बुधवार, 29 जनवरी 2025

06 भाव में मिथुन राशि में मंगल, चन्द्र, बुद्ध है, #Madhukar

06 भाव में मिथुन राशि में मंगल, चन्द्र, बुद्ध है, #Madhukar

छठे भाव (षष्ठम भाव) में मिथुन राशि में मंगल,  चंद्र, और  बुध का फल

छठा भाव (षष्ठम भाव) रोग, शत्रु, ऋण, संघर्ष, सेवा, प्रतियोगिता और कानूनी मामलों का भाव माना जाता है। यह स्वास्थ्य, विरोधियों से लड़ने की क्षमता और कार्यक्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है।

आपकी कुंडली में मिथुन राशि में मंगल, चंद्र और बुध इस भाव में स्थित हैं, जो मानसिक और शारीरिक दोनों तरह के प्रभाव डालते हैं।


🌟 ग्रहों की विशेष स्थिति

  1. मंगल (Mars) छठे भाव में:

    • मंगल यहां नीच भंग राजयोग बना सकता है क्योंकि मिथुन बुध की राशि है, जो मंगल के स्वभाव के विपरीत है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जब कोई ग्रह नीच राशि में होता है और फिर उसकी नीच अवस्था खत्म हो जाती है, तो उसे नीच भंग राजयोग कहते हैं. यह राजयोग बनने पर जातक को प्रसिद्धि, पैसा, और सरकारी लाभ मिल सकता है. 
    • नीच भंग राजयोग बनने के कुछ कारण:
      • जब कुंडली में नीच ग्रह के साथ उच्च ग्रह हो. 
      • जब कोई ग्रह अपनी नीच राशि में हो और उस राशि का स्वामी लग्न भाव या चंद्रमा से केंद्र में हो. 
      • जब कुंडली में नीच ग्रह के स्वामी की दृष्टि किसी नीच ग्रह पर हो. 
      • जब कुंडली में किसी ग्रह की नीच राशि का स्वामी और उसकी उच्च राशि का स्वामी परस्पर केंद्र स्थान में हो. 
      • जब कुंडली में नीच ग्रह वक्री हो जाए. 
      नीच भंग राजयोग के कुछ प्रभाव:
      • नीच भंग राजयोग बनने पर जातक को सरकारी नौकरी और प्रॉपर्टी का लाभ मिल सकता है. 
      • नीच भंग राजयोग बनने पर जातक को प्रसिद्धि, पैसा, अहंकार मिल सकता है.
      • नीच भंग राजयोग बनने पर जातक राजा के समान जीवन जी सकता है.
    • यह व्यक्ति को साहसी और प्रतिस्पर्धी बनाता है लेकिन गुस्से की प्रवृत्ति भी बढ़ा सकता है।
    • शत्रु पराजित होंगे, लेकिन स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा।
  2. चंद्रमा (Moon) छठे भाव में:

    • मानसिक अस्थिरता, चिंता और अनावश्यक तनाव दे सकता है।
    • भावनाओं पर नियंत्रण रखना कठिन हो सकता है।
    • माता के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है।
    • आपकी कुंडली के अनुसार छठे भाव में मिथुन राशि में चंद्रमा स्थित है, जिससे आपको मानसिक अस्थिरता, चिंता, अनावश्यक तनाव, भावनात्मक असंतुलन, और माता से सुख की कमी का अनुभव हो सकता है। छठा भाव रोग, ऋण, शत्रु और संघर्षों का भाव होता है, और यहाँ चंद्रमा होने से भावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

      🌙 छठे भाव में चंद्रमा के दुष्प्रभाव:

      ✔ मानसिक बेचैनी, चिंता और तनाव।
      ✔ भावनात्मक अस्थिरता, अचानक मूड स्विंग।
      ✔ माता के स्वास्थ्य में परेशानी या उनसे दूर रहने का योग।
      ✔ अनावश्यक खर्च और कर्ज बढ़ने की संभावना।
      ✔ पाचन और पेट संबंधी समस्याएँ।
      ✔ निर्णय लेने में असमंजस और आत्मविश्वास की कमी।


      🕉 उपाय (चंद्रमा को मजबूत और शुभ बनाने के लिए)

      1️⃣ चंद्र ग्रह के वैदिक और तांत्रिक उपाय

      चंद्र मंत्र का जाप करें:
      ॐ सोम सोमाय नमः (108 बार प्रतिदिन)

    • सुबह स्नान करके सफ़ेद आसन पर बैठकर करें।
    • सोमवार को 11000 बार जप कर सिद्ध कर सकते हैं।

    चंद्र यंत्र धारण करें:

  3. चाँदी की प्लेट पर चंद्र यंत्र बनवाकर सोमवार के दिन पूजा करके अपने पास रखें।
  4. इसे गंगाजल से शुद्ध कर, चावल, दही और श्वेत पुष्प अर्पित करें।

रुद्राक्ष:

  • दो मुखी रुद्राक्ष धारण करें (चंद्रमा की शांति के लिए)।

2️⃣ माता के सुख और चंद्र के शुभ प्रभाव के लिए उपाय

माता का सम्मान करें और उनकी सेवा करें।
चंद्रमा के लिए सोमवार का व्रत रखें।
गाय को चारा और रोटी खिलाएँ।
चाँदी का कड़ा या चंद्र यंत्र धारण करें।
माता दुर्गा की उपासना करें:

  • रोज़ "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" का 108 बार जाप करें।
    सोमवार को कच्चे दूध में शक्कर मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें।

3️⃣ मानसिक स्थिरता और तनाव कम करने के उपाय

चंद्र से जुड़े दान करें:

  • सोमवार को दूध, सफेद वस्त्र, चावल, चीनी और चाँदी का दान करें।
    रात्रि में चाँद को दूध मिश्रित जल से अर्घ्य दें।
    रोज़ सुबह 10-15 मिनट ध्यान (Meditation) करें।
    सोने से पहले सिर पर कच्चा दूध लगाएँ और फिर धो लें।
    बिस्तर के पास चाँदी या ताँबे के बर्तन में पानी भरकर रखें और सुबह उसे पेड़ में डाल दें।

4️⃣ आहार और दिनचर्या में सुधार

ठंडी तासीर वाले भोजन का सेवन करें:

  • दूध, दही, चावल, मिश्री, घी, नारियल का सेवन करें।
    मसालेदार और गरम तासीर वाली चीज़ों से बचें।
    रात्रि में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने की आदत डालें।
    सोमवार को उपवास या हल्का भोजन करें।

📌 निष्कर्ष:

अगर आप मानसिक तनाव, चिंता और माता के सुख में कमी महसूस कर रहे हैं, तो ये उपाय आपके लिए लाभकारी रहेंगे:
चंद्र मंत्र का जाप करें।
सोमवार को शिवलिंग पर दूध चढ़ाएँ।
चाँदी का कड़ा या चंद्र यंत्र धारण करें।
माता का सम्मान करें और सफेद वस्तुओं का दान करें।
योग और ध्यान करें, विशेष रूप से "ओम" का उच्चारण।

🚀 ये उपाय करने से चंद्रमा का अशुभ प्रभाव कम होगा, मानसिक स्थिरता आएगी, और जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस होगा।


🔹

छठे भाव (षष्ठम भाव) में मिथुन राशि में मंगल,  चंद्र, और  बुध का जातक पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव फल

1. व्यक्तित्व और स्वभाव

✅ बुद्धिमान, तार्किक और तेज दिमाग वाला व्यक्ति होगा।
✅ प्रतिस्पर्धात्मक भावना बहुत प्रबल होगी।
✅ संकटों का सामना करने की क्षमता होगी और विरोधियों को हराने में सफल रहेगा।
✅ बहस, तर्क-वितर्क, राजनीति, कानून, लेखन और वाणी में माहिर होगा।
✅ जोखिम लेने की प्रवृत्ति रहेगी, लेकिन सतर्कता आवश्यक होगी।

❌ अधिक गुस्सा आ सकता है और बोलने में कटुता हो सकती है।
❌ मन अस्थिर रह सकता है और निर्णय बदल सकता है।
❌ अधिक दिमागी कार्य से तनाव बढ़ सकता है।


2. मानसिकता और सोचने का तरीका

✅ हर चीज को तार्किक दृष्टिकोण से देखने की प्रवृत्ति होगी।
✅ बहस और वाद-विवाद में माहिर होगा।
✅ नए-नए विचार और योजनाएं बनाना पसंद करेगा।
✅ शोध, अनुसंधान और जासूसी कार्यों में सफलता मिल सकती है।

❌ कभी-कभी अधिक सोचने और संदेह करने की प्रवृत्ति।
❌ विरोधियों को अधिक तवज्जो देने से मानसिक तनाव।


3. स्वास्थ्य पर प्रभाव

✅ अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता होगी।
✅ शरीर में ऊर्जा अधिक होगी और जल्दी ठीक होने की क्षमता होगी।
✅ व्यायाम और खेल-कूद में रुचि होगी।

संभावित रोग:

  • पेट संबंधी दिक्कतें, गैस, कब्ज, एसिडिटी।
  • तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) कमजोर हो सकता है।
  • मानसिक तनाव, सिरदर्द, अनिद्रा।
  • खून से संबंधित रोग या त्वचा संबंधी समस्या हो सकती है।

4. करियर और धन की स्थिति

✅ कानून, वकालत, सेना, पुलिस, प्रशासन, रिसर्च, टेक्नोलॉजी, पत्रकारिता, लेखन, ज्योतिष, मनोविज्ञान आदि में सफलता।
✅ बैंकिंग, शेयर बाजार और व्यापारिक मामलों में लाभ मिलेगा।
✅ सरकारी नौकरी या प्रशासनिक कार्यों में सफलता मिल सकती है।
✅ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के योग।

❌ करियर में अत्यधिक प्रतिस्पर्धा और मानसिक दबाव।
❌ कई बार निर्णय लेने में भ्रम।
❌ व्यापार में साझेदारी से बचना चाहिए।


5. विवाह और दांपत्य जीवन

✅ जीवनसाथी बुद्धिमान और तर्कशील होगा।
✅ एक-दूसरे को अच्छी तरह समझने की क्षमता होगी।
✅ आपसी बातचीत और संवाद में अच्छी पकड़ होगी।

❌ रिश्तों में अहंकार और गुस्सा आ सकता है।
❌ कभी-कभी व्यस्तता के कारण पारिवारिक जीवन प्रभावित हो सकता है।
❌ अधिक तर्क करने से विवाद हो सकते हैं।


6. शत्रु, ऋण और कानूनी मामलों में प्रभाव

✅ शत्रुओं पर जीत प्राप्त होगी।
✅ विवादों को तार्किक तरीके से हल करने की क्षमता होगी।
✅ सरकारी और कानूनी मामलों में लाभ होगा।
✅ कोर्ट-कचहरी में जीत के योग हैं।

❌ अनावश्यक वाद-विवाद में न फंसें।
❌ ज्यादा तर्क-वितर्क करने से शत्रु बढ़ सकते हैं।


7. आध्यात्मिक और रहस्यमयी प्रभाव

✅ योग, ध्यान, मनोविज्ञान, ज्योतिष, तंत्र-मंत्र और शोध कार्यों में रुचि हो सकती है।
✅ गूढ़ और गुप्त विद्याओं में रुचि रहेगी।
✅ गुप्तचर (डिटेक्टिव) कार्यों में सफलता मिल सकती है।

❌ कभी-कभी संदेह की प्रवृत्ति अधिक हो सकती है।
❌ रहस्यमयी सोच और अनावश्यक जासूसी की आदत डाल सकता है।



  1. बुध (Mercury) छठे भाव में:

    • बुद्धि तेज होगी और व्यक्ति बहस में निपुण होगा।
    • तर्क-वितर्क में जीतने की क्षमता देगा, लेकिन वाणी कठोर हो सकती है।
    • व्यवसायिक और कानूनी मामलों में सफलता मिलेगी।

 

छ्टें भाव में स्थित बुध का फल (Mercury in Sixth House)

बुध फल विचार

यहां स्थित बुध आपको विवेकवान बनाता है। आप अपने परिश्रम के बल पर सफलता प्राप्त कर सकेंगे। आप आत्मविश्वासी और पुरुषार्थी व्यक्ति हैं। आप स्वभाव से तार्किक और विनोदी हो सकते हैं। लेकिन कई मामलों में आप एक कठोर वक्ता भी हो सकते हैं। आपको अपने बन्धु-बांधवों के साथ अच्छे सम्बंध बना कर रहना चाहिए।

कुछ लोगों के साथ आपका विरोध भी हो सकता है। हांलाकि आप केवल एक शत्रु ही नहीं शत्रुओं के समूह को रोकने में समर्थ होंगे। फिर भी उम्र के सैंतीसवें साल में आपको शत्रुभय रहेगा। लेकिन उम्र के तीसवें साल में आपकी मित्रता किसी बहुत प्रतिष्ठित व्यक्ति से हो सकती है। आपकी शिक्षा में कोई व्यवधान भी आ सकता है। कुछ बदमाश नौकर आपके लिए कष्टकारी हो सकते हैं।

आपके द्वारा किए गए अधिकांश खर्चें अच्छे कामों के लिए होंगे। हो सकता है कि आप किसी उत्तम काम के माध्यम से ही आजीविका चलाएं और अपने बाहुबल से धनार्जन करें। आपकी रुचि लेखन के कार्यों में हो सकती है। आप एक अच्छे रसायनशास्त्रज्ञ हो सकते हैं या किसी समाचार पत्र से जुड कर अथवा प्रिंटिंग प्रेस के माध्यम से आजीविका कमा सकते हैं।


1. मंत्र जाप और पूजा

  • मंगल के लिए: ॐ अं अंगारकाय नमः (108 बार)
  • चंद्र के लिए: ॐ सोम सोमाय नमः (108 बार)
  • बुध के लिए: ॐ बुं बुद्धाय नमः (108 बार)
  • हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • गणपति पूजा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

2. दान और उपाय

  • हर बुधवार को हरे वस्त्र और मूंग का दान करें।
  • मंगलवार को मसूर की दाल और गुड़ का दान करें।
  • सोमवार को दूध, चावल और सफेद वस्त्र का दान करें।

3. रत्न और धातु

  • रत्न चयन के लिए महत्वपूर्ण बिंदु:

  • मंगल (Mars) – मूंगा (Red Coral): साहस, आत्मविश्वास, और ऊर्जा बढ़ाने वाला।
  • चंद्र (Moon) – मोती (Pearl): मानसिक शांति, भावनात्मक स्थिरता और सोचने की स्पष्टता देता है।
  • बुध (Mercury) – पन्ना (Emerald): बुद्धि, वाणी, तर्क शक्ति और व्यापारिक सफलता के लिए।✅

आपके लिए सर्वोत्तम रत्न: पन्ना (एमराल्ड)

    • बुध मकर लग्न के लिए छठे और नवम भाव का स्वामी है। यह बौद्धिक क्षमता, संवाद, और रोग निवारण में सहायक होगा। पन्ना पहनने से बुध का शुभ प्रभाव बढ़ेगा।
    • बुध ग्रह आपके 6th भाव में स्थित है, तो  ये उपाय करें:
      (1)
      कृषि भूमि में गंगा जल से भरा बोतल दफनाएं।
      (2)
      अपने जीवनसाथी के लिए बाएं हाथ में चांदी की एक अंगूठी पहनांए।
      (3)
      किसी भी महत्वपूर्ण काम की शुरुआत किसी कन्या या बेटियों की उपस्थिति में करें अथवा हाँथ में फूल लेकर करना शुभ रहेगा।
       

 ✅ बुध मिथुन राशि का स्वामी है और आपकी कुंडली में छठे भाव में स्थित है, जिससे यह आपकी तर्कशक्ति, संवाद कौशल और करियर में स्थिरता लाने में मदद करेगा।

✅ मंगल और चंद्र दोनों के प्रभाव से कभी-कभी मानसिक अस्थिरता या गुस्से की समस्या हो सकती है, जिसे पन्ना संतुलित कर सकता है।
✅ पन्ना आपके करियर, व्यापार, तर्क-वितर्क, लेखन और कानूनी मामलों में सफलता दिलाने में मदद करेगा।

पन्ना पहनने के नियम:

  • वजन: कम से कम 5-7 रत्ती (व्यक्तिगत कुंडली विश्लेषण के अनुसार बढ़ सकता है)।
  • धातु: सोना या चांदी में पहनें।
  • अंगुली: छोटी उंगली (कनिष्ठिका)।
  • दिन: बुधवार।
  • मंत्र: ॐ बुं बुद्धाय नमः (108 बार जाप करें)।
  • ऊर्जा सक्रिय करने के लिए: पहने से पहले गाय के कच्चे दूध और गंगाजल से शुद्ध करें।

❌ मोती (Pearl) और मूंगा (Red Coral) क्यों नहीं?

  • मोती: चंद्रमा छठे भाव में स्थित होने के कारण मानसिक उतार-चढ़ाव दे सकता है, इसलिए मोती पहनने से भावनात्मक अस्थिरता बढ़ सकती है।
  • मूंगा: मंगल छठे भाव में संघर्ष और क्रोध को बढ़ा सकता है, जिससे मूंगा पहनने से यह प्रभाव और तीव्र हो सकता है।

📌 निष्कर्ष:

आपके लिए पन्ना (Emerald) सबसे उपयुक्त रत्न रहेगा, जो जीवनभर आपकी बुद्धि, करियर, तर्क शक्ति और संचार क्षमता को मजबूत करेगा।

4. आहार और जीवनशैली

  • संतुलित भोजन करें और मसालेदार चीजों से बचें।
  • अनावश्यक तर्क-वितर्क से बचें।
  • प्रतिदिन व्यायाम और योग करें।

🔮 निष्कर्ष

छठे भाव में मिथुन राशि में मंगल, चंद्र, और बुध का संयोग जातक को तेज दिमाग, वाद-विवाद में निपुणता और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता देता है। यह व्यक्ति किसी भी चुनौती से डरता नहीं और विरोधियों को मात देने की क्षमता रखता है। हालांकि, स्वास्थ्य पर ध्यान देना आवश्यक होगा, विशेष रूप से मानसिक तनाव और पेट से संबंधित समस्याओं पर।

बुध ग्रह शांति, मंत्र एवं उपाय

बुध ग्रह को बुद्धि, संचार और त्वचा का कारक कहा जाता है। बुध एक शुभ ग्रह है लेकिन क्रूर ग्रह के संगम से यह अशुभ फल देता है। बुध ग्रह शांति के लिए कई उपाय हैं। इनमें बुध यंत्र की स्थापना, बुधवार का व्रत, बुधवार को भगवान विष्णु का पूजन और विधारा की जड़ धारण करना आदि प्रमुख उपाय हैं। कुंडली में बुध की खराब स्थिति से त्वचा संबंधी विकार, शिक्षा में एकाग्रता की कमी, गणित विषय में कमजोरी और लेखन कार्य में परेशानी आती है। वहीं बुध के शुभ प्रभाव से बुद्धि, व्यापार, संचार और शिक्षा में उन्नति मिलती है। यदि आप बुध के अशुभ प्रभाव से पीड़ित हैं तो तुरंत बुध ग्रह शांति के लिए ये उपाय करें। इन कार्यों को करने से बुध ग्रह से शुभ फल की प्राप्ति होती है और अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।

वेश-भूषा एवं जीवन शैली से जुड़े बुध ग्रह शांति के उपाय

हरा रंग अथवा ग्रीन कलर के सभी शेड्स के कपड़े पहन सकते हैं।
बहन, बेटी अथवा छोटी कन्या का सम्मान करें।
बहन को उपहार भेंट करें।
व्यापार में ईमानदार रहें।

विशेषतः सुबह किये जाने वाले बुध ग्रह के उपाय

भगवान विष्णु की पूजा करें।
भगवान बुध की आराधना करें।
श्री विष्णुसहस्रनाम स्तोत्र का जाप करें।

बुध के लिये व्रत

व्यापार में धन लाभ अथवा गृह क्लेश निवारण के लिए बुधवार के दिन व्रत धारण करें।

बुध ग्रह शांति के लिये दान करें

बुध ग्रह से संबंधित वस्तुओं को बुधवार के दिन बुध की होरा एवं इसके नक्षत्रों (अश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती) में सुबह अथवा शाम को करना चाहिए।

दान करने वाली वस्तुएँ- हरी घास, साबुत मूंग, पालक, कांस्य के बर्तन, नीले रंग के पुष्प, हरे व नीले रंग के कपड़े, हाथी के दांतों से बनी वस्तुएँ इत्यादि।

बुध के लिए रत्न

ज्योतिष में बुध ग्रह शांति के लिए पन्ना रत्न धारण किया जाता है। पन्ना को पहनने से जातक को अच्छे फल प्राप्त होते हैं। बुध प्रधान राशि मिथुन और कन्या राशि के जातकों के लिए पन्ना रत्न शुभ होता है।

श्री बुध यंत्र

जिनकी बुध की महादशा चल रही हो उनको अभिमंत्रित बुध यंत्र को बुध की होरा और बुध के नक्षत्र के समय धारण करना चाहिए।

बुध के लिये जड़ी

बुध ग्रह के कुप्रभाव को कम करने के लिए विधारा की जड़ पहनें। इस जड़ को बुधवार के दिन बुध की होरा के समय अथवा बुध के नक्षत्र में धारण करें।

बुध ग्रह के लिये रुद्राक्ष

बुध ग्रह की शुभता के लिए 4 मुखी रुद्राक्ष / 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक होता है।
दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने हेतु मंत्र:
ॐ ह्रीं नमः।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्रीं।।

बुध मंत्र

बुध ग्रह से शुभ फल पाने के लिए बुध बीज मंत्र का जाप करें। मंत्र - ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः!

सामान्य रूप से बुध मंत्र को 9000 बार जपना चाहिए। हालाँकि देश-काल-पात्र सिद्धांत के अनुसार कलयुग में इस मंत्र को 36000 बार जपने के लिए कहा गया है।

बुध ग्रह को प्रसन्न करने के लिए आप इस मंत्र का भी जाप कर सकते हैं - ॐ बुं बुधाय नमः अथवा ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः!

बुध ग्रह शांति के उपाय करने से निश्चित ही आपको बुध ग्रह के शुभ फल प्राप्त होंगे और आपकी बौद्धिक, तार्किक एवं गणना शक्ति में वृद्धि होगी। इसके साथ ही आपकी संवाद शैली में निखार आएगा। इस लेख में दिए गए मजबूत बुध के टोटके पूर्ण रूप से वैदिक ज्योतिष पर आधारित हैं। जैसा कि आपने देखा है कि इस लेख में बुध दोष के उपाय के साथ उनको करने की भी विधि बतायी गई है और इसी विधि और नियम के साथ आपको बुध ग्रह शांति मंत्र का जाप, संबंधित रुद्राक्ष, रत्न तथा जड़ी को धारण करना चाहिए।

ज्योतिष में बुध ग्रह को एक तटस्थ ग्रह माना गया है, यह दूसरे ग्रहों की संगति के अनुसार ही फल देता है। वैदिक शास्त्रों में बुध ग्रह का संबंध भगवान विष्णु जी से है। अतः बुध शांति के उपाय करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। बुध ग्रह का वर्ण हरा है इसलिए बुध ग्रह शांति के लिए हरे रंग के कपड़ों को धारण अथवा दान किया जाता है। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का अधिपति है। इसलिए इन राशि के जातकों को बुध ग्रह शांति के उपाय को अवश्य ही करना चाहिए।

 

ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व

ज्योतिष में बुध ग्रह को एक शुभाशुभ ग्रह माना गया है अर्थात ग्रहों की संगति के अनुरूप ही यह फल देता है। यदि बुध ग्रह शुभ ग्रहों (गुरु, शुक्र और बली चंद्रमा) के साथ होता है तो यह शुभ फल देता है और क्रूर ग्रहों (मंगल, केतु, शनि राहु, सूर्य) की संगति में अशुभ फल देता है। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। कन्या इसकी उच्च राशि भी है जबकि मीन इसकी नीच राशि मानी जाती है। 27 नक्षत्रों में बुध को अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है। हिन्दू ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता और मित्र का कारक माना जाता है। सूर्य और शुक्र, बुध के मित्र हैं जबकि चंद्रमा और मंगल इसके शुत्र ग्रह हैं। बुध का वर्ण हरा है और सप्ताह में बुधवार का दिन बुध को समर्पित है।

बुध ग्रह का मानव जीवन पर प्रभाव

शारीरिक रूप रेखा एवं स्वभाव - जिस जातक की जन्म कुंडली में बुध ग्रह लग्न भाव में स्थित हो, वह व्यक्ति शारीरिक रूप से सुंदर होता है। देखने में व्यक्ति अपनी वास्तविक उम्र से कम आयु का दिखता है तथा उसकी आँखें चमकदार होंगी। लग्न का बुध व्यक्ति को स्वभाव से चालाक, तर्कसंगत, बौद्धिक रूप से धनी और कुशल वक्ता बनाता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति का स्वभाव भी सौम्य होता है और वह कई भाषाओं का ज्ञाता होता है। व्यवसाय क्षेत्र में भी ऐसे जातक सफल होते हैं। प्रथम भाव में बैठा बुध ग्रह जातक व्यक्ति को दीर्घायु प्रदान करता है।

बली बुध के प्रभाव - यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है तो जातक की संवाद शैली कुशल होती है। वह हाज़िर जवाबी होता है। व्यक्ति अपनी बातों से सबको मोह लेता है। बली बुध व्यक्ति को कुशाग्र बुद्धि का बनाता है। वह गणित विषय में अच्छा होता है। व्यक्ति की गणना करने की शक्ति तीव्र होती है। ऐसे जातक सभी विषयों को तार्किक दृष्टि से देखते हैं। वाणिज्य और क़ारोबार में भी व्यक्ति सफल होता है। बुध की कृपा जिस व्यक्ति पर होती है, वह एक अच्छा वक्ता होता है। संवाद और संचार के क्षेत्र में व्यक्ति अग्रणी भूमिका निभाता है।

पीड़ित बुध के प्रभाव - यदि जन्म कुंडली में बुध ग्रह किसी क्रूर अथवा पापी ग्रहों से पीड़ित हो तो यह जातक के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से समस्या कारक होता है। इस स्थिति में जातक अपने विचारों को सही रूप में बोलकर पेश नहीं कर पाता है तथा वह गणित विषय में कमज़ोर होता है और उसे गणना करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। पीड़ित बुध जातक को दिमागी रूप से कमज़ोर बनाता है। उसे चीज़ों को समझने में दिक्कत होती है। पीड़ित बुध के प्रभाव से व्यक्ति को क़ारोबार में हानि होती है। व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता आती है। ऐसे में जातकों को बुध ग्रह से संबंधित उपाय करना चाहिए।

रोग - पीड़ित बुध के कारण जातक को स्वास्थ्य हानि का सामना करना पड़ता है। व्यक्ति को बोलने में समस्या, नसों में पीड़ा, बहरापन, जीव, मुख, गले तथा नाक से संबंधित रोग, चर्म रोग, अत्यधिक पसीना आना, तंत्रिका तंत्र में परेशानी आदि का सामना करना पड़ता है।

कार्यक्षेत्र - वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह का संबंध वाणिज्य, लेखन, एंकरिंग, वकील, पत्रकारिता, कथा वाचक, प्रवक्ता आदि से है।

उत्पाद - ज्योतिष में बुध ग्रह के द्वारा अखरोट, पालक, पौधे, घी, तेल, हरी दालें, हरे रंग के वस्त्र आदि वस्तुएँ दर्शायी जाती हैं ।

स्थान - कॉलेज, विद्यालय, विश्वविद्यालय, सभी प्रकार के वाणिज्यिक स्थान, खेल का मैदान आदि।

पशु पक्षी - कुत्ता, बकरी, तोता, लोमड़ी, सरीसृप आदि।

जड़ - विधारा मूल।

रत्न - पन्ना।

रुद्राक्ष - चार मुखी रुद्राक्ष।

यंत्र - बुध यंत्र।

रंग - हरा

बुध से संबंधित मंत्र
बुध का वैदिक मंत्र
ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रति जागृहि त्वमिष्टापूर्ते सं सृजेथामयं च।
अस्मिन्त्सधस्‍थे अध्‍युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत।।


बुध का तांत्रिक मंत्र
ॐ बुं बुधाय नमः

बुध का बीज मंत्र
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः

खगोल विज्ञान के अनुसार बुध ग्रह

खगोल विज्ञान के अनुसार सौर मंडल में बुध सबसे छोटा ग्रह है और यह सूर्य से सबसे नज़दीक है। लेकिन बुध की घूर्णन गति सबसे तेज़ है। बुध के अक्ष का झुकाव अन्य ग्रहों की तुलना में सबसे कम है। यह सूर्य की परिक्रमा 87 दिन 23 घंटे में पूरी करता है। बुध का एक दिन पृथ्वी के 90 दिनों के बराबर होता है। बुध ग्रह पर वायुमंडल का अभाव है। इस ग्रह को सूर्यास्त के बाद अथवा ठीक सूर्योदय के ठीक पहले नग्न आँखों से देखा जा सकता है।

धार्मिक दृष्टि से बुध ग्रह का महत्व

सनातन धर्म में बुध ग्रह को देवता के रूप में पूजा जाता है। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि बुध, हमारी प्रज्ञा के देवता हैं। बुद्धि और क़ारोबार में सफलता पाने के लिए बुधवार के दिन बुध ग्रह की उपासना की जाती है। धार्मिक दृष्टि से बुध देव वृद्धि और समृद्धि देने वाले देव माने गए हैं। बुध ग्रह भगवान विष्णु जी का प्रतिनिधित्व करता है। कहते हैं यदि जिस व्यक्ति के ऊपर बुद्ध देव की कृपा बरस जाये तो उसका जीवन कल्याणमय हो जाता है। बुध उत्तर दिशा का स्वामी होता है जो कुबेर देव का स्थान है।

मंगल और बुध की युति 6st भाव में स्थित है

ज्योतिष के मुताबिक, छठे भाव में मंगल और बुध की युति शुभ मानी जाती हैइसके कुछ प्रभाव ये हैं:

·         इससे दिमाग तेज़ होता है और व्यक्ति ज़्यादा तेज़ी और कुशलता से काम करने लगता है.

·         इससे प्रतिकूल परिस्थितियों से उबरने की ताकत मिलती है.

·         इससे उत्तम स्वास्थ्य और मज़बूत वित्तीय स्थिति मिलती है.

·         इससे त्वचा संबंधी समस्याओं का ध्यान रखना ज़रूरी है.

·         इससे जातक राजनीति, लेखन, और प्रकाशन में नाम कमाता है.

·         इससे जातक तकनीक का अच्छा जानकार होता है

 

मंगल और बुध की युति, मंगल को क्रियाशीलता, आक्रामकता, और दृढ़ संकल्प को दर्शाती हैवहीं, बुध बुद्धि, तार्किक सोच, और अच्छे संचार को दर्शाता है

छठे भाव में मंगल ग्रह के शुभ प्रभाव से जातक शत्रु नाशक, धनवान, यशस्वी, और बलशाली होता हैवहीं, छठे भाव में बुध ग्रह के पीड़ित होने पर जातक अत्यधिक सोचने के कारण मानसिक तनाव से पीड़ित हो सकता है.

छठे भाव में मंगल और बुध की युति के कुछ और असर:

·         वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए.

·         इस समय धैर्य से काम लेना चाहिए.

·         क्रोध नहीं करना चाहिए.

·         धन-लाभ होने के योग बनते हैं, लेकिन धन का खर्च सोच-समझकर ही करना चाहिए.

·         इस दौरान लेन-देन नहीं करना चाहिए.

·         निवेश के लिए यह समय सही नहीं होता.

·         प्रतिकूलताओं से उबरने की शक्ति मिलती है.

·         उत्कृष्ट स्वास्थ्य और मज़बूत वित्तीय स्थिति मिलती है.

·         त्वचा संबंधी समस्याओं पर लगातार ध्यान देने की ज़रूरत होती है

ज्योतिष के मुताबिक, बुध को मज़बूत बनाने के लिए ये उपाय किए जा सकते हैं:

·         बुद्ध को समर्पित मंत्रों का जाप करना.

·         हरे रंग के कपड़े पहनना.

·         बुधवार को व्रत रखना.

·         पन्ना रत्न पहनना.

·         भगवान विष्णु की पूजा करना.

·         ज़रूरतमंदों को दान देना

ये उपाय ज्ञान, बुद्धिमत्ता, और संचार कौशल बढ़ा सकते हैं.


 

छठे भाव में चंद्रमा और बुध की युति 6st भाव में स्थित है

 

ज्योतिष के मुताबिक, छठे भाव में चंद्रमा और बुध की युति के कुछ फ़ायदे और नुकसान दोनों हैंइसके कुछ फ़ायदे ये हैं:

·         जातक का आत्मविश्वास बढ़ता है.

·         भाषा कौशल मज़बूत होता है.

·         पढ़ाई-लिखाई में मन लगता है.

·         जातक धनवान, गुणवान, और बुद्धिजीवी बनता है.

·         लेखन और पत्रकारिता के क्षेत्र में नाम कमाता है.

·         चंद्रमा और बुध की युति से जातक वाक्पटु वक्ता या सलाहकार बन सकता है.

·         इनकी समझाने और समझाने की क्षमता अच्छी होती है.

·         इनकी हमेशा तत्पर बुद्धि और परिष्कृत हास्य की भावना उन्हें लोगों के बीच लोकप्रिय बनाती है.

 

इसके कुछ नुकसान ये हैं:

·         जातक में पूर्ण या आंशिक पागलपन हो सकता है.

·         याददाश्त कमज़ोर हो सकती है.

·         किसी दुर्घटना का शिकार हो सकता है.

·         जातक अत्यधिक सोचने के कारण मानसिक तनाव से पीड़ित हो सकता है.

·         जातक को न्यूरोलॉजिकल की समस्या हो सकती है.

·         जातक बहुत ज़्यादा स्व केंद्रित हो जाता है.

ज्योतिष के मुताबिक, चंद्रमा मन का कारक हैबुध के साथ जिसका जुड़ाव हो जाए, तो जातक अच्छी कहानियां लिखता हैबुध वकील, ज्योतिषी, गणितज्ञ है तो ऐसा आदमी बहुत बढ़िया ज्योतिषी हो जाता है.

छठे भाव में चंद्रमा बताता है कि जातकों के प्रेम जीवन में उतार-चढ़ाव आएंगे  जीवन में संघर्ष रहेगा जहां आप अपने अत्यधिक भावुक स्वभाव के कारण कष्ट झेलेंगे। लेकिन आपके प्रेम जीवन में बहुत अच्छी समझ और वफादारी रहेगी।

ज्योतिष के मुताबिक, छठे भाव में चंद्रमा का फल ज़्यादातर अच्छा नहीं होताछठे भाव में चंद्रमा जातकों को अपनी भावनाओं को संभालने में कठिन समय और समस्याएं देता हैभावनात्मक आराम की निरंतर आवश्यकता रहेगीक्रोधी स्वभाव भी लंबे समय तक जीवन में नकारात्मक लक्षण रहेगा

किसी भी कुंडली में इस युति की स्थिति के आधार पर चंद्रमा-बुध युति के अपने सकारात्मक-नकारात्मक लक्षण होते हैं।

 

·         जो व्यक्ति मजबूत चंद्रमा-बुध संयोजन के साथ पैदा होते हैं, उन्हें उच्च विश्लेषणात्मक बुद्धि के साथ अच्छी विचार प्रक्रिया, एक नरम आवाज, मुस्कुराहट और मजाकिया कवच के साथ अच्छे संचार कौशल का आशीर्वाद मिलता है जो दूसरों के दिलों को पिघला सकता है जो उन्हें अपने लाभ के लिए एहसान प्रकट करने में सक्षम बनाता है।

·         इस संयोजन वाले व्यक्ति बुद्धिमान होते हैं और हर विवरण पर गहरी नजर रखते हैं क्योंकि वे बहुत अच्छे पर्यवेक्षक होते हैं और सभी स्थितियों के प्रति यथार्थवादी दृष्टिकोण के साथ दूसरों के विचारों को पढ़ते हैं।

·         चंद्र-बुध युति वाले जातकों का दिमाग सक्रिय होता है लेकिन कई बार उनके निर्णय और कार्य उनकी मनोदशा, चिंता और अनिर्णय पर आधारित होते हैं।

·         मजबूत या लाभकारी चंद्रमा-बुध संयोजन जातक को अच्छे धन, नाम और प्रसिद्धि, अच्छे सामाजिक जीवन के साथ-साथ पेशे में उच्च पद का आशीर्वाद दे सकता हैरोमांस के साथ अच्छे रिश्ते इस संयोजन के प्रमुख तत्वों में से एक हैं।

·         कमजोर या अशुभ चंद्रमा-बुध की युति जातक को स्वभाव से कमजोर और शंकालु बना सकती है, साथ ही भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक मुद्दों के साथ निर्णय लेने में समस्याओं की उच्च आवृत्ति हो सकती है, जो कभी-कभी इसके गंभीर अशुभ प्रभाव के तहत मानसिक समस्याओं के साथ व्यक्ति को दर्दनाक अनुभव का कारण बन सकती है। संयोजक। इसके विपरीत, यह युति जातक को काव्यात्मक या साहित्यिक अभिरुचि का आशीर्वाद दे सकती है।


शक्तिशाली चंद्रमा का प्रभाव

जब चंद्रमा-बुध युति में चंद्रमा की बुध पर मजबूत भूमिका होती है, तो व्यक्ति में बौद्धिक संवेदनशीलता और समझ के साथ दूसरों की समस्याओं को समझने की क्षमता के साथ-साथ दूसरों के हित को पोषित करने के उद्देश्य से चिंता व्यक्त करने की क्षमता भी होगी।

इस संयोजन में बुध पर चंद्रमा की शक्ति व्यक्ति को स्पष्ट धारणा और संचार के साथ खुली अभिव्यक्ति देती है जो केवल अपनी प्रकृति में भरोसेमंद है बल्कि वर्तमान स्थिति के लिए उद्देश्यपूर्ण है।


शक्तिशाली बुध का प्रभाव

जब चंद्रमा-बुध की युति में बुध की प्रमुख भूमिका होगी तो यह बुद्धिमत्ता और रचनात्मकता का उदाहरण है। मजबूत बुध व्यक्ति को वाणी, संचार, रचनात्मकता में विशेषज्ञता का आशीर्वाद देता है, जिससे वे अपने विचारों को स्पष्ट संदेश के साथ दूसरों तक पहुंचा सकते हैं।

मजबूत बुध उन्हें अच्छे धन, नाम और प्रसिद्धि, अच्छे सामाजिक जीवन के साथ-साथ जीवन में उच्च पद का आशीर्वाद दे सकता हैरोमांस के साथ अच्छे रिश्ते, उनके संचार में महान कौशल जो मां के माध्यम से प्राप्त या विरासत में मिल सकते हैं, उन्हें अपने व्यक्तिगत या पेशेवर मोर्चे पर सक्षम बनाते हैं।


सकारात्मक चंद्रमा-बुध युति

सकारात्मक चंद्रमा-बुध संयोजन किसी भी व्यक्ति को उसके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में उत्कृष्ट परिणाम देगा, क्योंकि यदि यह संयोजन जातक को अच्छी व्यावसायिक स्थिति, धन, प्रतिष्ठा के साथ-साथ व्यक्तिगत और प्रेम को पोषित करने के कौशल का आशीर्वाद देगा। अच्छे रोमांस और मजाकिया संचार के साथ संबंध, जो साथी के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए प्रिय और बुद्धिमान है।

व्यक्तिगत रूप से, यह युति जातक को आकर्षक व्यक्तित्व, व्यक्तिगत भावनाओं और आवश्यकताओं को व्यक्त करने के लिए अच्छे संचार के साथ-साथ भविष्य की सुरक्षा के लिए अच्छी संपत्ति और रिश्ते प्राप्त करने का आशीर्वाद दे सकती है।


नकारात्मक चंद्रमा-बुध युति

नकारात्मक चंद्रमा-बुध संयोजन जातक को संबंधित विषय पर अनिश्चितता के कारण अपनी विचार प्रक्रिया के बारे में दूसरों से बात करने में झिझक देगा। चंद्रमा-बुध की युति जातक को काव्यात्मक और साहित्यिक प्रवृत्ति प्रदान करेगी, लेकिन रचनात्मक कौशल में झिझक और आत्मविश्वास की कमी के कारण ये गुण खो जाते हैं।

दूसरी ओर, जातक अपने विचारों को व्यक्त करने, अपनी सभी योजनाओं को दैनिक दिनचर्या में उत्साहपूर्वक दूसरों के साथ साझा करने में इतना तल्लीन रहता है कि उसकी रचनात्मकता का सार और महत्व खो जाता है। यह संयोजन व्यक्ति को झिझकने या बातूनी होने की चरम सीमा तक ले जा सकता है, जो उनकी संभावनाओं के लिए फलदायी नहीं है।


 

छठे भाव में चंद्रमा और मंगल की युति 6st भाव में स्थित है

 

ज्योतिष के मुताबिक, छठे भाव में चंद्रमा और मंगल की युति से जातक साहसी बनता हैज्योतिष में इसे लक्ष्मी योग भी कहते हैंज्योतिष शास्त्र में चंद्र मंगल योग को शुभ माना जाता हैइस योग से जातक की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है और समाज में मान-सम्मान मिलता है

ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता हैवहीं, मंगल अग्नि का कारक है और मनुष्य में क्रोध का कारक हैचंद्रमा और मंगल की युति से जातक तीव्र भावनाओं वाला बन सकता हैमंगल क्रिया, आक्रामकता, और दावे का ग्रह हैवहीं, चंद्रमा भावनाओं, प्रवृत्ति, और प्रतिक्रियाओं का प्रतिनिधित्व करता है. 

ज्योतिष के मुताबिक, छठे भाव में चंद्रमा और मंगल की युति के कुछ और प्रभाव:

·         जातक के अंदर बदले की भावना ज़्यादा होगी.

·         वे अपने दुश्मनों को कभी नहीं बख्शेंगे.

·         वित्तीय सफलता के साथ, ये लोग रोमांटिक जीवन का आनंद लेंगे.

·         स्थानीय लोग घर के करीबी और झगड़ालू हो सकते हैं.

·         वे आम तौर पर जिद्दी और संघर्षशील हो सकते हैं.

·         वे बौद्धिक रूप से बुरे हो सकते हैं.

·         स्थानीय लोगों की मानसिकता द्वेषपूर्ण है.

 

ज्योतिष के मुताबिक, चंद्रमा हमेशा बुरे परिणाम नहीं देताचंद्रमा बुरे परिणाम तभी देता है, जब वह बलहीन हो, नीच भाव में हो, शत्रु की राशि में हो, पाप ग्रह/ग्रहों (शनि, अशुभ मंगल, राहू केतु) से युक्त, दृष्ट हो

छठे भाव में चंद्रमा और मंगल की युति के कुछ और प्रभाव:

·         जातक को मज़बूत मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य मिलता है.

·         जातक के अंदर बदले की भावना ज़्यादा होती है.

·         जातक अपने दुश्मनों को कभी नहीं बख्शता.

·         जातक वित्तीय सफलता के साथ, रोमांटिक जीवन का आनंद लेता है

छठे भाव में चंद्रमा और मंगल की युति के कुछ और प्रभाव:

·         जातक को सटीकता और अनुरोध से जुड़ी चीज़ें गहराई से समन्वित और व्यवस्थित तरीके से करने में मदद मिलती है.

·         जातक किसी भी तरह के कार्यक्रम से जुड़ी चीज़ों में सफलता हासिल करता है.

·         जातक को भोजन से परहेज़, शरीर-कंडीशनिंग प्रोग्राम, व्यायाम दिनचर्या प्रोग्राम, पावरलिफ़्टिंग, और ठोस रहने की योजना में सफलता मिलती है

चंद्रमा और मंगल को प्रसन्न करने के लिए ये उपाय किए जा सकते हैं:

·         मंगलवार का व्रत रखें और इस दिन नमक का सेवन करें.

·         सुबह और शाम हनुमान चालीसा का पाठ करें.

·         चंद्रमा का मंत्र: सोम सोमाय नमः.

·         मंगल का मंत्र: क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः

बुध आपके 6th भाव में स्थित है

कुंडली में छठे भाव का स्वामी ग्रह बुध होता हैछठे भाव में बुध होने का व्यक्तित्व पर असर:

·         बौद्धिक क्षमता बेहतर हो सकती है.

·         कड़े फ़ैसले लेने में सक्षम होंगे.

·         कुछ हद तक आलसी भी हो सकते हैं.

·         संवाद के दौरान दूसरों को चोट पहुंच सकता है.

·         न्यूरोलॉजिकल की समस्या भी देता है.

·         बहुत ज़्यादा स्व केंद्रित हो जाता है

 

छठे भाव में बुध होने का सामान्य प्रभाव:

·         व्यक्ति की बुद्धि झगड़ों और झगड़ों को सुलझाने में लगती है.

·         आप एक वकील हो सकते हैं जो संघर्षों को सुलझाता है, समझौते और असहमति बनाता है

छठे भाव में बुध होने पर जातक अपने रोज़गार या स्वास्थ्य को लेकर कानूनी कठिनाइयों में फंस सकता हैउन्हें दूसरों के साथ बातचीत में सतर्क रहने की ज़रूरत हो सकती है और ज़रूरत पड़ने पर कानूनी सलाह लेनी होगी. 

छठे भाव में बुध होने पर व्यक्ति की बुद्धि और उनके सोचने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हैइस भाव में बुध व्यक्ति को चंचल-चित्तता, गलत फ़ैसले, याददाश्त का कम होना जैसे संकेत भी दे सकता है.

छठवें घर में बुध उच्च का होता है। जातक आत्मनिर्भर और कृषि भूमि, स्टेशनरी, प्रिंटिंग प्रेस और व्यापार से लाभ प्राप्त करने वाला होता है। उसके मुंह से निकलने वाले शब्द चाहे अच्छे हों या बुरे, कभी भी बेकार नहीं जाते। उत्तर दिशा की ओर मुंह वाला घर बुरे प्रभाव देगा। उत्तर दिशा में बेटी की शादी करने से जातक को हर तरह से दु: मिलेगा।

 

बुध ग्रह आपके 6th भाव में स्थित है, तो  ये उपाय करें:
(1)
कृषि भूमि में गंगा जल से भरा बोतल दफनाएं।
(2)
अपने जीवनसाथी के लिए बाएं हाथ में चांदी की एक अंगूठी पहनांए।
(3)
किसी भी महत्वपूर्ण काम की शुरुआत किसी कन्या या बेटियों की उपस्थिति में करें अथवा हाँथ में फूल लेकर करना शुभ रहेगा।

 

 

शनि, बुध, शुक्र, मंगल, सूर्य और चंद्र की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए वास्तु, पौधे, आभूषण, जड़ी-बूटियां और रत्न उपाय

आपकी कुंडली में शनि, बुध और शुक्र शुभ ग्रह हैं, जबकि मंगल, सूर्य और चंद्र भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। अतः इन ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए वास्तु नियम, पौधे, धातुएं, जड़ी-बूटियां और रत्नों का सही प्रयोग आवश्यक है।


1️⃣ शनि (Saturn) की सकारात्मक ऊर्जा के लिए उपाय

वास्तु उपाय:

  • घर के पश्चिम दिशा को स्वच्छ रखें और वहां कोई भारी धातु (लोहा, स्टील) रखें।
  • घर में लोहे के झूले या लोहे की सजावट का सामान रखें।
  • मुख्य द्वार पर काले घोड़े की नाल लगाएं।
  • घर में गहरे रंग (नीला, काला, ग्रे) का उपयोग करें

🌱 पौधे:

  • पीपल का वृक्ष (शनिवार को जल चढ़ाएं)।
  • शमी का पौधा (घर के बाहर लगाएं)।

💎 रत्न/उपरत्न:

  • नीलम (Blue Sapphire) – यदि शनि बहुत मजबूत करना हो।
  • अमेथिस्ट (Jamunia) – नीलम का विकल्प।

🔮 आभूषण:

  • लोहे या स्टील का कड़ा दाहिने हाथ में पहनें
  • काले घोड़े की नाल से बनी अंगूठी मध्यमा (मध्य) उंगली में शनिवार को पहनें।

🌿 जड़ी-बूटी:

  • शमी की जड़ शनिवार को काले धागे में पहनें।
  • नीला धतूरा का पौधा घर में रखें।

2️⃣ बुध (Mercury) की सकारात्मक ऊर्जा के लिए उपाय

वास्तु उपाय:

  • घर के उत्तर दिशा को साफ और हल्के रंगों (हरा, हल्का पीला) से सजाएं।
  • घर में हरे पौधे और तुलसी लगाएं।
  • घर में तोता या हरे पक्षियों के चित्र रखें

🌱 पौधे:

  • तुलसी का पौधा (बुधवार को जल अर्पण करें)।
  • मनी प्लांट (बुध के सकारात्मक प्रभाव के लिए)।

💎 रत्न/उपरत्न:

  • पन्ना (Emerald) – बुध को मजबूत करने के लिए।
  • पेरिडॉट (Peridot) – पन्ना का विकल्प।

🔮 आभूषण:

  • पंचधातु की अंगूठी छोटी उंगली में बुधवार को पहनें।
  • पीतल का लॉकेट गले में धारण करें।

🌿 जड़ी-बूटी:

  • विदारीकंद की जड़ हरे धागे में पहनें।

3️⃣ शुक्र (Venus) की सकारात्मक ऊर्जा के लिए उपाय

वास्तु उपाय:

  • घर के दक्षिण-पूर्व (Southeast) दिशा में सुगंधित फूलों के पौधे लगाएं।
  • घर में सुगंधित इत्र और चंदन का उपयोग करें।
  • शयनकक्ष में सफेद, गुलाबी, क्रीम रंगों का प्रयोग करें

🌱 पौधे:

  • गुलाब और चमेली के फूल लगाएं।
  • श्वेत अपराजिता का पौधा लगाएं।

💎 रत्न/उपरत्न:

  • हीरा (Diamond) – शुक्र को प्रबल करने के लिए।
  • सफेद ज़िरकॉन या ओपल – हीरे का विकल्प।

🔮 आभूषण:

  • चाँदी की चेन और अंगूठी रिंग फिंगर (अनामिका) में शुक्रवार को पहनें।
  • पैरों में चाँदी की बिछिया धारण करें।

🌿 जड़ी-बूटी:

  • श्वेत चंदन की जड़ चाँदी में धारण करें।

4️⃣ मंगल (Mars) की सकारात्मक ऊर्जा के लिए उपाय

वास्तु उपाय:

  • घर के दक्षिण दिशा को मजबूत करें, वहां तांबे की वस्तुएं रखें।
  • रसोईघर को साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखें।
  • मंगलवार को हनुमानजी को गुड़-चने का भोग लगाएं

🌱 पौधे:

  • गुड़हल (लाल रंग का) का पौधा लगाएं।
  • अनार का पौधा घर में लगाएं।

💎 रत्न/उपरत्न:

  • मूंगा (Red Coral) – मंगल को प्रबल करने के लिए।
  • कैर्नेलियन (Carnelian) – मूंगा का विकल्प।

🔮 आभूषण:

  • तांबे का कड़ा दाहिने हाथ में मंगलवार को पहनें।
  • तांबे की अंगूठी अनामिका में पहनें

🌿 जड़ी-बूटी:

  • अनार की जड़ तांबे में मंगलवार को धारण करें।

5️⃣ सूर्य (Sun) की सकारात्मक ऊर्जा के लिए उपाय

वास्तु उपाय:

  • घर के पूर्व दिशा में सूरज की रोशनी आने दें।
  • तांबे के सूर्य का चित्र घर में लगाएं।
  • रोज सुबह सूर्य को जल अर्पण करें।

🌱 पौधे:

  • गुड़हल (लाल फूल वाला) का पौधा लगाएं।

💎 रत्न/उपरत्न:

  • रूबी (Manikya) – सूर्य को मजबूत करने के लिए।
  • सन स्टोन (Sunstone) – रूबी का विकल्प।

🔮 आभूषण:

  • तांबे या सोने की चेन गले में पहनें

🌿 जड़ी-बूटी:

  • बिल्व पत्र की जड़ सोने में पहनें।

6️⃣ चंद्र (Moon) की सकारात्मक ऊर्जा के लिए उपाय

वास्तु उपाय:

  • घर में उत्तर-पश्चिम (Northwest) दिशा में जल स्रोत रखें
  • घर में सफेद और हल्के नीले रंगों का प्रयोग करें।

🌱 पौधे:

  • चमेली और मोगरा के पौधे लगाएं।

💎 रत्न/उपरत्न:

  • मोती (Pearl) – चंद्रमा को मजबूत करने के लिए।
  • मूनस्टोन (Moonstone) – मोती का विकल्प।

🔮 आभूषण:

  • चाँदी की चेन और अंगूठी छोटी उंगली में सोमवार को पहनें।

🌿 जड़ी-बूटी:

  • खीर कंद की जड़ चाँदी में पहनें।

🚀 निष्कर्ष: ग्रहों की ऊर्जा को बढ़ाने के लिए क्या करें?

  • वास्तु: सही दिशा में सही चीजें रखें।
  • पौधे: हर ग्रह से जुड़े पौधे लगाएं।
  • आभूषण: उचित धातु का सही उंगली में पहना जाए।
  • जड़ी-बूटियां: ग्रहों से संबंधित जड़ धारण करें।
  • रत्न/उपरत्न: ग्रहों की मजबूती के लिए पहनें।

 

आपकी कुंडली के अनुसार, नौ ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए नीचे विस्तृत उपाय दिए गए हैं।



🏡 1. #वास्तु उपाय
घर के लिए वास्तु सुधार:
मुख्य द्वार: उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में साफ-सफाई और प्रकाश रखें।
पूजा स्थान: उत्तर-पूर्व दिशा में रखें और नियमित पूजा करें।
बेडरूम: दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) में रखें।
रसोई: दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) में होनी चाहिए।
शौचालय: उत्तर-पश्चिम (वायव्य कोण) या दक्षिण-पश्चिम में रखें।
विशेष वास्तु उपाय (आपकी कुंडली के अनुसार):
#राहु-केतु दोष निवारण: घर में नागकेसर और दूर्वा के पौधे लगाएं।
#शनि उपाय: घर के पश्चिमी हिस्से में शमी का पौधा लगाएं।
#चंद्र उपाय: उत्तर-पश्चिम दिशा में एक्वेरियम रखें।
#सूर्य उपाय: पूर्व दिशा में सूर्य यंत्र लगाएं और सुबह जल अर्पित करें।
#गुरु उपाय: उत्तर-पूर्व दिशा में पीले रंग का प्रयोग करें।
#शुक्र उपाय: घर में सुगंधित फूलों का उपयोग करें और चंदन जलाएं।

🌱 2. ग्रहों के अनुसार पौधे लगाने के उपाय
सूर्य: #गुड़हल (लाल) और आंवला लगाएं।
चंद्र: #चमेली और मोगरा लगाएं।
मंगल: #अनार और गुड़हल (लाल) लगाएं।
बुध: #तुलसी और मनी प्लांट लगाएं।
गुरु: #पीपल और केले का पौधा लगाएं।
शुक्र: #गुलाब और चमेली के पौधे लगाएं।
शनि: #शमी और पीपल लगाएं।
राहु: #नागकेसर और दूर्वा लगाएं।
केतु: #अश्वगंधा और कुशा घास लगाएं।

💍 3. ग्रहों के अनुसार #आभूषण पहनने के उपाय
सूर्य: तांबे की अंगूठी अनामिका (रिंग फिंगर) में रविवार को पहनें।
चंद्र: चाँदी की अंगूठी कनिष्ठिका (छोटी उंगली) में सोमवार को पहनें।
मंगल: तांबे की अंगूठी रिंग फिंगर में मंगलवार को पहनें।
बुध: पंचधातु की अंगूठी कनिष्ठिका में बुधवार को पहनें।
गुरु: सोने की अंगूठी तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) में गुरुवार को पहनें।
शुक्र: चाँदी की अंगूठी रिंग फिंगर में शुक्रवार को पहनें।
शनि: लोहे या स्टील का कड़ा दाहिने हाथ में शनिवार को पहनें।
राहु: पंचधातु का लॉकेट पहनें।
केतु: चाँदी का लॉकेट पहनें।

🌿 4. ग्रहों के अनुसार जड़ी-बूटियाँ पहनने के उपाय
सूर्य: बिल्व पत्र की जड़ तांबे में धारण करें।
चंद्र: खीर कंद की जड़ चाँदी में पहनें।
मंगल: अनार की जड़ तांबे में पहनें।
बुध: विदारीकंद की जड़ हरे धागे में पहनें।
गुरु: पीपल की जड़ सोने में पहनें।
शुक्र: श्वेत चंदन की जड़ चाँदी में पहनें।
शनि: शमी की जड़ शनिवार को पहनें।
राहु: नागकेसर और दूर्वा की जड़ पहनें।
केतु: कुशा घास की जड़ चाँदी में पहनें।

💎 5. ग्रहों के अनुसार रत्न और उपरत्न पहनने के उपाय
सूर्य: #माणिक्य (Ruby) – विकल्प: सन स्टोन (Sunstone)
चंद्र: #मोती (Pearl) – विकल्प: मूनस्टोन (Moonstone)
मंगल: #मूंगा (Red Coral) – विकल्प: कैर्नेलियन (Carnelian)
बुध: #पन्ना (Emerald) – विकल्प: पेरिडॉट (Peridot)
गुरु: #पुखराज (Yellow Sapphire) – विकल्प: सिट्रीन (Citrine)
शुक्र: #हीरा (Diamond) – विकल्प: सफेद ज़िरकॉन या ओपल
शनि: #नीलम (Blue Sapphire) – विकल्प: अमेथिस्ट (Jamunia)
राहु: #गोमेद (Hessonite)
केतु: लहसुनिया (Cat’s Eye)

🔮 6. ग्रहों के लिए विशेष उपाय (आपकी कुंडली के अनुसार)
🔆 सूर्य (सप्तम भाव में राहु के साथ) के लिए उपाय:
रविवार को सूर्योदय से पहले जल में लाल फूल और गुड़ मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें।
तांबे का कड़ा धारण करें।
लाल वस्त्र और गुड़ का दान करें।

🌙 चंद्र (षष्ठ भाव में मंगल और बुध के साथ) के लिए उपाय:
सोमवार को चावल, दूध और चीनी का दान करें।
चाँदी की अंगूठी पहनें।
तुलसी के पौधे को जल दें।

🔥 मंगल (षष्ठ भाव में) के लिए उपाय:
मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।
तांबे की अंगूठी पहनें।
मसूर की दाल का दान करें।

🌿 बुध (षष्ठ भाव में) के लिए उपाय:
बुधवार को हरे कपड़े पहनें और हरी मूंग का दान करें।
पन्ना या पेरिडॉट पहनें।

📖 गुरु (नवम भाव में शनि के साथ) के लिए उपाय:
गुरुवार को पीले वस्त्र और चने की दाल का दान करें।
पुखराज या सिट्रीन पहनें।

💍 शुक्र (अष्टम भाव में) के लिए उपाय:
शुक्रवार को चावल, सफेद मिठाई और चंदन का दान करें।
ओपल या ज़िरकॉन पहनें।

🪔 शनि (नवम भाव में) के लिए उपाय:
शनिवार को काले तिल, सरसों का तेल और लोहे का दान करें।
नीलम या अमेथिस्ट पहनें।

🌑 राहु (सप्तम भाव में सूर्य के साथ) के लिए उपाय:
राहु ग्रह शांति के लिए 9 बुधवार को नारियल बहाएं।
गोमेद पहनें।

🌿 केतु (लग्न भाव में) के लिए उपाय:
शनिवार को कुत्तों को खाना खिलाएं।
लहसुनिया धारण करें।


 

 


 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Please Do not Enter Any Spam Link in the Comment Box.
कृपया कमेंट बॉक्स में कोई स्पैम लिंक न डालें।

कुंडली के अनुसार नौ ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के उपाय कुण्डली विश्लेषण kiran-1

 कुंडली के अनुसार नौ ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के उपाय आपकी कुंडली के ग्रहों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, नीचे वास्तु, पौधे...