●● ॐ ●●
■■॥ अष्टलक्ष्मीस्तोत्रम् ॥■■
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●●卐●● आदिलक्ष्मी ●●卐●●
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सुमनसवन्दित सुन्दरि माधवि
चन्द्र सहोदरि हेममये।
मुनिगणमण्डित मोक्षप्रदायिनि
मञ्जुळभाषिणि वेदनुते॥
पङ्कजवासिनि देवसुपूजित
सद्गुणवर्षिणि शान्तियुते।
जयजय हे मधुसूदन कामिनि
आदिलक्ष्मि सदा पालय माम्॥१॥
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●●卐●● धान्यलक्ष्मी ●●卐●●
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अहिकलि कल्मषनाशिनि कामिनि
वैदिकरूपिणि वेदमये।
क्षीरसमुद्भव मङ्गलरूपिणि
मन्त्रनिवासिनि मन्त्रनुते॥
मङ्गलदायिनि अम्बुजवासिनि
देवगणाश्रित पादयुते।
जयजय हे मधुसूदन कामिनि
धान्यलक्ष्मि सदा पालय माम्॥२॥
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●●卐●● धैर्यलक्ष्मी ●●卐●●
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जयवरवर्णिनि वैष्णवि भार्गवि
मन्त्रस्वरूपिणि मन्त्रमये।
सुरगणपूजित शीघ्रफलप्रद
ज्ञानविकासिनि शास्त्रनुते॥
भवभयहारिणि पापविमोचनि
साधुजनाश्रित पादयुते।
जयजय हे मधुसूदन कामिनि
धैर्यलक्ष्मि सदा पालय माम्॥३॥
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●●卐●● गजलक्ष्मी ●●卐●●
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जयजय दुर्गतिनाशिनि कामिनि
सर्वफलप्रद शास्त्रमये।
रथगज तुरगपदादि समावृत
परिजनमण्डित लोकनुते॥
हरिहर ब्रह्म सुपूजित सेवित
तापनिवारिणि पादयुते।
जयजय हे मधुसूदन कामिनि
गजलक्ष्मि रूपेण पालय माम्॥४॥
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●●卐●● सन्तानलक्ष्मी ●●卐●●
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अहिखग वाहिनि मोहिनि चक्रिणि
रागविवर्धिनि ज्ञानमये।
गुणगणवारिधि लोकहितैषिणि
स्वरसप्त भूषित गाननुते॥
सकल सुरासुर देवमुनीश्वर
मानववन्दित पादयुते।
जयजय हे मधुसूदन कामिनि
सन्तानलक्ष्मि त्वं पालय माम्॥५॥
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●●卐●● विजयलक्ष्मी ●●卐●●
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जय कमलासनि सद्गतिदायिनि
ज्ञानविकासिनि गानमये।
अनुदिनमर्चित कुङ्कुमधूसर-
भूषित वासित वाद्यनुते॥
कनकधरास्तुति वैभव वन्दित
शङ्कर देशिक मान्य पदे।
जयजय हे मधुसूदन कामिनि
विजयलक्ष्मि सदा पालय माम्॥६॥
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●●卐●● विद्यालक्ष्मी ●●卐●●
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प्रणत सुरेश्वरि भारति भार्गवि
शोकविनाशिनि रत्नमये।
मणिमयभूषित कर्णविभूषण
शान्तिसमावृत हास्यमुखे॥
नवनिधिदायिनि कलिमलहारिणि
कामित फलप्रद हस्तयुते।
जयजय हे मधुसूदन कामिनि
विद्यालक्ष्मि सदा पालय माम्॥७॥
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●●卐●● धनलक्ष्मी ●●卐●●
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धिमिधिमि धिन्धिमि धिन्धिमि धिन्धिमि
दुन्दुभि नाद सुपूर्णमये।
घुमघुम घुङ्घुम घुङ्घुम घुङ्घुम
शङ्खनिनाद सुवाद्यनुते॥
वेदपुराणेतिहास सुपूजित
वैदिकमार्ग प्रदर्शयुते।
जयजय हे मधुसूदन कामिनि
धनलक्ष्मि रूपेण पालय माम्॥८॥
*****[श्री अष्टलक्ष्मी माता की जय]
#Ashtlaxmi Stotram : #अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम : Shree Ashta Lakshmi Stotram - with Lyrics
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