बुधवार, 15 अगस्त 2018

धर्म किसे कहते हैं ? Who is the religion?

                                                  
                                                                    hindu dharm
*__धर्म__*

*1.धर्म किसे कहते हैं ?*
 धर्मम् तु साक्षात भगवत प्राणितम ।

भगवान की आज्ञानुसार आचरण को धर्म कहते हैं । जिन कर्मों के करने से उन्नति हो और सच्चा सुख मिले उन कर्मों के आचरण को धर्म कहते हैं ।

*2. धर्म का पालन करना क्यों आवश्यक है?*
धर्म का पालन करने से ही मनुष्य उन्नति कर सकता है और सच्चा सुख पा सकता है, अगले जन्मों में क्रमशः उन्नति करते हुए मुक्ति को प्राप्त करता है। इसलिए धर्म का पालन करना आवश्यक है।

*3. धर्म का पालन नहीं करने से क्या हानि है ?*
धर्म का पालन नहीं करने से मनुष्य दिन पर दिन पतित होता जाता है, उसका जीवन दुखी हो जाता है और अगले जन्मों में पशु या कीड़े मकोडों का जन्म पाता है । धर्म का पालन नहीं करने से यही हानि है।

*4. धर्म के क्या लक्षण हैं ?*
धर्म के दस लक्षण मनु महाराज ने बताए हैं -धृति,क्षमा,दम,अस्तेय,शौच, इन्द्रिय निग्रह ,धी,विद्या, सत्य और अक्रोध ।

*5. धृति किसे कह्ते हैं ?*
कष्ट आने पर नहीं घबड़ाना, धीरज रखना , शांत मन से अपने कार्य करते जाना धृति कहलाता है।

*6. क्षमा किसे कहते हैं ?*
किसी से अनजाने में अपराध हो जाय तो बुरा न मानना, क्रोध न करना, उससे बदले की भावना न रखना क्षमा कहलाता है।

*7. दम किसे कहते हैं ?*
सुख-दुख में अपने मन को वश में रखना दम कहलाता है।

*8. अस्तेय किसे कहते हैं ?*
दूसरे की चीज बिना उसकी जानकारी के नहीं लेना अस्तेय कहलाता है।चोरी न करना अस्तेय कहलाता है।

*9. शौच किसे कहते हैं ?*
घर-बाहर,शरीर,मन और वाणी को साफ रखना शौच कहलाता है।

*10. इन्द्रिय निग्रह किसे कहते हैं ?*
अपनी इन्द्रियों को वश में रखने को इन्द्रिय-निग्रह कहते हैं ।

*11. धी किसे कहते हैं ?*
धी का अर्थ होता है-बुद्धि ।अपनी बुद्धि का विकास करना चाहिए। बुद्धि से अच्छी बातें ही सोचनी चाहिए।

*12. विद्या किसे कहते हैं ?*
विद्या कहते है ज्ञान को। मनुष्य को सत्य ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। असत्य ज्ञान को छोड़ देना चाहिए।

*13. सत्य किसे कहते हैं ?*
सच्चिदानंद श्रीकृष्ण ही पूर्ण-पुरुषोत्तम भगवान हें
सत्य-हरि का नाम सत्य
चेतन-आत्मा के रूप में
          शरीर को जीवित
आनन्द- सुखदाता हें ।
उमा कहुँ मेँ अनुभव अपना
सत्य श्रीहरि जगत सब सपना ।।

*14. अक्रोध का क्या अर्थ होता है ?*
क्रोध नहीं करने को अक्रोध कहते हैं । किसी भी कारण से मन मे क्षोभ नहीं उत्पन्न होने देना चाहिए।

*15. धर्म का बोध किस प्रकार होगा?*
धर्म का बोध प्रमाणिक धर्म ग्रन्थों एवं संतों की शरणागति से होगा।
*नोट:-* धर्म सभी मनुष्यों के लिए लाभकारी एवं उपयोगी होता है जबकि मज़हब कुछ मनुष्यों के समूह के लिये उपयोगी और अन्य के लिये अनुपयोगी एवं अहितकारी होता है। 
hindu dharm                               

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Please Do not Enter Any Spam Link in the Comment Box.
कृपया कमेंट बॉक्स में कोई स्पैम लिंक न डालें।

शास्त्रों के अनुसार मित्रता वाले नक्षत्र, शत्रुता वाले नक्षत्र एवं ग्रहों से सम्बन्ध

शास्त्रों के अनुसार किस नक्षत्र की किस नक्षत्र से मित्रता तथा किस नक्षत्र से शत्रुता एवं किस से सम भाव रहता है?   शास्त्रों में नक्षत्रों के...