व्यक्ति लोगों को असफल होते देखना चाहते है…

42 :- घड़ी सुधारने वाले मिल जाते है लेकिन समय खुद सुधारना पड़ता है !!!

43 :- दुनिया में सब चीज मिल जाती है केवल अपनी ग़लती नहीं मिलती…

44 :- क्रोध और आंधी दोनों बराबर… शांत होने के बाद ही पता चलता है की कितना नुकसान हुवा…

45 :- चाँद पे निशान लगाओ, अगर आप चुके तो सितारों पे तो जररू लगेगा !!!

46 :- गरीबी और समृद्धि दोनों विचार का परिणाम है…

47 :- पसंदीदा कार्य हमेशा सफलता, शांति और आनंद ही देता है…

48 :- जब हौसला बना ही लिया ऊँची उड़ान का तो कद नापना बेकार है आसमान का…

49 :- अपनी कल्पना को जीवन का मार्गदर्शक बनाए अपने अतीत को नहीं…

50 :- समय न लागओ तय करने में आपको क्या करना है, वरना समय तय कर लेगा की आपका क्या करना है.

51 :- अगर तुम उस वक्त मुस्कुरा सकते हो जब तुम पूरी तरह टूट चुके हो तो यकीन कर लो कि दुनिया में तुम्हें कभी कोई तोड़ नहीं सकता !!!

52 :- कल्पना के बाद उस पर अमल ज़रुर करना चाहिए। सीढ़ियों को देखते रहना ही पर्याप्त नहीं है, उन पर चढ़ना भी ज़रुरी है।

53 :- हमें जीवन में भले ही हार का सामना करना पड़ जाये पर जीवन से कभी नहीं हारना चाहिए…

54 :- सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो जिन्हें छत तक जाना है, मेरी मंज़िल तो आसमान है रास्ता मुझे खुद बनाना है !!!

55 :- हजारों मील के सफ़र की शुरुआत एक छोटे कदम से होती है…

56 :- मनुष्य वही श्रेष्ठ माना जाएगा जो कठिनाई में अपनी राह निकालता है ।

57 :- पुरुषार्थ से असंभव कार्य भी संभव हो जाता है…

58 :- प्रतिबद्ध मन को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है, पर अंत में उसे अपने परिश्रम का फल मिलेगा ।

59 :- असंभव समझे जाने वाला कार्य संभव करके दिखाये, उसे ही प्रतिभा कहते हैं ।

60 :- आने वाले कल को सुधारने के लिए बीते हुए कल से शिक्षा लीजिए…

61 :- जो हमेशा कहे मेरे पास समय नहीं है, असल में वह व्यस्त नहीं बल्कि अस्त-व्यस्त है ।

62 :- कठिनाइयाँ मनुष्य के पुरुषार्थ को जगाने आती हैं…

63 :- क्रोध वह हवा है जो बुद्धि के दीप को बुझा देती है ।
64 :- आपका भविष्य उससे बनता है जो आप आज करते हैं, उससे नहीं जो आप कल करेंगे…

65 :- बन सहारा बे सहारों के लिए बन किनारा बे किनारों के लिए, जो जिये अपने लिए तो क्या जिये जी सको तो जियो हजारों के लिए ।

66 :- चाहे हजार बार नाकामयाबी हो, कड़ी मेहनत और सकारात्मक सोच के साथ लगे रहोगे तो अवश्य सफलता तुम्हारी है…

67 :- खुद की तरक्की में इतना समय लगा दो, कि किसी और की बुराई का वक्त ही ना मिले !!!

68 :- प्रगति बदलाव के बिना असंभव है, और जो अपनी सोच नहीं बदल सकते वो कुछ नहीं बदल सकते…

69 :- खुशी के लिए काम करोगे तो ख़ुशी नहीं मिलेगी, लेकिन खुश होकर काम करोगे, तो ख़ुशी और सफलता दोनों ही मिलेगी ।

70 :- पराजय तब नहीं होती जब आप गिर जाते हैं, पराजय तब होती है जब आप उठने से इनकार कर देते हैं|
 

 

यहाँ आपके लिए 100 प्रेरणादायक सुविचार दिए गए हैं, जो जीवन में सकारात्मकता और प्रेरणा प्रदान करेंगे:


प्रेरणा और सफलता पर सुविचार

  1. हर कठिनाई में एक अवसर छिपा होता है, बस उसे पहचानने की दृष्टि चाहिए।
  2. अगर आपके सपने आपको डराते नहीं हैं, तो वे पर्याप्त बड़े नहीं हैं।
  3. सफलता उन्हीं को मिलती है, जो असफलताओं से हार नहीं मानते।
  4. जीतने के लिए इच्छाशक्ति और हारने के लिए हिम्मत चाहिए।
  5. असफलता से डरना नहीं, यह सीखने का एक और मौका है।
  6. कोशिश करना बंद कर देना, असफलता की सबसे बड़ी पहचान है।
  7. आज जो आप कर रहे हैं, वही कल आपका भविष्य तय करेगा।
  8. मेहनत का कोई विकल्प नहीं है।
  9. खुद पर भरोसा करना ही आपकी सबसे बड़ी ताकत है।
  10. सपने देखने वालों के लिए असंभव कुछ भी नहीं है।

सकारात्मक सोच और आत्म-निर्भरता पर सुविचार

  1. जब आप खुद पर विश्वास करते हैं, तो कुछ भी असंभव नहीं लगता।
  2. सकारात्मक सोच जीवन की सबसे बड़ी शक्ति है।
  3. सफलता हमेशा दूसरों से पहले खुद पर विश्वास करने से शुरू होती है।
  4. आपका दृष्टिकोण आपकी सफलता की दिशा तय करता है।
  5. खुशी आपके दृष्टिकोण का परिणाम है, परिस्थितियों का नहीं।
  6. विश्वास से बड़ी कोई औषधि नहीं।
  7. जीवन में वही पाते हैं, जो आप दूसरों को देते हैं।
  8. सोच को बदलें, आपकी दुनिया बदल जाएगी।
  9. अपने अंदर की रोशनी को पहचानें और उसे दूसरों तक पहुँचाएं।
  10. अपनी तुलना दूसरों से मत करें, बल्कि अपनी तुलना अपने पिछले प्रदर्शन से करें।

मेहनत और लगन पर सुविचार

  1. सफलता की सीढ़ी चढ़ने के लिए मेहनत की पहली सीढ़ी पार करनी पड़ती है।
  2. हर दिन को अपने जीवन का सबसे अच्छा दिन बनाएं।
  3. मेहनत से बड़ा कोई गुरु नहीं।
  4. जो मेहनत से डरते हैं, उन्हें सफलता दूर से सलाम करती है।
  5. आपकी मेहनत ही आपकी पहचान है।
  6. जितना अधिक आप प्रयास करेंगे, उतना ही करीब आप अपने लक्ष्य के होंगे।
  7. बिना मेहनत के सफलता केवल एक सपना है।
  8. मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है।
  9. रास्ते में रुकावटें होंगी, लेकिन मेहनत आपको मंजिल तक पहुँचाएगी।
  10. आपका हर छोटा कदम बड़ी सफलता की ओर ले जाता है।

समय और लक्ष्य पर सुविचार

  1. समय की कद्र करो, यह एक बार जाता है तो लौटकर नहीं आता।
  2. जो लोग अपने समय का सम्मान करते हैं, समय उनका सम्मान करता है।
  3. लक्ष्य के बिना जीवन एक बिना पतवार की नाव की तरह है।
  4. समय के साथ चलने वाले लोग हमेशा आगे रहते हैं।
  5. अपने समय को सही दिशा में लगाएं, यही सबसे बड़ी पूँजी है।
  6. आज का किया हुआ काम कल की सफलता तय करता है।
  7. समय कभी रुकता नहीं, इसलिए इसे व्यर्थ मत जाने दो।
  8. लक्ष्य बड़ा हो तो मेहनत और भी बड़ी होनी चाहिए।
  9. आज के फैसले आपका कल तय करेंगे।
  10. छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर उन्हें पूरा करें, बड़ी सफलता खुद-ब-खुद मिलेगी।

आत्मविश्वास और नेतृत्व पर सुविचार

  1. आत्मविश्वास के बिना आप कुछ भी नहीं कर सकते।
  2. अपने डर का सामना करें, वही आपकी ताकत बन जाएगा।
  3. आपकी सबसे बड़ी संपत्ति आपका आत्म-विश्वास है।
  4. खुद को समझने वाला इंसान ही दुनिया को समझ सकता है।
  5. नेतृत्व का मतलब खुद को प्रेरित करना है।
  6. जीतने वाले लोग खुद पर भरोसा करते हैं, हारने वाले दूसरों पर।
  7. अपने काम पर विश्वास रखें, दूसरों की राय पर नहीं।
  8. कठिन परिस्थितियाँ ही अच्छे नेताओं का निर्माण करती हैं।
  9. डर को हराना ही साहस की असली परिभाषा है।
  10. आत्मनिर्भर बनो, दूसरों पर निर्भरता आपकी सफलता को सीमित कर सकती है।

अतीत, वर्तमान, और भविष्य पर सुविचार

  1. अतीत को भूलकर वर्तमान में जियो और भविष्य का निर्माण करो।
  2. समय आपका है, इसे व्यर्थ मत जाने दो।
  3. बीते हुए कल को सुधार नहीं सकते, लेकिन आने वाला कल बना सकते हैं।
  4. अपने अतीत की गलतियों से सीखें, लेकिन उसमें न अटकें।
  5. आज का कार्य ही आपका भविष्य तय करेगा।
  6. अतीत का सम्मान करें, लेकिन वर्तमान में जिएं।
  7. हर नया दिन एक नया अवसर लेकर आता है।
  8. अपने वर्तमान को मजबूत करें, आपका भविष्य खुद मजबूत हो जाएगा।
  9. भविष्य की चिंता मत करो, बल्कि आज की जिम्मेदारी निभाओ।
  10. जीवन एक चलती गाड़ी है, पीछे मुड़कर मत देखो।

प्रेरक विचार जीवन के संघर्षों पर

  1. संघर्ष जितना बड़ा होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
  2. जीवन की सबसे बड़ी शिक्षा संघर्ष से मिलती है।
  3. संघर्ष ही आपको सफलता की ओर ले जाता है।
  4. हार मान लेना सबसे बड़ी असफलता है।
  5. मुश्किलों से भागना आपको कमजोर बनाता है।
  6. हर संघर्ष आपको मजबूत बनाता है।
  7. आपके संघर्ष ही आपकी सफलता की कहानी बनेंगे।
  8. समस्याओं को हल करने का नाम ही जीवन है।
  9. अगर गिरने से डरते हो, तो सफलता का सपना मत देखो।
  10. संघर्ष आपके अंदर छिपी ताकत को जाग्रत करता है।

जीवन और सोच पर सुविचार

  1. जीवन में सही निर्णय लेना जरूरी है, लेकिन उससे भी जरूरी है उन्हें सही साबित करना।
  2. जिंदगी एक अवसर है, इसे भरपूर जीएं।
  3. जो लोग हमेशा सीखने की कोशिश करते हैं, वे कभी हारते नहीं।
  4. हर दिन एक नई शुरुआत है।
  5. जब तक आप खुद को नहीं बदलते, दुनिया नहीं बदलती।
  6. अपने विचारों को बदलें, आपका जीवन बदल जाएगा।
  7. हर स्थिति में एक अच्छा पक्ष देखने की आदत डालें।
  8. जीवन एक सफर है, मंजिल तक पहुँचने का आनंद लें।
  9. बदलाव जीवन का नियम है, इसे अपनाना सीखें।
  10. जैसा आप सोचते हैं, वैसा ही आप बनते हैं।

अन्य प्रेरक विचार

  1. उम्मीद वह शक्ति है, जो कठिन से कठिन परिस्थिति में भी आगे बढ़ाती है।
  2. दूसरों के लिए प्रेरणा बनें।
  3. छोटी-छोटी खुशियों का आनंद लें।
  4. हर समस्या का समाधान आपके पास ही है।
  5. खुश रहना एक कला है, इसे अपनाएं।
  6. आपका व्यक्तित्व आपकी सबसे बड़ी ताकत है।
  7. सफलता कोई मंजिल नहीं, यह एक यात्रा है।
  8. असंभव कुछ भी नहीं है।
  9. जीवन को जटिल न बनाएं, इसे सरलता से जिएं।
  10. सच्ची खुशी दूसरों की मदद में है।
  11. धैर्य रखें, समय सब ठीक कर देगा।
  12. गलतियों से घबराएं नहीं, यह सीखने का माध्यम हैं।
  13. अच्छा सोचें, अच्छा करें, और अच्छा पाएँ।
  14. जीवन में विश्वास बनाए रखें।
  15. सच्चा ज्ञान विनम्रता से आता है।
  16. दूसरों को सम्मान दें, यही आपकी असली पहचान है।
  17. सफलता केवल मेहनत की साथी है।
  18. दूसरों को देखकर अपनी तुलना न करें।
  19. सही मार्ग पर चलने का साहस रखें।
  20. हर दिन को एक नई उम्मीद के साथ शुरू करें।

इन सुविचारों से जीवन में प्रेरणा, सकारात्मकता और संतुलन लाने में मदद मिलेगी।

1. जीवन में विजेता कुछ अलग नहीं करते परंतु वह चीजों को ही अलग तरीके से करते हैं।

2. सफलता का एकमात्र उपाय कड़ी मेहनत करना ही है।

3. जब तक आप चीजों को अलग तरीके से नहीं देखते तब तक आप उसे अलग तरीके से नहीं कर सकते।

4. कुछ कर सकने में सफलता आती है और कुछ ना कर सकने में असफलता आती है।

5. अपने मिशन में सफल होने के लिए आपको अपने लक्ष्य के प्रति एक चित भाव से समर्पित होना पड़ेगा ।

 

: मृत्यु के बाद भी पुण्य कमाने के 7 (सात) आसान उपाय ।

(1)= किसी को धार्मिक ग्रन्थ भेंट करे जब भी कोई उसका पाठ करेगा आप
को पुण्य मिलेगा ।
(2)= एक व्हीलचेयर किसी अस्पताल मे दान करे जब भी कोई मरीज उसका उपयोग करेगा पुण्य आपको मिलेगा।
(3)= किसी अन्नक्षेत्र के लिये मासिक ब्याज वाली एफ डी बनवादे जब भी उसकी ब्याज से कोई भोजन करेगा आपको पुण्य मिलेगा l
(4)=किसी पब्लिक प्लेस पर वाटर कूलर लगवाएँ हमेशा पुण्य मिलेगा।
(5)= किसी अनाथ को शिक्षित करो वह और उसकी पीढ़ियाँ भी आपको दुआ देगी तो आपको पुण्य मिलेगा।


✋ याद रहे औलाद तो अपना हक समझती है जरा भी कमी रह जाए तो मरणोपराँत भी गाली देती है कि हमारे लिये किया ही क्या।


(6)= अपनी औलाद को परोपकारी बना सके तो सदैव पुण्य मिलता रहेगा।
( 7)= सबसे आसान है कि आप ये बाते औरों को बताये किसी एक ने भी अमल किया तो आपको पुण्य मिलेगा...

मृत्यु के बाद भी पुण्य कमाने के कई उपाय सनातन धर्म, वेद, और पुराणों में बताए गए हैं। ये कार्य जीवित रहते हुए किए जाते हैं, लेकिन उनके फल मृत्यु के बाद भी व्यक्ति को लाभान्वित करते हैं। यहाँ 50 ऐसे आसान और प्रभावी उपाय दिए गए हैं:


दान से पुण्य कमाने के उपाय

  1. जरूरतमंदों को भोजन कराना (अन्नदान)।
  2. प्यासे को पानी उपलब्ध कराना (जलदान)।
  3. धार्मिक स्थलों पर गौशाला के लिए धन या चारा दान।
  4. मंदिर, कुआं, या धर्मशाला बनवाना।
  5. निर्धन बच्चों को शिक्षा के लिए सहायता देना।
  6. पुस्तकें, पठन सामग्री, या शिक्षा सामग्री का दान।
  7. चिकित्सा के लिए गरीबों को आर्थिक मदद देना।
  8. धर्म ग्रंथों का दान।
  9. वस्त्र दान, विशेषकर सर्दियों में जरूरतमंदों को कंबल।
  10. अनाथालय या वृद्धाश्रम में दान।

प्राकृतिक संरक्षण के उपाय

  1. वृक्षारोपण करना और दूसरों को प्रेरित करना।
  2. नदी, तालाब, और जल स्रोतों की सफाई में योगदान।
  3. पक्षियों के लिए पानी और दाने की व्यवस्था करना।
  4. पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाना।
  5. फलदार वृक्ष लगाना।

धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य

  1. मंदिर निर्माण या उसमें सहायता।
  2. धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन और वितरण।
  3. धार्मिक अनुष्ठान या यज्ञ का आयोजन।
  4. गरीबों के लिए तीर्थ यात्रा का प्रबंध करना।
  5. मंदिर में नियमित दीपक जलाना।
  6. वेदपाठ या भागवत कथा का आयोजन।
  7. धार्मिक स्थलों पर सेवा कार्य करना।
  8. गौशालाओं में गौमाता की सेवा।
  9. धार्मिक आयोजनों में आर्थिक सहायता।
  10. हरिनाम संकीर्तन या भजन मंडलियों का आयोजन।

समाज सेवा के कार्य

  1. गरीबों की बेटियों के विवाह में मदद।
  2. दुर्घटनाग्रस्त लोगों की मदद करना।
  3. बेघर लोगों को आश्रय दिलाने में सहयोग।
  4. विकलांग व्यक्तियों को उपकरण दान करना।
  5. रक्तदान करना।
  6. निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन।
  7. विधवा और बुजुर्गों की मदद करना।
  8. बीमार या असहाय व्यक्तियों की सेवा करना।
  9. सार्वजनिक शौचालय या स्नानघर बनवाना।
  10. आपदा राहत कार्यों में भाग लेना।

शिक्षा और ज्ञान के प्रसार के उपाय

  1. छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करना।
  2. गरीब बच्चों के लिए स्कूल या लाइब्रेरी का निर्माण।
  3. धार्मिक और नैतिक शिक्षा का प्रचार।
  4. नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करना।
  5. विद्या और कौशल विकास केंद्र स्थापित करना।

आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ाने के उपाय

  1. मरने के बाद अपनी देह का दान (अंगदान)।
  2. अन्नकूट, भंडारा, या सामूहिक भोजन का आयोजन।
  3. प्रतिदिन मंत्र जाप और उसके पुण्य का अर्पण।
  4. गरीबों को मुफ्त चिकित्सा सेवाएँ देना।
  5. समाज में सद्भावना और प्रेम का प्रचार करना।

पशु-पक्षियों की सेवा

  1. घायल पशुओं का उपचार कराना।
  2. गौशालाओं में गोवंश की देखभाल।
  3. लावारिस कुत्तों और बिल्लियों को भोजन कराना।
  4. जंगलों में जल स्रोत बनवाना।
  5. जंगली पशुओं और पक्षियों की सुरक्षा हेतु प्रयास करना।

विशेष बात

इन कार्यों का पुण्य मृत्यु के बाद भी मिलता है क्योंकि यह कार्य समाज, प्रकृति, और धर्म के प्रति आपकी सेवा और समर्पण को दर्शाते हैं। इन उपायों को जीवन में अपनाकर न केवल अपनी आत्मा का उत्थान किया जा सकता है, बल्कि मृत्यु के बाद भी अपने कर्मों के फल से संसार में अच्छाई का प्रसार किया जा सकता है।


इनमें से कुछ उपाय चुनकर नियमित रूप से करते रहें। इससे आपका जीवन सार्थक बनेगा और मृत्यु के बाद भी आपकी पहचान एक पुण्यात्मा के रूप में बनी रहेगी।

 

#सूर्य और सात घोडो का #रहस्य

सूर्य और सात घोडो का रहस्य 
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रोचक तथ्य
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#सूर्य और सात घोडो का #रहस्य
#सूर्य और सात घोडो का #रहस्य

हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं तथा उनसे जुड़ी कहानियों का इतिहास काफी बड़ा है या यूं कहें कि कभी ना खत्म होने वाला यह इतिहास आज विश्व में अपनी एक अलग ही पहचान बनाए हुए है। विभिन्न देवी-देवताओं का चित्रण, उनकी वेश-भूषा और यहां तक कि वे किस सवारी पर सवार होते थे यह तथ्य भी काफी रोचक हैं।

सूर्य रथ
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हिन्दू धर्म में विघ्नहर्ता गणेश जी की सवारी काफी प्यारी मानी जाती है। गणेश जी एक मूषक यानि कि चूहे पर सवार होते हैं जिसे देख हर कोई अचंभित होता है कि कैसे महज एक चूहा उनका वजन संभालता है। गणेश जी के बाद यदि किसी देवी या देवता की सवारी सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है तो वे हैं सूर्य भगवान।

क्यों जुते हैं सात घोड़े
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सूर्य भगवान सात घोड़ों द्वारा चलाए जा रहे रथ पर सवार होते हैं। सूर्य भगवान जिन्हें आदित्य, भानु और रवि भी कहा जाता है, वे सात विशाल एवं मजबूत घोड़ों पर सवार होते हैं। इन घोड़ों की लगाम अरुण देव के हाथ होती है और स्वयं सूर्य देवता पीछे रथ पर विराजमान होते हैं।

सात की खास संख्या
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लेकिन सूर्य देव द्वारा सात ही घोड़ों की सवारी क्यों की जाती है? क्या इस सात संख्या का कोई अहम कारण है? या फिर यह ब्रह्मांड, मनुष्य या सृष्टि से जुड़ी कोई खास बात बताती है। इस प्रश्न का उत्तर पौराणिक तथ्यों के साथ कुछ वैज्ञानिक पहलू से भी बंधा हुआ है।

कश्यप और अदिति की संतानें
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सूर्य भगवान से जुड़ी एक और खास बात यह है कि उनके 11 भाई हैं, जिन्हें एकत्रित रूप में आदित्य भी कहा जाता है। यही कारण है कि सूर्य देव को आदित्य के नाम से भी जाना जाता है। सूर्य भगवान के अलावा 11 भाई ( अंश, आर्यमान, भाग, दक्ष, धात्री, मित्र, पुशण, सवित्र, सूर्या, वरुण, वमन, ) सभी कश्यप तथा अदिति की संतान हैं।

वर्ष के 12 माह के समान
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पौराणिक इतिहास के अनुसार कश्यप तथा अदिति की 8 या 9 संतानें बताई जाती हैं लेकिन बाद में यह संख्या 12 बताई गई। इन 12 संतानों की एक बात खास है और वो यह कि सूर्य देव तथा उनके भाई मिलकर वर्ष के 12 माह के समान हैं। यानी कि यह सभी भाई वर्ष के 12 महीनों को दर्शाते हैं।

सूर्यदेव की दो पत्नियां
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सूर्य देव की दो पत्नियां – संज्ञा एवं छाया हैं जिनसे उन्हें संतान प्राप्त हुई थी। इन संतानों में भगवान शनि और यमराज को मनुष्य जाति का न्यायाधिकारी माना जाता है। जहां मानव जीवन का सुख तथा दुख भगवान शनि पर निर्भर करता है वहीं दूसरी ओर शनि के छोटे भाई यमराज द्वारा आत्मा की मुक्ति की जाती है। इसके अलावा यमुना, तप्ति, अश्विनी तथा वैवस्वत मनु भी भगवान सूर्य की संतानें हैं। आगे चलकर मनु ही मानव जाति का पहला पूर्वज बने।

सूर्य भगवान का रथ
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सूर्य भगवान सात घोड़ों वाले रथ पर सवार होते हैं। इन सात घोड़ों के संदर्भ में पुराणों तथा वास्तव में कई कहानियां प्रचलित हैं। उनसे प्रेरित होकर सूर्य मंदिरों में सूर्य देव की विभिन्न मूर्तियां भी विराजमान हैं लेकिन यह सभी उनके रथ के साथ ही बनाई जाती हैं।

कोणार्क मंदिर
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विशाल रथ और साथ में उसे चलाने वाले सात घोड़े तथा सारथी अरुण देव, यह किसी भी सूर्य मंदिर में विराजमान सूर्य देव की मूर्ति का वर्णन है। भारत में प्रसिद्ध कोणार्क का सूर्य मंदिर भगवान सूर्य तथा उनके रथ को काफी अच्छे से दर्शाता है।

सात से कम या ज्यादा क्यों नहीं
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लेकिन इस सब से हटकर एक सवाल काफी अहम है कि आखिरकार सूर्य भगवान द्वारा सात ही घोड़ों की सवारी क्यों की जाती हैं। यह संख्या सात से कम या ज्यादा क्यों नहीं है। यदि हम अन्य देवों की सवारी देखें तो श्री कृष्ण द्वारा चालए गए अर्जुन के रथ के भी चार ही घोड़े थे, फिर सूर्य भगवान के सात घोड़े क्यों? क्या है इन सात घोड़ों का इतिहास और ऐसा क्या है इस सात संख्या में खास जो सूर्य देव द्वारा इसका ही चुनाव किया गया।

सात घोड़े और सप्ताह के सात दिन
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सूर्य भगवान के रथ को संभालने वाले इन सात घोड़ों के नाम हैं - गायत्री, भ्राति, उस्निक, जगति, त्रिस्तप, अनुस्तप और पंक्ति। कहा जाता है कि यह सात घोड़े एक सप्ताह के सात दिनों को दर्शाते हैं। यह तो महज एक मान्यता है जो वर्षों से सूर्य देव के सात घोड़ों के संदर्भ में प्रचलित है लेकिन क्या इसके अलावा भी कोई कारण है जो सूर्य देव के इन सात घोड़ों की तस्वीर और भी साफ करता है।

सात घोड़े रोशनी को भी दर्शाते हैं
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पौराणिक दिशा से विपरीत जाकर यदि साधारण तौर पर देखा जाए तो यह सात घोड़े एक रोशनी को भी दर्शाते हैं। एक ऐसी रोशनी जो स्वयं सूर्य देवता यानी कि सूरज से ही उत्पन्न होती है। यह तो सभी जानते हैं कि सूर्य के प्रकाश में सात विभिन्न रंग की रोशनी पाई जाती है जो इंद्रधनुष का निर्माण करती है।

बनता है इंद्रधनुष
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यह रोशनी एक धुर से निकलकर फैलती हुई पूरे आकाश में सात रंगों का भव्य इंद्रधनुष बनाती है जिसे देखने का आनंद दुनिया में सबसे बड़ा है।

प्रत्येक घोड़े का रंग भिन्न
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सूर्य भगवान के सात घोड़ों को भी इंद्रधनुष के इन्हीं सात रंगों से जोड़ा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि हम इन घोड़ों को ध्यान से देखें तो प्रत्येक घोड़े का रंग भिन्न है तथा वह एक-दूसरे से मेल नहीं खाता है। केवल यही कारण नहीं बल्कि एक और कारण है जो यह बताता है कि सूर्य भगवान के रथ को चलाने वाले सात घोड़े स्वयं सूरज की रोशनी का ही प्रतीक हैं।

पौराणिक गाथा से इतर
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यदि आप किसी मंदिर या पौराणिक गाथा को दर्शाती किसी तस्वीर को देखेंगे तो आपको एक अंतर दिखाई देगा। कई बार सूर्य भगवान के रथ के साथ बनाई गई तस्वीर या मूर्ति में सात अलग-अलग घोड़े बनाए जाते हैं, ठीक वैसा ही जैसा पौराणिक कहानियों में बताया जाता है लेकिन कई बार मूर्तियां इससे थोड़ी अलग भी बनाई जाती हैं।

अलग-अलग घोड़ों की उत्पत्ति
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कई बार सूर्य भगवान की मूर्ति में रथ के साथ केवल एक घोड़े पर सात सिर बनाकर मूर्ति बनाई जाती है। इसका मतलब है कि केवल एक शरीर से ही सात अलग-अलग घोड़ों की उत्पत्ति होती है। ठीक उसी प्रकार से जैसे सूरज की रोशनी से सात अलग रंगों की रोशनी निकलती है। इन दो कारणों से हम सूर्य भगवान के रथ पर सात ही घोड़े होने का कारण स्पष्ट कर सकते हैं।

सारथी अरुण
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पौराणिक तथ्यों के अनुसार सूर्य भगवान जिस रथ पर सवार हैं उसे अरुण देव द्वारा चलाया जाता है। एक ओर अरुण देव द्वारा रथ की कमान तो संभाली ही जाती है लेकिन रथ चलाते हुए भी वे सूर्य देव की ओर मुख कर के ही बैठते है !

केवल एक ही पहिया
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रथ के नीचे केवल एक ही पहिया लगा है जिसमें 12 तिल्लियां लगी हुई हैं। यह काफी आश्चर्यजनक है कि एक बड़े रथ को चलाने के लिए केवल एक ही पहिया मौजूद है, लेकिन इसे हम भगवान सूर्य का चमत्कार ही कह सकते हैं। कहा जाता है कि रथ में केवल एक ही पहिया होने का भी एक कारण है।

पहिया एक वर्ष को दर्शाता है 
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यह अकेला पहिया एक वर्ष को दर्शाता है और उसकी 12 तिल्लियां एक वर्ष के 12 महीनों का वर्णन करती हैं। एक पौराणिक उल्लेख के अनुसार सूर्य भगवान के रथ के समस्त 60 हजार वल्खिल्या जाति के लोग जिनका आकार केवल मनुष्य के हाथ के अंगूठे जितना ही है, वे सूर्य भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा करते हैं। इसके साथ ही गांधर्व और पान्नग उनके सामने गाते हैं औरअप्सराएं उन्हें खुश करने के लिए नृत्य प्रस्तुत करती हैं।

ऋतुओं का विभाजन
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कहा जाता है कि इन्हीं प्रतिक्रियाओं पर संसार में ऋतुओं का विभाजन किया जाता है। इस प्रकार से केवल पौराणिक रूप से ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक तथ्यों से भी जुड़ा है भगवान सूर्य का यह विशाल रथ।
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सूर्य और सात घोड़ों का रहस्य वैदिक और पौराणिक साहित्य में गहराई से वर्णित है। यह प्रतीकात्मकता, वैज्ञानिकता और दार्शनिक अर्थों से जुड़ा हुआ है। आइए इसे विभिन्न दृष्टिकोणों से समझें:


1. वेदों में सूर्य और सात घोड़े:

ऋग्वेद में सूर्य:

  • सूर्य को जीवन और प्रकाश का स्रोत माना गया है। इसे "सविता" या "सूर्यनारायण" कहा गया है।
  • सात घोड़ों को "सप्त अश्व" के रूप में वर्णित किया गया है, जो सूर्य के रथ को खींचते हैं।
  • यह सात घोड़े "सप्त छन्द" (वेद के सात छंद: गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, बृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती) का प्रतीक हैं। यह दर्शाता है कि सूर्य सभी वैदिक ज्ञान के स्रोत हैं।

सात घोड़ों का प्रतीक:

  • सात घोड़े सप्ताह के सात दिनों का प्रतीक हैं।
  • यह सात रंगों का भी प्रतीक है, जैसा कि प्रकाश के वर्णक्रम (इंद्रधनुष) में देखा जाता है।
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2. पुराणों में सूर्य और सात घोड़े:

सूर्य का रथ:

  • पुराणों में सूर्य को एक दिव्य रथ पर सवार दिखाया गया है, जिसमें एक पहिया और सात घोड़े हैं।
  • "सात घोड़े" समय और गति के प्रतीक हैं। वे जीवन के सतत प्रवाह और परिवर्तन को दर्शाते हैं।
  • रथ का एक पहिया "कालचक्र" का प्रतीक है, जो समय को दर्शाता है।

सारथी अरुण:

  • सूर्य के रथ के सारथी अरुण हैं, जो आधा उगता हुआ सूर्य (सूर्योदय और सूर्यास्त) का प्रतीक हैं। यह ब्रह्मांडीय ऊर्जा और संतुलन को दर्शाता है।
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3. दर्शन और वैज्ञानिक दृष्टिकोण:

आध्यात्मिक रहस्य:

  • सात घोड़े सात चक्र (मूलाधार से सहस्रार तक) का प्रतीक माने गए हैं।
  • सूर्य आत्मा (आत्मतत्त्व) का प्रतीक है, और घोड़े शरीर, मन और इंद्रियों को नियंत्रित करने की शक्ति का।

वैज्ञानिक दृष्टि:

  • प्रकाश का विक्षेपण (dispersion) सात रंगों में विभक्त होता है। सूर्य के सात घोड़े इन्हीं सात रंगों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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4. सात घोड़ों का पौराणिक महत्व:

  • सूर्य को धर्म, सत्य और जीवन का पालनकर्ता माना गया है। सात घोड़े इस बात का प्रतीक हैं कि जीवन में सात गुण या सद्गुण (धैर्य, तप, सत्य, दया, ज्ञान, क्षमा, और प्रेम) के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
  • यह भी माना जाता है कि सूर्य के सात घोड़े "सप्तलोक" (भू, भुवः, स्वः, महः, जनः, तपः, सत्य) का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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5. सात घोड़ों की गति और ऊर्जा:

  • सूर्य का रथ अनवरत गति का प्रतीक है। यह सिखाता है कि जीवन में निरंतर कर्मशील रहना चाहिए।
  • सात घोड़ों की ऊर्जा जीवन में संतुलन और गतिशीलता बनाए रखने का प्रतीक है।

 

प्राचीन भारतीय वैदिक सनातन परंपरा में सूर्य तंत्र और सूर्य विज्ञान:

सूर्य तंत्र और सूर्य विज्ञान वैदिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो सूर्य की ऊर्जा, उसकी प्रतीकात्मकता, और आध्यात्मिक व वैज्ञानिक महत्व को समझने और उपयोग करने की प्रक्रिया को दर्शाते हैं। यह तंत्र और विज्ञान न केवल आध्यात्मिक जागरूकता प्रदान करता है, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।


सूर्य तंत्र क्या है?

सूर्य तंत्र वैदिक तंत्र शास्त्र की एक शाखा है, जिसमें सूर्य को जीवनदायी ऊर्जा का स्रोत माना गया है। यह तंत्र सूर्य देवता के उपासना पद्धति, मंत्र, यंत्र, और ध्यान की विधियों पर आधारित है।

प्रमुख तत्व:

  1. सूर्य मंत्र:

    • सूर्य तंत्र में विभिन्न मंत्रों का उपयोग किया जाता है, जैसे:
      • आदित्य ह्रदय स्तोत्रम्
      • गायत्री मंत्र का सूर्य संस्करण: "ॐ भास्कराय विद्महे दिवाकराय धीमहि, तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्।"
      • बीज मंत्र: "ॐ घृणि सूर्याय नमः।"
  2. सूर्य यंत्र:

    • सूर्य यंत्र एक ज्यामितीय आकृति है जो सूर्य की ऊर्जा को आकर्षित और संचालित करता है।
    • इसका उपयोग ध्यान, पूजा, और ऊर्जा संतुलन के लिए किया जाता है।
  3. सूर्य उपासना:

    • प्रतिदिन सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देना।
    • तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य की ओर मुख करके जल अर्पण करना।
  4. ध्यान और प्राणायाम:

    • सूर्य ध्यान (सूर्य की ओर देखकर ध्यान लगाना)।
    • सूर्य नमस्कार और सूर्य से जुड़े प्राणायाम।

सूर्य विज्ञान क्या है?

सूर्य विज्ञान वैदिक ग्रंथों और आधुनिक विज्ञान के मेल से विकसित एक दृष्टिकोण है, जिसमें सूर्य की ऊर्जा को जीवन के विभिन्न पहलुओं में उपयोगी बनाया जाता है। इसे वैदिक खगोलशास्त्र और चिकित्सा पद्धति से जोड़ा गया है।

मुख्य सिद्धांत:

  1. सूर्य: ऊर्जा और प्रकाश का स्रोत

    • सूर्य से मिलने वाली सौर ऊर्जा (सूर्य किरण) जीवन के लिए आवश्यक है।
    • सूर्य से आने वाली प्रकाश किरणें (यूवी, इंफ्रारेड आदि) शरीर में विटामिन डी का निर्माण करती हैं, जो हड्डियों और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करती है।
  2. सूर्य की स्थिति और स्वास्थ्य:

    • सूर्य की स्थिति और राशियों में उसकी चाल व्यक्ति के स्वास्थ्य और जीवन पर प्रभाव डालती है।
    • उदाहरण: कुंडली में कमजोर सूर्य को मजबूत करने के लिए सूर्य तंत्र का उपयोग किया जाता है।
  3. सूर्य का रंग विज्ञान:

    • सूर्य के सात रंग (इंद्रधनुष) मानव चक्र प्रणाली से जुड़े हैं।
    • यह शरीर के विभिन्न अंगों और चक्रों को सक्रिय और संतुलित करता है।
  4. सूर्य चिकित्सा:

    • सूर्य की किरणों का उपयोग विभिन्न रोगों के इलाज में किया जाता है।
    • "सूर्य क्रिया" के माध्यम से आँखों, त्वचा और मनोवैज्ञानिक समस्याओं का इलाज।

सूर्य तंत्र और विज्ञान का लाभ:

  1. शारीरिक लाभ:

    • प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है।
    • हड्डियों और त्वचा संबंधी रोगों का उपचार।
    • पाचन तंत्र और चयापचय को सुधारता है।
  2. मानसिक लाभ:

    • मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता को बढ़ाता है।
    • अवसाद और चिंता को कम करता है।
  3. आध्यात्मिक लाभ:

    • आत्मा को ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करता है।
    • आंतरिक शांति और संतुलन को बढ़ावा देता है।
  4. सांसारिक लाभ:

    • कुंडली में कमजोर सूर्य के कारण आने वाली बाधाओं को दूर करता है।
    • समाज में मान-सम्मान, धन और सफलता दिलाने में सहायक।

सूर्य तंत्र के अभ्यास के चरण:

  1. सूर्य उपासना:

    • प्रतिदिन सूर्य को प्रणाम और अर्घ्य देना।
    • सूर्य के बीज मंत्र का जाप।
  2. सूर्य ध्यान:

    • सूर्योदय या सूर्यास्त के समय ध्यान करना।
  3. सूर्य नमस्कार:

    • शरीर को सुदृढ़ और ऊर्जावान बनाने के लिए यह योगासन।
  4. सूर्य चिकित्सा:

    • प्रातःकालीन सूर्य किरणों के संपर्क में आना।
  5. सूर्य यंत्र की स्थापना:

    • इसे पूजा स्थल में स्थापित करना और नियमित पूजा करना।

निष्कर्ष:

सूर्य तंत्र और सूर्य विज्ञान मानव जीवन को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त करने के साधन हैं। यह केवल पूजा और ध्यान तक सीमित नहीं है, बल्कि आधुनिक विज्ञान के साथ मिलकर यह स्वास्थ्य और कल्याण का भी एक सशक्त माध्यम है।

सूर्य और सात घोड़ों का रहस्य गहन और बहुस्तरीय है। यह ब्रह्मांडीय ऊर्जा, वैदिक ज्ञान, जीवन के सात पहलुओं और संतुलित जीवन की शिक्षा देता है। वेद और पुराणों के माध्यम से यह प्रतीक हमें आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और नैतिक दृष्टि से प्रेरित करता है।

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सूर्य देव के रथ में जुड़े सात घोड़े, सूर्य की किरणों के सात रंगों को दर्शाते हैं. ये रंग हैं- बैंगनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल, और जामुनी. आधुनिक विज्ञान में इन्हें वाइब्रोरियम (VIBGYOR) कहते हैं
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सूर्य देव के रथ में जुड़े सात घोड़े, सप्ताह के सात दिनों का भी प्रतीक माने जाते हैं. 
  • सूर्य देव के रथ में जुड़े सात घोड़े, मानव शरीर के सात चक्रों और सप्त ऋषियों का भी प्रतिनिधित्व करते हैं. 
  • सूर्य देव के रथ में जुड़े सात घोड़े, ग्रहों और रत्नों को ऊर्जा देते हैं
  • सूर्य देव के रथ में जुड़े सात घोड़े, अविरल गतिमान रहते हैं. यह जीवन में कर्म और प्रयत्न के महत्व को दर्शाता है.
  • सूर्य देव के रथ के सारथी अरुण हैं. अरुण, भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ के भाई हैं
  • सूर्य देव के रथ को सात घोड़ों की लगाम अरुण देव के हाथों में होती है
  • वास्तु के अनुसार, घोड़े की पेंटिंग में सात घोड़े शक्ति व सफलता का प्रतिनिधित्व करते हैं। घोड़ों को दौड़ते हुए दिखाया गया है, जो सफल और सकारात्मक जीवन की ओर बढ़ने तथा प्रगति का प्रतिनिधित्व करता है। आपके घर या ऑफिस में 7 घोड़ों की पेंटिंग होने से नकारात्मक ऊर्जा कम होती है। दौड़ते हुए घोड़े की तस्वीर सफलता, उन्नति और ताकत का प्रतीक मानी जाती है। घर में इस तरह की सुंदर तस्वीर लगाने से परिवार के सदस्यों की किस्मत चमक सकती है, लेकिन इस तस्वीर को कहां और किस दिशा में लगाना है।
  • सूर्य को वेदों में जगत की आत्मा कहा गया है क्योंकि सूर्य से ही इस पृथ्वी पर जीवन है। ऋग्वेद में देवताओं में सूर्यदेव का महत्वपूर्ण स्थान है। उन्हें भगवान का नेत्र माना गया है। इसमें उषा को उनकी भार्या कहा गया है।
  • विज्ञान की प्राथमिक किताबों में यह बताया जाता है कि सूर्य सौरमंडल के केंद्र में स्थित होता है, परंतु क्या सूर्य एक जगह स्थिर रहता है या गति करता है, सूर्य, सौरमंडल के केंद्र में स्थित होता है परन्तु स्थिर नहीं होता यह विभिन्न प्रकार की गति कर रहा है, सूर्य वास्तव में कितने प्रकार की गति कर रहा है इसकी कल्पना करना और इस गति की गणना करना अभी तक संभव नहीं हो पाया है.

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    सूर्य की घूर्णन गति

    पृथ्वी की तरह सूर्य भी अपने अक्ष पर घूमता है हमारी पृथ्वी अपने अक्ष पर 24 घंटों में एक बार घूर्णन करती है, सूर्य भी अपने अक्ष पर घूमता है, सूर्य गैस का एक गोला है यह पृथ्वी की तरह ठोस नहीं है इसीलिए इसके अलग अलग हिस्सों में अलग अलग घूर्णनकाल होता है यह 24 से 27 दिनों में अपने अक्ष में एक चक्र पूर्ण कर लेता है, सूर्य के मध्य का हिस्सा तेज़ गति से घूमता है तथा ध्रुवीय हिस्सा धीमी गति से घूमता है.

    सूर्य की डगमगाहट

    कई ग्रह, उपग्रह और द्रव्यमान पिंड सूर्य का चक्कर लगाते हैं इनके गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से सूर्य अपने स्थान से थोड़ा डगमगा जाता है इससे whobling कहते हैं, यह बहुत कम मात्रा में होता है, क्योंकि सूर्य का द्रव्यमान ग्रहों के द्रव्यमान की तुलना में बहुत अधिक है.

    सूर्य गैलेक्सी के केंद्र का चक्कर लगाता है

    सूर्य मिल्की वे गैलेक्सी का एक तारा है, यह मिल्की वे के केंद्र का चक्कर लगाता है इसकी गति लगभग 250 किलोमीटर प्रति सेकंड है, गैलेक्सी के सभी तारे केंद्र की परिक्रमा करते हैं केंद्र के पास स्थित तारे धीमी गति से जबकि गैलेक्सी के केंद्र से दूर स्थित तारे अधिक गति से परिक्रमा करते हैं सूर्य के केंद्र से अधिक दूरी पर है इसलिए इसकी 250 किलोमीटर प्रति सेकंड है.

    सूर्य मिल्की वे गैलेक्सी के साथ गति करता है

    ब्रह्मांड में हमारी गैलेक्सी मिल्की वे स्थिर नहीं है यह एंड्रोमेडा गैलेक्सी की ओर बढ़ रही है इस में स्थित सभी तारे भी एंड्रोमेडा गैलेक्सी की ओर जा रहे हैं इसलिए सूर्य भी मिल्की वे गैलेक्सी के साथ एंड्रोमेडा गैलेक्सी की ओर गति कर रहा है, वैज्ञानिक इस गति का मापन नहीं कर पाए हैं.

    सूर्य की इन विभिन्न प्रकार की गतियों के अलावा भी कई प्रकार की गति होती है क्योंकि मिल्की वे गैलेक्सी का क्लस्टर और यह क्लस्टर जिस सुपरक्लस्टर का हिस्सा है वह भी गति कर रहे हैं, इसलिए सूर्य और पृथ्वी भी इस प्रकार की गति करते हैं, इन विभिन्न प्रकार की गतियों की एक साथ कल्पना कर पाना या इसका कंप्यूटर मॉडल बना पाना अभी तक संभव नहीं हो पाया है.

    कोणार्क मंदिर में विशाल रथ और साथ में उसे चलाने वाले सात घोड़े तथा सारथी अरुण देव, यह किसी भी सूर्य मंदिर में विराजमान सूर्य देव की मूर्ति का वर्णन है। भारत में प्रसिद्ध कोणार्क का सूर्य मंदिर भगवान सूर्य तथा उनके रथ को काफी अच्छे से दर्शाता है। लेकिन इस सब से हटकर एक सवाल काफी अहम है कि आखिरकार सूर्य भगवान द्वारा सात ही घोड़ों की सवारी क्यों की जाती हैं। यह संख्या सात से कम या ज्यादा क्यों नहीं है। यदि हम अन्य देवों की सवारी देखें तो श्री कृष्ण द्वारा चालए गए अर्जुन के रथ के भी चार ही घोड़े थे, फिर सूर्य भगवान के सात घोड़े क्यों? क्या है इन सात घोड़ों का इतिहास और ऐसा क्या है इस सात संख्या में खास जो सूर्य देव द्वारा इसका ही चुनाव किया गया।

    सूर्य भगवान के रथ को संभालने वाले इन सात घोड़ों के नाम हैं - गायत्री, भ्राति, उस्निक, जगति, त्रिस्तप, अनुस्तप और पंक्ति। कहा जाता है कि यह सात घोड़े एक सप्ताह के सात दिनों को दर्शाते हैं। यह तो महज एक मान्यता है जो वर्षों से सूर्य देव के सात घोड़ों के संदर्भ में प्रचलित है लेकिन क्या इसके अलावा भी कोई कारण है जो सूर्य देव के इन सात घोड़ों की तस्वीर और भी साफ करता है।

    पौराणिक दिशा से विपरीत जाकर यदि साधारण तौर पर देखा जाए तो यह सात घोड़े एक रोशनी को भी दर्शाते हैं। एक ऐसी रोशनी जो स्वयं सूर्य देवता यानी कि सूरज से ही उत्पन्न होती है। यह तो सभी जानते हैं कि सूर्य के प्रकाश में सात विभिन्न रंग की रोशनी पाई जाती है जो इंद्रधनुष का निर्माण करती है। यह रोशनी एक धुर से निकलकर फैलती हुई पूरे आकाश में सात रंगों का भव्य इंद्रधनुष बनाती है जिसे देखने का आनंद दुनिया में सबसे बड़ा है।

    सूर्य भगवान के सात घोड़ों को भी इंद्रधनुष के इन्हीं सात रंगों से जोड़ा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि हम इन घोड़ों को ध्यान से देखें तो प्रत्येक घोड़े का रंग भिन्न है तथा वह एक-दूसरे से मेल नहीं खाता है। केवल यही कारण नहीं बल्कि एक और कारण है जो यह बताता है कि सूर्य भगवान के रथ को चलाने वाले सात घोड़े स्वयं सूरज की रोशनी का ही प्रतीक हैं।

    यदि आप किसी मंदिर या पौराणिक गाथा को दर्शाती किसी तस्वीर को देखेंगे तो आपको एक अंतर दिखाई देगा। कई बार सूर्य भगवान के रथ के साथ बनाई गई तस्वीर या मूर्ति में सात अलग-अलग घोड़े बनाए जाते हैं, ठीक वैसा ही जैसा पौराणिक कहानियों में बताया जाता है लेकिन कई बार मूर्तियां इससे थोड़ी अलग भी बनाई जाती हैं। कई बार सूर्य भगवान की मूर्ति में रथ के साथ केवल एक घोड़े पर सात सिर बनाकर मूर्ति बनाई जाती है। इसका मतलब है कि केवल एक शरीर से ही सात अलग-अलग घोड़ों की उत्पत्ति होती है। ठीक उसी प्रकार से जैसे सूरज की रोशनी से सात अलग रंगों की रोशनी निकलती है। इन दो कारणों से हम सूर्य भगवान के रथ पर सात ही घोड़े होने का कारण स्पष्ट कर सकते हैं।

         
 

शनिवार, 7 दिसंबर 2024

शरीर में किस प्रकार से सेरोटोनिन बढ़ा सकते है

ढलती उम्र में सेरोटोनिन बढ़ाने के लिए सही खान-पान, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक उपचार के साथ स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना जरूरी है। नीचे इसके विभिन्न उपाय दिए गए हैं:


 

 
सेरोटोनिन
सेरोटोनिन

खाद्य पदार्थ

सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करने वाले खाद्य पदार्थ:

  1. ट्रिप्टोफैन युक्त खाद्य पदार्थ:

    • केला
    • दूध और डेयरी उत्पाद
    • मूंगफली और बादाम
    • अंडा (विशेष रूप से इसका सफेद भाग)
    • मछली (सैल्मन, टूना)
    • कद्दू के बीज और सूरजमुखी के बीज
  2. कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ:

    • ओट्स
    • ब्राउन राइस
    • क्विनोआ
  3. फ्रूट्स और सब्जियां:

    • अनानास
    • ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी
    • पालक, ब्रोकली और हरी पत्तेदार सब्जियां
  4. फर्मेंटेड फूड्स:

    • दही
    • अचार (प्राकृतिक रूप से फर्मेंटेड)
  5. डार्क चॉकलेट:
    इसमें एंटीऑक्सीडेंट और सेरोटोनिन बढ़ाने वाले तत्व होते हैं।


आयुर्वेदिक उपाय

  1. आयुर्वेदिक औषधियां:

    • ब्राह्मी: मानसिक शांति और सेरोटोनिन स्तर बढ़ाने के लिए।
    • अश्वगंधा: तनाव कम कर मूड को बेहतर बनाने में सहायक।
    • जटामांसी: मानसिक संतुलन और खुशी के लिए।
    • शंखपुष्पी: दिमाग को ठंडक और संतुलन देने के लिए।
    • सतावरी: हार्मोनल बैलेंस और मूड सुधारने में सहायक।
  2. गर्म दूध में हल्दी: नियमित सेवन तनाव को कम करता है।

  3. त्रिफला चूर्ण: आंतों की सफाई और शरीर के डिटॉक्स के लिए।


होम्योपैथिक औषधियां

  1. Natrum Muriaticum 30C: मूड और तनाव के लिए।
  2. Ignatia Amara 30C: अवसाद और चिंता के लक्षण कम करने के लिए।
  3. Arsenicum Album 30C: थकान और मानसिक तनाव में सहायक।
  4. Sepia 30C: हार्मोनल असंतुलन और मूड सुधारने के लिए।
  5. Calcarea Phosphorica 6X: मानसिक और शारीरिक थकावट को कम करने के लिए।

अन्य सुझाव

  1. योग और ध्यान:

    • योगासन जैसे कि शशांकासन, बालासन और शवासना।
    • रोजाना 10-15 मिनट ध्यान करें।
  2. धूप का सेवन: सुबह की धूप में 15-20 मिनट बिताएं। इससे शरीर में विटामिन डी के स्तर बढ़ते हैं, जो सेरोटोनिन उत्पादन में सहायक होता है।

  3. पर्याप्त नींद: हर दिन 7-8 घंटे की नींद लें।

  4. एक्टिविटी और वॉक: रोजाना कम से कम 30 मिनट पैदल चलना या व्यायाम करना।


इन उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप धीरे-धीरे शरीर में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ा सकते हैं और मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं। यदि समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

सेरोटोनिन का काम क्या है
पहले यह जानते हैं कि सेरोटोनिन का काम है. डॉ. कशिका जैन बताती हैं कि सेरोटोनिन चार प्रमुख हैप्पी हार्मोन में से एक हैं लेकिन यह न्यूरोट्रांसमीटर का भी काम करता है. इसलिए सेरोटोनिन का महत्व बहुत ज्यादा है. सेरोटोनिन आपके मूड को रेगुलेट करता है. इसलिए इसे फील गुड केमिकल कहा जाता है. जब सेरोटोनिन शरीर में ज्यादा रहता है तब आप किसी चीज पर बढ़िया से फोकस कर पाते हैं, ज्यादा खुश रहते हैं और ज्यादा शांत भी रहते हैं. चिंता, बेचैनी, अवसाद का लेस मात्र भी नहीं रहता.

पेट के लिए अमृत-चूंकि सेरोटिनिन का ज्यादा भाग पेट में ही बनता है. इसलिए यह पेट को जबर्दस्त फायदा पहुंचाता है. यह आंत की लाइनिंग को बहुत रिलेक्स फील कराता है. इससे डाइजेशन तेजी से होता है. सेरोटोनिन ही भूख लगाता है. अगर सेरोटोनिन की कमी हो जाए तो भूख कम लगेगी.

नींद का रसायन-सेरोटोनिन और डोपामाइन मिलकर नींद को लाता है. अगर ये दोनों हार्मोन रिलीज होंगे तो अच्छी नींद आएगी. सेरोटोनिन ही नींद को नियंत्रित करने वाले हार्मोन मेलोटोनिन को बनाता है. इसलिए सेरोटोनिन का होना कितना जरूरी है, यह समझ सकते हैं.

हड्डियों के लिए वरदान-सेरोटोनिन हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत जरूरी है. सेरोटोनिन के कारण ही बोन डेंसिटी मजबूत होती है. अगर हड्डियां मजबूत न हो तो हमारा कोई काम सही से नहीं होगा.

सेक्शुअल बूटी-सेरोटोनिन की कमी से यौन संबंध बनाने का मूड नहीं होता है. सेरोटोनिन और डोपामाइन मिलकर किसी व्यक्ति में यौन संबंध बनाने की इच्छा पैदा करता है. इसकी कमी से इरेक्टेलाइल डिसफंक्शन और प्रीमेच्योर इजेकुलेशन हो सकता है.

ब्रेन फंक्शन-सेरोटोनिन ब्रेन फंक्शन को मजबूत करता है.इससे किसी व्यक्ति में जल्दी से सीखने में मदद करता है. इससे याददाश्त भी तेज होती है.

नहीं होने से सब गड़बड़-अगर किसी में सेरोटोनिन की कमी हो जाए तो वह खुश नहीं रहता, हमेशा निराश, चिंता, बेचैनी और अवसाद में डूबा रहता है. ऐसा व्यक्ति हमेशा चिड़चिड़ा हो जाता है. यह लोगों के साथ सही तरीके से घुल मिल नहीं पाते और दूसरों पर शिकवे-शिकायतें ज्यादा करते हैं.

कैसे सेरोटोनिन बढ़ा सकते है

डॉ. कशिका जैन कहती हैं कि शरीर में सेरोटोनिन बढ़ाने के कई तरीके हैं. इसके लिए पहला काम यह कीजिए कि आप रोजाना 15-20 मिनट धूप जरूर सकें. कितनी भी बिजी हो सनलाइट जरूर लें. यह हमारे दिमाग के लिए बहुत जरूरी है. इसक बाद आप रोजाना एक्सरसाइज करें. 25-30 मिनट हर रोज एक्सरसाइज करें. एक्सरसाइज ऐसी करे जिसमें पसीना आए. इसके लिए जरूरी नहीं कि जिम ही जाए. बिना जिम जाए ही थोड़ा तेज चलें, रनिंग करें, जॉगिंग करें, स्विमिंग करें, भारी चीजों को उठाएं, साइकिल चलाएं. कुछ भी करे भारी काम होना चाहिए जिसमें आपको थकान हो, इसके लिए आप डांस भी कर सकते हैं. सेरोटोनिन बढ़ाने के लिए योग बहुत बढ़िया तरीका है. अगर आप रेगुलर योग करेंगे तो सेरोटोनिन लेवल ज्यादा होगा. आप योग के अलावा ध्यान करें. इसमें हंसने की प्रैक्टिस करें. लंबी-गहरी सांसें लें. मनपसंद म्यूजिक सुनने से भी सेरोटोनिन रिलीज होगा. आप लोगों के साथ घुले-मिलें, अपनों के साथ गले मिले. गार्डनिंग करें, पालतू जानवरों को घुमाएं. मसाज करवाने से भी सेरोटोनिन हार्मोन रिलीज होता. अपने घरों में खुशबूदार एरोमा का इस्तेमाल करें. प्रकृति के साथ यानी जंगल, पहाड़, नदी, झड़ना, समंदर आदि के पास घूमने से भी बहुत फायदा होता है. खाने-पीने में आप हरी पत्तीदार सब्जियां, साइट्रस फ्रूट्स, ब्लूबेरी, स्ट्रॉबंरी, डार्क चॉकलेट फायदेमंद होगा.

नट्स और सीड्स में ट्रिप्टोफेन नामक एमिनो एसिड पाया जाता है। यह सेरोटोनिन उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। कद्दू के बीज, तिल और सूरजमुखी के बीज, बादाम, काजू, मूंगफली, और अखरोट जैसे नट्स एमिनो एसिड के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। कोरोना के समय में इनका सेवन मूड को ठीक रखने में सहायक हो सकता है।

सेरोटोनिन बढ़ाने का एक प्राकृतिक तरीका व्यायाम करना है। जब आप साइकिल चलाते हैं या वजन उठाते हैं, तो आपका शरीर ट्रिप्टोफैन नामक एमिनो एसिड को अधिक मात्रा में छोड़ता है, जिसका उपयोग आपका मस्तिष्क सेरोटोनिन बनाने के लिए करता है।

अंडे से प्राप्त प्रोटीन बेहतर होते हैं क्योंकि उनमें कोलीन होता है, जो मस्तिष्क के कार्य को बढ़ाता है। यह अंडे को नाश्ते के लिए एक आदर्श विकल्प बनाता है क्योंकि वे पौष्टिक (अंडे की जर्दी) और जल्दी तैयार होने वाले दोनों होते हैं। अंडे में कोलीन भी होता है जो मस्तिष्क के कार्य को बेहतर बनाता है।

अनानास दशकों से यह साबित हो चुका है कि अनानास में सेरोटोनिन पाया जाता है।   

 

 

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